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प्रशासनिक उदासीनता से परेशान ग्रामीणों ने खुद बनाया लकड़ी का पुल - उन्नाव समाचार

साल 2018 में आई भीषण बाढ़ की वजह से उन्नाव से काली मिट्टी शिवराजपुर (कानपुर) लिंक मार्ग पर पड़ने वाली पुलिया कट गई थी. जिसकी वजह से लोगों को आवाजाही में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ग्रामीणों ने यहां अस्थाई लकड़ी के पुल का निर्माण किया है.

चंदा इकट्ठा कर बनाया लकड़ी का पुल
चंदा इकट्ठा कर बनाया लकड़ी का पुल
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Published : Nov 23, 2020, 1:14 PM IST

उन्नाव: जिले में प्रशासनिक अधिकारियों को ग्रामीणों ने आईना दिखाया है. ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए खुद अस्थाई लकड़ी के पुल का निर्माण किया है. बता दें कि साल 2018 में आई भीषण बाढ़ की वजह से उन्नाव से काली मिट्टी शिवराजपुर कानपुर लिंक मार्ग पर पड़ने वाली पुलिया कट गई थी. जिसकी वजह से लोगों को आवाजाही में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी प्रशासन ने इस पुलिया को बनाने की सुध नहीं ली.

चंदा इकट्ठा कर बनाया लकड़ी का पुल

यहां गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद लोग नाव के सहारे उन्नाव से कानपुर का सफर तय करते थे. कभी नाव ना होने की वजह से लोगों को नाव का इंतजार करना पड़ता था. इसके बाद ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर यहां पर लगभग 70 मीटर लंबा लकड़ी और बांस बल्ली का पुल लगभग डेढ़ लाख की लागत से 5 दिन की मेहनत में बनाकर तैयार कर दिया है. अब इस रास्ते से आने जाने वाले लोग लकड़ी और बांस के पुल से अपना सफर तय करते हैं.

जोखिम भरा है लकड़ी का पुल

लकड़ी का यह पुल भी जोखिम भरा है, क्योंकि यह बाइक निकलने में हिलने लगता है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है. लेकिन प्रशासनिक अमले ने पुलिया बनाने की सुध नहीं ली. हालांकि यहां लोग कानपुर से उन्नाव और उन्नाव से कानपुर इसी रास्ते से सफर करने को मजबूर हैं.


कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से लगा चुके हैं गुहार

पुल निर्माण के लिए लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग ने उस पर लापरवाही करते हुए रिपोर्ट लगा दी. जिसके बाद ग्रामीणों ने इस पुल को बनाने का बीड़ा उठाया. लोग इस पर से आवाजाही शुरू किए, लेकिन इस बार गंगा नदी में आई बाढ़ की वजह से यह जर्जर हो गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने सामूहिक प्रयास से डेढ़ लाख की लागत से पुल का निर्माण किया. अब लोग इसी पुल से उन्नाव से कानपुर जा रहे हैं. लेकिन यह जो लकड़ी के पुल का रास्ता है इसका सफर भी लोगों के लिए मुसीबत भरा है. फिलहाल पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का दावा है कि टेक्निकल टीम को भेज दिया गया है नवंबर महीने के अंत तक पुलिया निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.



शासन से पुलिया निर्माण कार्य के पहले जांच की बात की गई थी. 12 सितंबर 2020 को एचबीटीआई इंस्टीट्यूट कानपुर के इंजीनियरिंग टीम ने सर्वे कर टेक्निकल रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट में मानक के तहत कार्य की बात कही है. शासन से पुलिया निर्माण के लिए 123.6 लाख का बजट सेंशन हो गया है. गंगा का पानी कम होते ही काम शुरू किया जाएगा. 2 साल से पुलिया निर्माण ना होने के सवाल पर अधिशासी अभियंता चुप्पी साध गए.

-प्रमोद कुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी

उन्नाव: जिले में प्रशासनिक अधिकारियों को ग्रामीणों ने आईना दिखाया है. ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए खुद अस्थाई लकड़ी के पुल का निर्माण किया है. बता दें कि साल 2018 में आई भीषण बाढ़ की वजह से उन्नाव से काली मिट्टी शिवराजपुर कानपुर लिंक मार्ग पर पड़ने वाली पुलिया कट गई थी. जिसकी वजह से लोगों को आवाजाही में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी प्रशासन ने इस पुलिया को बनाने की सुध नहीं ली.

चंदा इकट्ठा कर बनाया लकड़ी का पुल

यहां गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद लोग नाव के सहारे उन्नाव से कानपुर का सफर तय करते थे. कभी नाव ना होने की वजह से लोगों को नाव का इंतजार करना पड़ता था. इसके बाद ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर यहां पर लगभग 70 मीटर लंबा लकड़ी और बांस बल्ली का पुल लगभग डेढ़ लाख की लागत से 5 दिन की मेहनत में बनाकर तैयार कर दिया है. अब इस रास्ते से आने जाने वाले लोग लकड़ी और बांस के पुल से अपना सफर तय करते हैं.

जोखिम भरा है लकड़ी का पुल

लकड़ी का यह पुल भी जोखिम भरा है, क्योंकि यह बाइक निकलने में हिलने लगता है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है. लेकिन प्रशासनिक अमले ने पुलिया बनाने की सुध नहीं ली. हालांकि यहां लोग कानपुर से उन्नाव और उन्नाव से कानपुर इसी रास्ते से सफर करने को मजबूर हैं.


कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से लगा चुके हैं गुहार

पुल निर्माण के लिए लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाई, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग ने उस पर लापरवाही करते हुए रिपोर्ट लगा दी. जिसके बाद ग्रामीणों ने इस पुल को बनाने का बीड़ा उठाया. लोग इस पर से आवाजाही शुरू किए, लेकिन इस बार गंगा नदी में आई बाढ़ की वजह से यह जर्जर हो गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने सामूहिक प्रयास से डेढ़ लाख की लागत से पुल का निर्माण किया. अब लोग इसी पुल से उन्नाव से कानपुर जा रहे हैं. लेकिन यह जो लकड़ी के पुल का रास्ता है इसका सफर भी लोगों के लिए मुसीबत भरा है. फिलहाल पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का दावा है कि टेक्निकल टीम को भेज दिया गया है नवंबर महीने के अंत तक पुलिया निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.



शासन से पुलिया निर्माण कार्य के पहले जांच की बात की गई थी. 12 सितंबर 2020 को एचबीटीआई इंस्टीट्यूट कानपुर के इंजीनियरिंग टीम ने सर्वे कर टेक्निकल रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट में मानक के तहत कार्य की बात कही है. शासन से पुलिया निर्माण के लिए 123.6 लाख का बजट सेंशन हो गया है. गंगा का पानी कम होते ही काम शुरू किया जाएगा. 2 साल से पुलिया निर्माण ना होने के सवाल पर अधिशासी अभियंता चुप्पी साध गए.

-प्रमोद कुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी

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