वाराणसी: महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीसी) में 9 महीनों में 1 हजार से अधिक नए कैंसर मरीजों को रेडियोथैरेपी दी गई. इनमें से ज्यादातर थैरेपी कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों के दौरान दी गई.
कुल 3332 को दी गई थैरेपी
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस से पूर्व महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच), वाराणसी ने आंकड़े जारी किए हैं. रेडिएशन ऑन्कोलॉजी ( विकिरण चिकित्सा) विभाग के प्रमुख डॉ. आशुतोष मुखर्जी ने कहा कि एचबीसीएच एवं एमपीएमएमसीसी में अब तक कुल 3332 कैंसर मरीजों को रेडियोथैरेपी दी जा चुकी है. इनमें से 1121 मरीजों को यह थैरेपी एमपीएमएमसीसी स्थित रेडियोथैरेपी विभाग में केवल 9 महीनों ( जनवरी 2020 से अक्टूबर 2020) में दी गई.
ज्यादातर मरीजों में गले और सिर का कैंसर
आशुतोष मुखर्जी ने बताया कि दोनों अस्पताल में कैंसर इलाज के लिए रेडियेथैरेपी लेने वाले एक तिहाई से अधिक मरीज गले और सिर के कैंसर मरीज थे. 80 प्रतिशत से अधिक गले और सिर के कैंसर का कारण तंबाकू उत्पादों का सेवन है. तंबाकू उत्पादों का सेवन न करके काफी हद तक कैंसर से बचा जा सकता है. इसलिए लोगों को कैंसर के बारे में जागरूक करने के साथ ही तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभाव के बारे में भी बताने की जरूरत है.
बेहतर इलाज देना उद्देश्य
एचबीसीएच एवं एमपीएमएमसीसी के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि हमारा उद्देश्य इन दोनों कैंसर केंद्रों के जरिए समाज के हर वर्ग को समय रहते गुणवत्तापरक कैंसर इलाज मुहैया कराना है. साथ ही कैंसर के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले शोध को बढ़ावा देना है, जिसका लाभ इस क्षेत्र में रहने वाले हर किसी को मिले.
क्या है राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस
2014 से देश में हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य कैंसर से होने के संभावित कारणों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ ही कैंसर की प्राथमिक स्तर पर पहचान करने के लिए लोगों को जागरूक करना है.