वाराणसी: जिले में आम आदमी पार्टी के नेता संजीव सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन करते ही दिल्ली हिंसा पर सख्त तेवर दिखाते हुए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. इन सबके बीच सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी क्या वजह रही जो 2014 में केजरीवाल को वाराणसी में चुनाव लड़ने के दौरान फुल सपोर्ट करने वाले संजीव ने उनसे दूरी बना ली.
नाराजगी के चलते छोड़ी पार्टी
संजीव की नाराजगी लोकसभा चुनाव 2019 में अरविंद केजरीवाल से देखने को मिली थी. इसी के चलते मार्च 2019 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देकर सिर्फ सदस्य रहने की घोषणा की थी. इसके बाद से लगातार वह वाराणसी में स्नातक सीट एमएलसी के लिए संघर्ष कर तैयारी में जुटे थे. अचानक से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू के संपर्क में आए और लोहिया की विचारधारा से प्रभावित होने वाले संजीव ने सपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए संजीव ने अपनी सभी बातों को बताया. उन्होंने साफ कहा कि जिस स्वराज और सामाजिक मुद्दों को लेकर हमने आम आदमी पार्टी के लिए संघर्ष किया था, वह भटक गई है. संजीव ने सीधे तौर पर केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली के हालात जिस तरह से गड़बड़ हुए हैं, उसके बाद भी उनकी चुप्पी निश्चित तौर पर खटक रही है.
संजीव सिंह ने अचानक से कांग्रेस में शामिल होने को लेकर खुलासा किया है. उन्होंने यह स्वीकार किया है कि वह स्नातक एमएलसी के चुनाव में कांग्रेस का प्रतिनिधि बनकर क्षेत्र में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर चुनाव लड़ेंगे. उनका साफतौर पर कहना था कि मैंने 9 महीने तक स्नातक एमएलसी को लेकर कई मुद्दों पर संघर्ष जारी रखा है, जो कांग्रेस को पसंद आया है. अगर अब कांग्रेस मुझे इस काबिल समझकर कोई नई जिम्मेदारी देती है तो निश्चित तौर पर मैं उसपर खरा उतरुंगा.