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नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 24 नए एसटीपी तैयार, जल्द शुरू होगा काम - pollution free rivers

यूपी में 24 नए एसटीपी बनकर तैयार हैं. इससे अब मथुरा, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बरेली, फरुखाबाद-फतेहगढ़ जैसे शहरों की नदियों में सीधे कचरा नहीं गिरेगा.

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24 नए एसटीपी तैयार
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Published : Jul 30, 2022, 4:46 PM IST

लखनऊ: गंगा की स्वच्छता को बड़ी उपलब्धि मिली है, क्योंकि यूपी में 24 नए एसटीपी बनकर तैयार हैं. इसके चलते मथुरा, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बरेली, फरुखाबाद-फतेहगढ़ जैसे शहरों की अब नदियों में सीधे कचरा नहीं गिरेगा, जिससे शहरों को भी बड़ी राहत मिलेगी. नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 3855.67 करोड़ की 25 परियोजनाओं को पूरा किया जाने का काम तेज गति से चल रहा है. 20 परियोजनाओं का निर्माण कार्य अंतिम पायदान पर है. पूरी की गई परियोजनाओं में 24 नए एसटीपी बनकर तैयार हुए हैं. 443.91 एमएलडी के इन ट्रीटमेंट प्लांटों से सीवेज का शोधन हो रहा है.

दरअसल, मथुरा में सीवरेज परियोजना से 20 नालों को टैप कर 30 एमएलडी क्षमता के सीवरेज प्लांट तैयार हैं. इनका ट्रायल रन चल रहा है. वाराणसी में गंगा नदी को गंदगी से बचाने की चौतरफा तैयारी है. जायका परियोजना की सीवरेज योजना का काम 98.50 प्रतिशत पूरा हो चुका है. बागपत और जौनपुर में नालों को टैप कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा गया है. इनके ट्रायल रन भी शुरू हो चुके हैं.

यह भी पढ़ें- कौशांबी में गोवंशों का चारा डकार गए जिम्मेदार, भूख-प्यास से पांच गायों की मौत

वहीं, मिर्जापुर, गाजीपुर, बरेली, फरुखाबाद-फतेहगढ़ में भी परियोजनाओं का लक्ष्य पूरा होने जा रहा है. जौनपुर में सीवरेज परियोजना से 14 नालों को टैप कर 30 एमएलडी के एसटीपी बनकर तैयार हैं. बागपत में 4 नाले टैप किए गए हैं. यहां 14 एमएलडी एसटीपी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. 30 जून तक कानपुर नगर में 30 एमएलडी और उन्नाव में 15 एमएलडी की निर्माणाधीन सीवरेज परियोजना पूरी होने जा रही है. लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग के अधिकारी पूरी ताकत से जुटे हैं, जिसको लेकर जलशक्ति मंत्री की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रदेश भर में इस तरह से नदियों की स्वच्छता परियोजना अब अंतिम दौर में हैं, जिसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अहम भूमिका निभाएगी.

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लखनऊ: गंगा की स्वच्छता को बड़ी उपलब्धि मिली है, क्योंकि यूपी में 24 नए एसटीपी बनकर तैयार हैं. इसके चलते मथुरा, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बरेली, फरुखाबाद-फतेहगढ़ जैसे शहरों की अब नदियों में सीधे कचरा नहीं गिरेगा, जिससे शहरों को भी बड़ी राहत मिलेगी. नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 3855.67 करोड़ की 25 परियोजनाओं को पूरा किया जाने का काम तेज गति से चल रहा है. 20 परियोजनाओं का निर्माण कार्य अंतिम पायदान पर है. पूरी की गई परियोजनाओं में 24 नए एसटीपी बनकर तैयार हुए हैं. 443.91 एमएलडी के इन ट्रीटमेंट प्लांटों से सीवेज का शोधन हो रहा है.

दरअसल, मथुरा में सीवरेज परियोजना से 20 नालों को टैप कर 30 एमएलडी क्षमता के सीवरेज प्लांट तैयार हैं. इनका ट्रायल रन चल रहा है. वाराणसी में गंगा नदी को गंदगी से बचाने की चौतरफा तैयारी है. जायका परियोजना की सीवरेज योजना का काम 98.50 प्रतिशत पूरा हो चुका है. बागपत और जौनपुर में नालों को टैप कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा गया है. इनके ट्रायल रन भी शुरू हो चुके हैं.

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वहीं, मिर्जापुर, गाजीपुर, बरेली, फरुखाबाद-फतेहगढ़ में भी परियोजनाओं का लक्ष्य पूरा होने जा रहा है. जौनपुर में सीवरेज परियोजना से 14 नालों को टैप कर 30 एमएलडी के एसटीपी बनकर तैयार हैं. बागपत में 4 नाले टैप किए गए हैं. यहां 14 एमएलडी एसटीपी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. 30 जून तक कानपुर नगर में 30 एमएलडी और उन्नाव में 15 एमएलडी की निर्माणाधीन सीवरेज परियोजना पूरी होने जा रही है. लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग के अधिकारी पूरी ताकत से जुटे हैं, जिसको लेकर जलशक्ति मंत्री की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रदेश भर में इस तरह से नदियों की स्वच्छता परियोजना अब अंतिम दौर में हैं, जिसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अहम भूमिका निभाएगी.

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