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काशी तमिल संगमम की तैयारियों ने पकड़ा जोर, दिखेगी उत्तर संग दक्षिण की कला संस्कृति की झलक - उत्तर संग दक्षिण की कला

यूपी के वाराणसी में रविवार से काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) की शुरूआत हो रही है. इस दौरान पीएम मोदी कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए वाराणसी पहुंचेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 15, 2023, 2:28 PM IST

वाराणसी : 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम की शुरुआत हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए वाराणसी पहुंचेंगे. सभी डेलिगेट्स को नमो घाट पर पीएम मोदी संबोधित करेंगे और इस आयोजन को लेकर तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. काशी तमिल संगमम पार्ट 2 के लिए तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से छात्रों का पहला डेलीगेट वाराणसी के लिए रवाना हो गया है. तमिलनाडु के गवर्नर रविंद्र नारायण रवि ने सुबह पहले संगम स्पेशल ट्रेन के ग्रुप को हरी झंडी दिखाकर काशी के लिए रवाना किया. काशी तमिल संगम के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा कुल मिलाकर तीन हजार लोगों और 230 डेलिगेट्स की मौजूदगी नमो घाट पर रहेगी.

काशी तमिल संगमम की तैयारियां
काशी तमिल संगमम की तैयारियां


30 दिसंबर को आयोजन का होगा समापन : जानकारी के अनुसार, 30 दिसंबर को इस आयोजन का समापन होगा और 14 दिनों तक काशी में दक्षिण भारत का खान-पांच, रहन-सहन और वेशभूषा के साथ ही वहां के लोग और काशी के लोगों का एक दूसरे के प्रति प्यार और दुलार भी दिखाई देगा. साथ ही ग्रुप में 1500 से ज्यादा डेलिकेट बनारस आएंगे. हर ग्रुप में 205 डेलिगेट्स की मौजूदगी होगी और 8 दिन का यह दौरा कर स्पेशल ट्रेनों के जरिए पूरा किया जाएगा. चार दिनों में एक दिन वाराणसी में कार्यक्रम होगा, जबकि एक दिन प्रयागराज और एक दिन अयोध्या में इन टीम के सदस्यों को लाया जाएगा. इसके बाद वाराणसी वापस आकर आठवें दिन सारे सदस्य वापस चेन्नई के लिए रवाना होंगे.

काशी तमिल संगमम की तैयारियां
काशी तमिल संगमम की तैयारियां

मंदिर प्रशासन की तरफ से व्यवस्था : जानकारी के अनुसार, यहां आने वाले डेलीगेट्स को काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष दर्शन पूजन करने की भी तैयारी की जा रही है. गंगा घाटों से लेकर गंगा आरती दिखाने और घूमने फिर आने की प्लानिंग भी है. दूसरे दिन एकेडमिक सेशन में हिस्सेदारी के अलावा तीसरे दिन प्रयागराज जो चौथे दिन अयोध्या विजिट के बाद काशी वापस लाकर इन लोगों को यहां से चेन्नई रवाना करना है. सबसे बड़ी बात यह है की एकादशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद वहां बनाए गए अन्य क्षेत्र में सभी डेलीगेट को भोजन कराने की भी तैयारी की गई है. मंदिर प्रशासन की तरफ से यह व्यवस्था की जा रही है. तमिल डेलिगेट्स का दल हनुमान घाट एरिया में भी जाएगा, क्योंकि इसे मिनी दक्षिण भारत के नाम से जाना जाता है. तमिलनाडु के महाकवि भारती का घर भी यहीं पर है. जिसे देखने के लिए स्टूडेंट्स और अन्य लोगों को ले जाया जाएगा.

काशी तमिल संगमम की तैयारियां
काशी तमिल संगमम की तैयारियां




मेहमानों के लिए विशेष तैयारी : काशी आने वाले मेहमानों के लिए विशेष तैयारी की जा रही है. वहां के खान-पान के हिसाब से चावल दही, इडली सांभर, कचौड़ी जलेबी और बनारस की मलइयो और यहां की चाट, गोलगप्पे का मजा भी सैलानियों को दिलवाया जाएगा. तमिलनाडु के भरतनाट्यम और यूपी के कत्थक का मेल देखने को मिलेगा. बनारस की साड़ी, कांजीवरम, गोपुरम साड़ियां भी यहां लगाए जाने वाले स्लॉट में देखने को मिलेंगी. तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश दोनों की कला संस्कृति की झलक इस आयोजन में दिखाई देगी.

