वाराणसी: देव लोक आज काशी के धरा धाम पर उतर आया. 84 घाटों की लंबी श्रृंखला 15 लाख से ज्यादा दीयों से रोशन हुई. दशाश्वमेध घाट पर आयोजित हुई महाआरती की भव्यता देख देवताओं ने भी नमन किया होगा. यह अद्भुत दृश्य काशी के गंगा घाटों पर जब लोगों ने देखा तो हर कोई बस यही कहा कि आज काशी में उत्साह नजर आ रहा है. बीते 7 महीनों से तमाम बंदिशों में जी रहे लोग जब काशी में इस महापर्व में शामिल हुए तो हर कोई जश्न और उत्सव के माहौल में डूबा नजर आया.
29 सालों की परंपरा हुई कायम
काशी के दशाश्वमेध घाट पर दैनिक आरती करवाने वाली संस्था गंगा सेवा निधि ने आज 29 सालों से जारी गंगा आरती की भव्यता उसी तरह बनाए रखी, जैसे 1991 में इसकी शुरुआत की गई थी. 21 अर्चक और 42 कन्याओं के रिद्धि सिद्धि के रूप में आरती की भव्यता देख हर कोई आश्चर्यचकित था. खूबसूरती से दीयों के साथ सजाई गई घाटों की लंबी श्रृंखला और फूलों के साथ लाइटों से सजे घाट अद्भुत दिखाई दे रहे थे.
शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
गंगा सेवा निधि की तरफ से दशाश्वमेध घाट पर बनाए गए इंडिया गेट के प्रतिरूप में जलाई गई अमर जवान ज्योति पर सेना के अलग-अलग टुकड़ियों ने उन शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने देश की खातिर अपने प्राण न्योछावर कर दिए. सेना के बैंड और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीदों को नमन किया गया. इस मौके पर पूरे 1 महीने तक जलने वाले आकाशदीप भी अब नीचे उतारे जाएंगे, क्योंकि आकाशदीप भी शहीदों की स्मृति में पूरे 1 माह कार्तिक महीने में जलाए जाते हैं.
84 घाटों पर जगमगाए दीए
एक तरफ जहां गंगा आरती की भव्यता देख हर कोई भावविभोर दिखा. वहीं काशी के 84 घाटों की लंबी श्रृंखला पर 15 लाख से ज्यादा दीपक जगमगा उठे तो हर कोई आश्चर्यचकित था. प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को दृष्टिगत रखते हुए पर्यटन विभाग और उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलकर गंगा उस पार और गंगा घाटों की भव्यता बढ़ाने के उद्देश्य से 15 लाख से ज्यादा दीपक सजाए थे.
दीपक ऐसे जगमगाए, जैसे आसमान में तारे
घाटों की लंबी संख्या पर दीपक ऐसे जगमग आ रहे थे. जैसे आसमान में तारे टिमटिमाते हैं. काशी के इस भव्य देव दीपावली को देखकर लोग भी काफी उत्साहित नजर आए. लोगों का कहना था कि घरों में कैद रहने के लंबे वक्त के बाद आज काशी में इस उत्सव को देखकर यह महसूस हुआ कि कोई बड़ा त्योहार आज मनाया गया है.