वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप के बाद धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद लगभग 22 महीनों में 11 करोड़ 72 लाख से ज्यादा भोले के भक्तों ने अब तक बाबा के दर्शन किए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बाबा के दरबार में सौ बार से अधिक हाज़िरी लगा चुके हैं और भक्तों को सुविधाएं दिए जाने के लिए ख़ाका खींचते रहे हैं. श्री काशी विश्वनाथ धाम में आस्था का जनसैलाब उमड़ता जा रहा है. लोकार्पण के बाद हर महीने कम से कम 31 लाख से अधिक और अधिकतम 95 लाख से अधिक शिव भक्त देवो के देव महादेव के दरबार में शीश नवा रहे हैं.
श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण 13 दिसंबर 2021 को हुआ था. तब से अब तक 11 करोड़ 72 लाख 71 हज़ार 749 श्रद्धालुओ ने दर्शन किया है. मुख्यकार्यपालक अधिकारी ने बताया कि गर्मी, ठण्ड और बरसात में श्रद्धालुओ को परेशानी न हो इसके लिए बेहतर से बेहतर इंतज़ाम किये जा रहे है.
तेज धूप से बचाने के लिए जर्मन हैंगर, पैर न जले इसके लिए मैट, कूलर, पीने का पानी, सावन में दिव्यांगजनों के लिए निःशुल्क व्हीलचेयर, सभी के लिए चिकित्सा व्यवस्था आदि व्यवस्था ने शिव भक्तों की मंदिर तक पहुंचने की राह आसान कर दी है.
उल्लेखनीय है कि दिसम्बर 2021 में लोकार्पण के बाद 2022 के जनवरी महीने में 74,59,471, 2022 के सावन माह में लगभग 7681561, 2023 अधिक माह के श्रावण माह के महीने में जुलाई में 7202891 अगस्त में 9562206 श्रद्धालुओं ने काशी पुराधिपति के दर्शन किए थे.
कॉरिडोर लोकार्पण के बाद भक्तों की संख्या
- वर्ष 2021 दिसंबर - 48,42716
- वर्ष 2022 -71,147,210 दर्शनार्थी
- वर्ष 2023 (11 सितम्बर तक) -41,281,823 दर्शनार्थी
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए शॉपिंग की भी सुविधा मिल रही है. यहां दुकानों पर पीतल की मूर्तियां, कलाकृतियां, पूजन सामग्री, प्रसाद, मंदिर और बाबा की तस्वीरें, बनारसी सिल्क की साडिय़ां व कपड़ों समेत अन्य सामान उपलब्ध हैं. धाम परिसर में फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट भी हैं जहां उचित दर पर बिना प्याज और लहसुन का शुद्ध शाकाहारी भोजन उपलब्ध है. व्रत की थाली भी उपलब्ध है. अन्न क्षेत्र में निःशुल्क भोजन की व्यवस्था भी है. धाम परिसर में ही रुकने के लिए होटल और काशी दर्शन के लिए टूर पैकेज़ उपलब्ध हैं. मोक्ष की राह देख रहे वृद्धों के लिए निःशुल्क मुमुक्षु भवन की भी व्यवस्था की गई है.