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वाराणसी: बीएचयू में मनायी गयी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 103वीं जयंती - governor kalraj mishra in varanasi

उत्तर प्रदेश के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 103 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने कहा कि भारतीयता को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाएगा तो भारत फिर से दुनिया के अंदर गौरवान्वित होगा.

बीएचयू मनाया गया दीनदयाल उपाध्याय का 103वीं जयंती
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Published : Sep 25, 2019, 11:10 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महामना सभागार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 103 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र शामिल हुए. दीप प्रज्वलित कर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई.

बीएचयू में मनाया गया दीनदयाल उपाध्याय का 103वीं जयंती

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने कहा कि यह दीनदयाल पीठ की तरफ से 103वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस बारे में यहां लोगों ने अपना विचार रखा. उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय इतने दूरदर्शी थे कि आज जो विश्व में सारी चीजें घटित हो रही हैं और भारत का स्वरूप जैसा विश्व में उमड़ रहा है. पूर्व में ही उन्होंने कहा था.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान अपने आप को खोखला महसूस कर रहा है: कलराज मिश्र

भारतीयता को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाएगा तो भारत फिर से दुनिया के अंदर गौरवान्वित होगा. राष्ट्रीयता बहुत जरूरी है. दीनदयाल जी की जो सोच थी, उनकी जो कल्पना थी उनके ही विचारों के अनुयाई विश्व के अंदर यह दुनिया के बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों के ने सफलता प्राप्त की है. राष्ट्रवाद वैश्विक स्वरूप को स्थापित करता है.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महामना सभागार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 103 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र शामिल हुए. दीप प्रज्वलित कर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई.

बीएचयू में मनाया गया दीनदयाल उपाध्याय का 103वीं जयंती

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने कहा कि यह दीनदयाल पीठ की तरफ से 103वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस बारे में यहां लोगों ने अपना विचार रखा. उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय इतने दूरदर्शी थे कि आज जो विश्व में सारी चीजें घटित हो रही हैं और भारत का स्वरूप जैसा विश्व में उमड़ रहा है. पूर्व में ही उन्होंने कहा था.

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भारतीयता को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाएगा तो भारत फिर से दुनिया के अंदर गौरवान्वित होगा. राष्ट्रीयता बहुत जरूरी है. दीनदयाल जी की जो सोच थी, उनकी जो कल्पना थी उनके ही विचारों के अनुयाई विश्व के अंदर यह दुनिया के बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों के ने सफलता प्राप्त की है. राष्ट्रवाद वैश्विक स्वरूप को स्थापित करता है.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में महामना सभागार मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 103 वे जयंती समारोह का आयोजन किया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल महामहिम कलराज मिश्र शामिल हुए। कार्यक्रम पंडित दीनदयाल पीठ द्वारा आयोजित किया गया था।


Body:महामना सभागार में कार्यक्रम की शुरुआत भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के माल्यार्पण से हुआ उसके बाद मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की कुल गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्र छात्राएं इस कार्यक्रम में मौजूद रहे वहीं वक्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांत और उनके मानवतावाद को छात्रों के सामने रखा उनका उद्देश्य था राष्ट्रवाद का उसे आज लोग पूरा होते हुए देखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय की कुल्लू बीके शुक्ला ने किया।






Conclusion:महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्रा ने कहा यह दीनदयाला पीठ की तरफ से 103 वां पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिन मनाया गया। दीनदयाल जी का व्यक्तित्व कैसा रहा विशेष रूप से एकात्म मानववाद का दर्शन इसने जो पूरे देश और विश्व में योगदान दिया है। इस बारे में यहां हम लोगों ने अपना विचार रखा है बात किया। और मेरा पूरा विश्वास है दीनदयाल जी इतने दूरदर्शी थे आज जो विश्व में सारी चीजें घटित हो रही हैं और भारत का स्वरूप जैसा विश्व में उमड़ रहा है। वह पूर्व में ही उन्होंने कहा था भारतीयता को ध्यान में रखते हुए भारतीय चित्त को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाएगा। तो भारत फिर से दुनिया के अंदर गौरवान्वित होगा। आप जानकर प्रसन्न होंगे आज ही मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वह भाषण पढ़ा राष्ट्रवाद जरूरी वैश्वीकरण को भी आगे बढ़ाना है राष्ट्रीयता बहुत जरूरी है तो यह आज दीनदयाल जी की जो सोच थी दीनदयाल जी की जो कल्पना थी उनके ही विचारों के अनुयाई विश्व के अंदर यह दुनिया के बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों के ने सफलता प्राप्त की है राष्ट्रवाद वैश्विक स्वरूप को स्थापित करता है।

बाईट :-- कलराज मिश्रा,राज्यपाल, राजस्थान

अशुतोष उपाध्याय

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