वाराणसी: पुलिस ने बीते दिनों पासपोर्ट ऑफिस के बाहर से शक के आधार एक अफगानी युवक को हिरासत में लिया था. हिंदी और इंग्लिश न बोल पाने के बाद शक के आधार पर इस युवक को पकड़े जाने के बाद से ही लगातार पुलिस इस मामले में सतर्कता बरत रही थी. प्रकरण के तार आजमगढ़ से जुड़ने के बाद स्पेशल टीम ने आजमगढ़ जाकर जांच पड़ताल शुरू की.
पुलिस ने इस मामले में आजमगढ़ से भी एक युवक को गिरफ्तार किया है जिसके बाद भारत से फर्जी पासपोर्ट बनाकर कुवैत भेजे जाने को लेकर चल रहे इस नेक्सेस का भी भंडाफोड़ हुआ है. महमूरगंज स्थित पासपोर्ट कार्यालय के पास से अफगानी युवक आबिद अब्दुल्ला को पकड़ा गया है. पुलिस की मानें तो अफगानी नागरिक पश्तो भाषा जानता था, इसलिए इन्टरप्रेटर ( पश्तो भाषा का जानकर) की मदद से अफगानी नागरिक से पूछताछ की गई.
पूछताछ में उसने बताया कि मुझे साहबे आलम, जो आजमगढ़ का रहने वाला है ने मुझे भारत पासपोर्ट बनवाने के लिए बुलवाया था, क्योंकि मुझे कुवैत जाना था. कुवैत ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान, इराक और सीरिया के नागरिकों को वीजा देने से बैन कर दिया है. इसलिए साहबे आलम ने कहा कि तुम भारत चले आओ मैं तुम्हारा पासपोर्ट बनवाकर तुम्हे कुवैत भेज दूंगा.
आबिद 11 जनवरी को दिल्ली आया और 5, 6 दिन वहां रुका. 16 जनवरी को साहबे आलम के कहने पर वह आजमगढ़ पहुंचा. जहां साहबे आलम ने भारत के पते पर जावेद के नाम से आबिद का फर्जी वोटर आईकार्ड और आधार कार्ड बनवाया. इसी के आधार पर साहबे आलम, आबिद का फर्जी पासपोर्ट बनवाने के लिए उसे वाराणसी भेजा था, लेकिन शक के आधार पर वह पकड़ा गया.
पुलिस ने पूछताछ के बाद यह भी बताया है कि साहबे आलम ने इससे पहले भी कुछ लोगों को फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाकर विदेश भेजे जाने की बात कबूली है. पुलिस द्वारा इस नेक्सेस से जुड़े अन्य लोगों की भी पड़ताल की जा रही है.