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वाराणसी: बीएचयू में 27वीं आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय 27वीं आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में वैज्ञानिकों ने तेल भंडार की खोज और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन पर जोर दिया.

राष्ट्रीय संगोष्ठी में वैज्ञानिकों ने रखे विचार.
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Published : Nov 5, 2019, 11:29 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 10:16 AM IST

वाराणसी: जनपद के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भविष्य की ऊर्जा संसाधनों और जलवायु परिवर्तन पर विज्ञान संस्थान के संगोष्ठी संकुल में देश-विदेश से जुड़े वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने मंथन किया. तीन दिवसीय 27वीं आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन में वैज्ञानिकों ने हाइड्रोकार्बन तेल भंडार की खोज और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन पर जोर दिया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय तीसरी बात इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. इससे पहले दो बार इस संगोष्ठी का आयोजन हो चुका है.

राष्ट्रीय संगोष्ठी में वैज्ञानिकों ने रखे विचार.

राष्ट्रीय संगोष्ठी में वैज्ञानिकों ने रखे विचार

  • बीएचयू के भौतिकी विभाग की ओर से मंगलवार को तीन दिवसीय 27वें आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया.
  • राष्ट्रीय सम्मेलन में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर मुख्य अतिथि रहे.
  • सम्मेलन में देश-विदेश के वैज्ञानिक उपस्थित रहे.
  • उद्घाटन के बाद वैज्ञानिकों ने अपने शोध पत्र पढ़े.
  • संगोष्ठी 3 दिनों तक चलेगी, जिसमें 200 से ज्यादा शोध पत्र पढ़े जाएंगे.
  • सम्मेलन में यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के वैज्ञानिक भी आए है जो अगले 2 दिनों में अपनी शोध पत्र रखेंगे.

आज बीएचयू के भूमिकी विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 27वें आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया. जिसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर बतौर मुख्य अतिथि रहे. उसके बाद विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपनी बात रखी, यह संगोष्ठी 3 दिनों तक चलेगी. जिसमें 200 से ज्यादा शोध पत्र पढ़े जाएंगे और हम उन बातों पर ज्यादा रिसर्च करेंगे.
- प्रोफेसर एडी सिंह, आयोजक

वाराणसी: जनपद के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भविष्य की ऊर्जा संसाधनों और जलवायु परिवर्तन पर विज्ञान संस्थान के संगोष्ठी संकुल में देश-विदेश से जुड़े वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने मंथन किया. तीन दिवसीय 27वीं आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन में वैज्ञानिकों ने हाइड्रोकार्बन तेल भंडार की खोज और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन पर जोर दिया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय तीसरी बात इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. इससे पहले दो बार इस संगोष्ठी का आयोजन हो चुका है.

राष्ट्रीय संगोष्ठी में वैज्ञानिकों ने रखे विचार.

राष्ट्रीय संगोष्ठी में वैज्ञानिकों ने रखे विचार

  • बीएचयू के भौतिकी विभाग की ओर से मंगलवार को तीन दिवसीय 27वें आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया.
  • राष्ट्रीय सम्मेलन में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर मुख्य अतिथि रहे.
  • सम्मेलन में देश-विदेश के वैज्ञानिक उपस्थित रहे.
  • उद्घाटन के बाद वैज्ञानिकों ने अपने शोध पत्र पढ़े.
  • संगोष्ठी 3 दिनों तक चलेगी, जिसमें 200 से ज्यादा शोध पत्र पढ़े जाएंगे.
  • सम्मेलन में यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के वैज्ञानिक भी आए है जो अगले 2 दिनों में अपनी शोध पत्र रखेंगे.

आज बीएचयू के भूमिकी विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 27वें आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया. जिसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर बतौर मुख्य अतिथि रहे. उसके बाद विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपनी बात रखी, यह संगोष्ठी 3 दिनों तक चलेगी. जिसमें 200 से ज्यादा शोध पत्र पढ़े जाएंगे और हम उन बातों पर ज्यादा रिसर्च करेंगे.
- प्रोफेसर एडी सिंह, आयोजक

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भविष्य की ऊर्जा संसाधनों और जलवायु परिवर्तन पर विज्ञान संस्थान के संगोष्ठी संकुल में देश-विदेश से जुड़े वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने मंथन किया भूमि की विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 27 वी आई सी एम एस राष्ट्रीय सम्मेलन वैज्ञानिकों ने हाइड्रोकार्बन तेल भंडार की खोज और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन पर जोर दिया। तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन शुभारंभ किया गया। हम आपको बताते चलें कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय तीसरी बात इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है इससे पहले दो बार इस संगोष्ठी का आयोजन हो चुका है।


Body:देश विदेशी वैज्ञानिकों ने जिस में प्रोफेसर जरी लिप्स ने मंच से कहा जीवाश्म जैविक विकास एवं जलवायु परिवर्तन के परस्पर संबंधों को बताया। वैज्ञानिकों ने अपनी बात रखी इस राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से काशी हिंदू विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को बहुत कुछ सीखने को मिला इस सम्मेलन में 200 से ज्यादा शोध पत्र पढ़े जाएंगे। कार्यक्रम के विभिन्न वक्ताओं ने अपनी बात रखी। वैज्ञानिकों ने धरातल पर संसाधनों की तेजी से बढ़ते दोहन ने दुनिया को चिंता में डाल दिया इसमें संसाधन के लिए तमाम वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं साक्षी भावी पीढ़ी को संसाधनों की खोज व विकास कार्य पर अध्ययन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।


Conclusion:प्रोसेसर एडी सिंह ने बताया आज बीएचयू के भूमि की विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 27 वे आईसीएमएस राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। जिसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर बतौर मुख्य अतिथि रहे। उसके बाद विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपनी बात रखी यह संगोष्ठी 3 दिनों तक चलेगा जिसमें 200 से ज्यादा शोध पत्र पढ़े जाएंगे और हम उन बातों पर ज्यादा रिसर्च करेंगे इस सम्मेलन में यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के वैज्ञानिक आए है जो पिछले 2 दिनों में अपनी बात रखेंगे।

बाईट :-- प्रोसेसर एडी सिंह, आयोजक

आशुतोष उपाध्याय

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Last Updated : Nov 10, 2019, 10:16 AM IST
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