वाराणसी: जिले में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना, महत्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वावधान में एक वेबिनार का आयोजन हुआ. 'भारत-नेपाल राष्ट्र सह अस्तित्व: पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के विचारों की प्रासंगिकता' के विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का ऑनलाइन आयोजन किया गया.
डॉ. कृष्ण कुमार ने अतिथियों का किया स्वागत
विषय प्रवर्तन करते हुए शोध पीठ के सह समन्वयक डॉ. कृष्ण कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भू-सांस्कृतिक संदर्भों में सामाजिक संबंध, आर्थिक विकास में सहभागिता तथा समानता के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय के विचार महत्त्वपूर्ण हैं. केंद्र में समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण का विचार आज भारत-नेपाल राष्ट्र के लिए बहुत जरूरी है. प्राकृतिक आपदा दोनों ही राष्ट्रों में बार-बार जनहानि का कारक है, जो करोड़ों लोगों को प्रभावित करता है.
मुख्य अतिथि बने नेपाल सरकार के पूर्व उप वित्त मंत्री
अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य अतिथि नेपाल सरकार के पूर्व उप वित्त मंत्री उदय शमशेर राना ने कहा कि भारत-नेपाल की जनता की भावना का सम्मान होना चाहिए. दोनों देशों के करोड़ों नागरिक एक दूसरे देश में पीढ़ियों से निवास एवं रोजगार में अपना योगदान करते आए हैं. किसी विषय पर मीडिया एवं राष्ट्रीय प्रतिष्ठान को संयम एवं वास्तविक स्थितियों का ध्यान रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रतिनिधि अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए भारत विरोधी माहौल बना युवाओं को भ्रमित कर राष्ट्रवाद का प्रयोग कर रहे हैं, जो कि अनुचित है.
भारत-नेपाल का हृदय से संबंध
अंतरराष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने कहा कि भारत-नेपाल का हृदय से संबंध है. सांस्कृतिक एकता, विषम भौगोलिक, आर्थिक तथा राजनीतिक समस्याओं के निराकरण में सक्षम है. संगोष्ठी का संचालन और आयोजन सचिव डॉ. पारिजात सौरभ, संयोजक डॉ. केके सिंह ने संयुक्त रूप से किया. अतिथियों का औपचारिक स्वागत प्रो. निरंजन सहाय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कुंवर पुष्पेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया.