उन्नाव: गांव में शराब की दुकान खुलने से नाराज महिलाओं ने लामबंद होकर ठेके पर ताला जड़ दिया. साथ ही गांव से दुकान हटाए जाने की आवाज उठाते हुए जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर दिया. ग्राम प्रधान सहित तमाम लोग ठेका बंद करवाने के समर्थन में एक साथ दिख रहे हैं. आबकारी निरक्षिका ने ठेके को वैध बताते हुए सुचारू रूप से चलने की बात कही है.
दरअसल, थाना क्षेत्र बेहटा मुजावर अंतर्गत गांव नेवादा में ठेकेदार ने इसी हफ्ते एक नई दुकान का शुभारंभ किया. गांव में दुकान खुलने के बाद ग्रामीणों को आसानी से शराब उपलब्ध होने लगी, जिससे युवाओं से लेकर बुजुर्ग शाम ढलते शराब के नशे में झूमते हुए नजर आ रहे थे. महिलाओं ने आरोप लगाया है कि पुरुष नशे की गिरफ्त में आकर घर में रखा अनाज और जेवरात बेच रहे हैं. इसके अलावा घर में मारपीट करते हैं. लिहाजा महिलाओं ने इससे निपटने के रणनीति तय कर विरोध करते हुए शराब की दुकान पर पहुंच गई, जहां उन्होंने विक्रेता से दुकान हटाने के लिए कहा. आना-कानी करने पर महिलाओं ने शराब ठेके की दुकान में ताला लगा दिया.
शराब बिक्री से गांव के बिगड़ते माहौल को देखते हुए ग्राम प्रधान आशीष सिंह और भारी संख्या में महिलाओं-पुरुषों ने हस्ताक्षर किया हुआ पत्र जिलाधिकारी को भेजा. प्रार्थना पत्र के माध्यम से दुकान का लाइसेंस निरस्त करवाने की मांग उठाई गई है. आरोप है कि स्थानीय स्तर के जिम्मेदारों की मिलीभगत से इस गांव में शराब ठेके का संचालन शुरू करवाया गया था. सूचना पर पहुंची आबकारी निरीक्षका प्रमिला रावत ने ठेके को वैध बताते हुए सुचारू रूप से चलने की बात कही है. वो हर सवाल का जवाब पर गोलमोल करते नजर आईं. साथ ही प्रश्न पूछने पर पत्रकारों पर भड़क उठीं.
उन्नाव: महिलाओं ने शराब की दुकान पर जड़ा ताला, DM को लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश के उन्नाव स्थित एक गांव में शराब ठेका खोलने के विरोध में महिलाओं ने लामबंद होकर दुकान पर ताला जड़ दिया. वहीं शिकायत पर निरीक्षण करने पहुंची आबकारी निरक्षिका ने ठेके को वैध बताया है.
उन्नाव: गांव में शराब की दुकान खुलने से नाराज महिलाओं ने लामबंद होकर ठेके पर ताला जड़ दिया. साथ ही गांव से दुकान हटाए जाने की आवाज उठाते हुए जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर दिया. ग्राम प्रधान सहित तमाम लोग ठेका बंद करवाने के समर्थन में एक साथ दिख रहे हैं. आबकारी निरक्षिका ने ठेके को वैध बताते हुए सुचारू रूप से चलने की बात कही है.
दरअसल, थाना क्षेत्र बेहटा मुजावर अंतर्गत गांव नेवादा में ठेकेदार ने इसी हफ्ते एक नई दुकान का शुभारंभ किया. गांव में दुकान खुलने के बाद ग्रामीणों को आसानी से शराब उपलब्ध होने लगी, जिससे युवाओं से लेकर बुजुर्ग शाम ढलते शराब के नशे में झूमते हुए नजर आ रहे थे. महिलाओं ने आरोप लगाया है कि पुरुष नशे की गिरफ्त में आकर घर में रखा अनाज और जेवरात बेच रहे हैं. इसके अलावा घर में मारपीट करते हैं. लिहाजा महिलाओं ने इससे निपटने के रणनीति तय कर विरोध करते हुए शराब की दुकान पर पहुंच गई, जहां उन्होंने विक्रेता से दुकान हटाने के लिए कहा. आना-कानी करने पर महिलाओं ने शराब ठेके की दुकान में ताला लगा दिया.
शराब बिक्री से गांव के बिगड़ते माहौल को देखते हुए ग्राम प्रधान आशीष सिंह और भारी संख्या में महिलाओं-पुरुषों ने हस्ताक्षर किया हुआ पत्र जिलाधिकारी को भेजा. प्रार्थना पत्र के माध्यम से दुकान का लाइसेंस निरस्त करवाने की मांग उठाई गई है. आरोप है कि स्थानीय स्तर के जिम्मेदारों की मिलीभगत से इस गांव में शराब ठेके का संचालन शुरू करवाया गया था. सूचना पर पहुंची आबकारी निरीक्षका प्रमिला रावत ने ठेके को वैध बताते हुए सुचारू रूप से चलने की बात कही है. वो हर सवाल का जवाब पर गोलमोल करते नजर आईं. साथ ही प्रश्न पूछने पर पत्रकारों पर भड़क उठीं.