वाराणसी: बुधवार को जिले में एक साथ 28 मेडिकल ऑफिसर ने सीएमओ को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है. इसके बाद वाराणसी से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है. सभी अधिकारियों ने डीएम और एडीएम पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए अपना त्यागपत्र दिया है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपा गया पत्र. वाराणसी मेंअभी एडिशनल सीएमओ की मौत और उनके शव की अदला-बदली का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि वाराणसी में एक साथ 28 मेडिकल ऑफिसर ने अपना त्यागपत्र सौंप दिया. वाराणसी के सभी शहरी एवं ग्रामीण सीएचसी, पीएचसी प्रभारियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अपना त्यागपत्र सौंपा है. इस सामूहिक त्यागपत्र में 28 प्रभारियों के हस्ताक्षर भी हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपा गया पत्र. सीएमओ को सौंपे गए पत्रक में स्पष्ट रूप से लिखा है कि 9 अगस्त को डिप्टी कलेक्टर द्वारा जारी समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्गत पत्र में किए गए कार्यों को अपर्याप्त बताते हुए तथा समस्त कार्यों पर अनावश्यक दबाव बनाते हुए सभी को दोषी ठहराया गया था. इसके अलावा टारगेट पूरा नहीं होने पर अपराध करार देना और मुकदमा करने की धमकी देने जैसे माहौल में सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मानसिक दबाव में काम करने में असमर्थ हैं. इसलिए हम सामूहिक रूप से त्यागपत्र दे रहे हैं.गौर करने वाली बात यह है कि इस पत्र में सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों ने एडिशनल सीएमओ की मौत के लिए भी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. चिकित्सा अधिकारियों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से दिवंगत एडिशनल सीएमओ को बर्खास्त करने की धमकी दी गई थी. शायद इसी सदमे से एडिशनल सीएमओ की मौत हुई है. चिकित्सा अधिकारियों ने अपने त्याग पत्र में यह भी सवाल उठाया है कि आखिर एडिशनल सीएमओ की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा.बहरहाल सामूहिक इस्तीफे से जहां वाराणसी के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप का माहौल होने के साथ जिला प्रशासन सवालों के कठघरे में खड़ा है तो वहीं जिला प्रशासन के सामने लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चुनौती है. वहीं इन दिनों वाराणसी में लगातार कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में सभी चिकित्सा प्रभारियों का सामूहिक इस्तीफा देना एक बड़ी समस्या को दावत देना है. वहीं इस बारे में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया.