उन्नाव: गैंगरेप कांड में कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. जिसके बाद उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस उपचुनाव में सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है. ऐसे में क्षेत्र की जनता क्या सोचती है ये जानने की कोशिश की ईटीवी भारत ने.
बांगरमऊ विधानसभा उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हैं. इस सीट पर पिछड़ी जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. इसलिए समाजवादी पार्टी और भाजपा फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही हैं. सपा ने बांगरमऊ से सुरेश पाल को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि, बीजेपी ने अभी तक इस सीट से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. वहीं बसपा ने महेश पाल तो कांग्रेस ने 2017 की ही प्रत्याशी आरती बाजपेयी पर फिर से दांव खेला है.
भाजपा के लिए ये सीट प्रतिष्ठा विषय बनी हुई है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर इस सीट से विधायक चुने गए थे. लेकिन उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद ये सीट खाली है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के जेल जाने के बाद क्षेत्र का विकास नहीं हुआ. प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बावजूद क्षेत्र विकास से अछूता रहा. इस लिहाज से भाजपा की जीत पर संशय है. जबकि, कुछ लोग समाजवादी सरकार में कराए गए विकास कार्यों को सपा के लिए प्लस प्वाइंट बताया, तो वहीं कुछ लोग बसपा और कांग्रेस की जीत का दावा भी करते नजर आए.
बांगरमऊ विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए सभी दलों के संगठन क्षेत्र में सक्रिय हैं. लेकिन, ज्यादातर लोगों का मानना है कि, बांगरमऊ सीट पर उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच कड़ी टक्कर होगी.