यह भी पढ़ें : काशी तमिल संगमम : बनारस में बसा है मिनी दक्षिण भारत, 12 साल पैदल चलकर पहुंचे थे कई परिवार

यह भी पढ़ें : काशी-तमिल संगममः दक्षिण भारत से सात स्पेशल ट्रेनों में आएंगे अतिथि, होगा भव्य स्वागत

वाराणसी : 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम की शुरुआत हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए वाराणसी पहुंचेंगे. सभी डेलिगेट्स को नमो घाट पर पीएम मोदी संबोधित करेंगे और इस आयोजन को लेकर तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. काशी तमिल संगमम पार्ट 2 के लिए तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से छात्रों का पहला डेलीगेट वाराणसी के लिए रवाना हो गया है. तमिलनाडु के गवर्नर रविंद्र नारायण रवि ने सुबह पहले संगम स्पेशल ट्रेन के ग्रुप को हरी झंडी दिखाकर काशी के लिए रवाना किया. काशी तमिल संगम के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा कुल मिलाकर तीन हजार लोगों और 230 डेलिगेट्स की मौजूदगी नमो घाट पर रहेगी.

काशी तमिल संगमम की तैयारियां
काशी तमिल संगमम की तैयारियां


30 दिसंबर को आयोजन का होगा समापन : जानकारी के अनुसार, 30 दिसंबर को इस आयोजन का समापन होगा और 14 दिनों तक काशी में दक्षिण भारत का खान-पांच, रहन-सहन और वेशभूषा के साथ ही वहां के लोग और काशी के लोगों का एक दूसरे के प्रति प्यार और दुलार भी दिखाई देगा. साथ ही ग्रुप में 1500 से ज्यादा डेलिकेट बनारस आएंगे. हर ग्रुप में 205 डेलिगेट्स की मौजूदगी होगी और 8 दिन का यह दौरा कर स्पेशल ट्रेनों के जरिए पूरा किया जाएगा. चार दिनों में एक दिन वाराणसी में कार्यक्रम होगा, जबकि एक दिन प्रयागराज और एक दिन अयोध्या में इन टीम के सदस्यों को लाया जाएगा. इसके बाद वाराणसी वापस आकर आठवें दिन सारे सदस्य वापस चेन्नई के लिए रवाना होंगे.

काशी तमिल संगमम की तैयारियां
काशी तमिल संगमम की तैयारियां

मंदिर प्रशासन की तरफ से व्यवस्था : जानकारी के अनुसार, यहां आने वाले डेलीगेट्स को काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष दर्शन पूजन करने की भी तैयारी की जा रही है. गंगा घाटों से लेकर गंगा आरती दिखाने और घूमने फिर आने की प्लानिंग भी है. दूसरे दिन एकेडमिक सेशन में हिस्सेदारी के अलावा तीसरे दिन प्रयागराज जो चौथे दिन अयोध्या विजिट के बाद काशी वापस लाकर इन लोगों को यहां से चेन्नई रवाना करना है. सबसे बड़ी बात यह है की एकादशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद वहां बनाए गए अन्य क्षेत्र में सभी डेलीगेट को भोजन कराने की भी तैयारी की गई है. मंदिर प्रशासन की तरफ से यह व्यवस्था की जा रही है. तमिल डेलिगेट्स का दल हनुमान घाट एरिया में भी जाएगा, क्योंकि इसे मिनी दक्षिण भारत के नाम से जाना जाता है. तमिलनाडु के महाकवि भारती का घर भी यहीं पर है. जिसे देखने के लिए स्टूडेंट्स और अन्य लोगों को ले जाया जाएगा.

काशी तमिल संगमम की तैयारियां
काशी तमिल संगमम की तैयारियां




मेहमानों के लिए विशेष तैयारी : काशी आने वाले मेहमानों के लिए विशेष तैयारी की जा रही है. वहां के खान-पान के हिसाब से चावल दही, इडली सांभर, कचौड़ी जलेबी और बनारस की मलइयो और यहां की चाट, गोलगप्पे का मजा भी सैलानियों को दिलवाया जाएगा. तमिलनाडु के भरतनाट्यम और यूपी के कत्थक का मेल देखने को मिलेगा. बनारस की साड़ी, कांजीवरम, गोपुरम साड़ियां भी यहां लगाए जाने वाले स्लॉट में देखने को मिलेंगी. तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश दोनों की कला संस्कृति की झलक इस आयोजन में दिखाई देगी.

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