उन्नाव: दामाद की हत्या कर घर में शव दफनाने के मामले में जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए मृतक के पत्नी और बेटे समेत पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला वारदात के लगभग डेढ़ साल बाद आया है.
उन्नाव पुलिस के अनुसार, पुरवा कोतवाली क्षेत्र में स्थित तल्होरी गांव की रहने वाली सुमित्रा ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि उनका बेटा ओमप्रकाश (47) 18 जून 2022 को अपनी ससुराल अमरीखेड़ा गया था. ससुराल में बेटे ओमप्रकाश ने अपने साले घसीटे उर्फ प्रेमचंद्र, लल्लन उर्फ हेमचंद्र, प्रेमचंद्र की पत्नी सुंदरी और बेटे नीरज और पत्नी सावित्री के साथ खाना पीना खाया. इसके बाद पूर्व में बहू सावित्री को मारने पीटने की बात को लेकर ससुराल के लोगों ने उनके बेटे को मारा पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद सभी ने मिलकर बेटे की लाश को गायब कर दिया है.
पुरवा कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज जांच शुरू कर दी थी. इसके कुछ दिन बाद 1 जुलाई 2022 को गांव के ही रहने वाले लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि घसीटे के घर से बदबू आ रही है. जिस पर जब पुलिस ने तहकीकात की तो पता चला कि ओमप्रकाश की लाश घर में गड़ी हुई है. इस पर पुलिस ने घर के अंदर खुदवाई की तो ओमप्रकाश शव निकला. इसके बाद पुलिस ने पांचों लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था. इस पूरे मामले में मंगलवार को सरकारी वकील मनोज कुमार पांडे की दलीलों को सुनते हुए कोर्ट संख्या 4 में न्यायाधीश आनंद गौड़ ने घसीटे, लल्लन, नीरज, सावित्री एवं सुंदरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए पांच-पांच हजार के अर्थ दंड का जुर्माना भी लगाया है.
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