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उन्नाव की सबसे चर्चित विधानसभा सीट है बांगरमऊ, कभी सपा का रहा दबदबा, आज बीजेपी है मजबूत

उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक मैदान सजने लगे हैं. राजनीतिक पार्टियां अपने नेताओं को इन राजनीतिक मैदानों में उतारकर जनता की टोह लेना शुरू कर चुकी हैं. उन्नाव की 162 बांगरमऊ विधानसभा सीट अपने आप में एक खास चुनावी गणित रखती है.

कभी सपा का रहा दबदबा, आज बीजेपी है मजबूत
कभी सपा का रहा दबदबा, आज बीजेपी है मजबूत
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Published : Oct 8, 2021, 1:29 PM IST

उन्नाव: उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक मैदान सजने लगे हैं. राजनीतिक पार्टियां अपने नेताओं को इन राजनीतिक मैदानों में उतारकर जनता की टोह लेना शुरू कर चुकी हैं. उन्नाव की 162 बांगरमऊ विधानसभा सीट अपने आप में एक खास चुनावी गणित रखती है. इस सीट पर कभी कांग्रेस का कब्जा रहा तो कभी हाथी की सवारी करने वाले प्रत्याशी की जीत हुई, साइकिल पर सवार होने वाला प्रत्याशी भी जीता है. पिछले कुछ चुनावों की बात की जाए तो अब तक बीजेपी ने पिछले 2020 के उपचुनाव में और 2017 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी से कुलदीप सिंह सेंगर ने बांगरमऊ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी का खाता खोला था जिसके बाद उपचुनाव में बांगरमऊ विधानसभा सीट से श्रीकांत कटियार ने कुलदीप सिंह सेंगर के जेल जाने के बाद फिर से कमल खिलाया.




सपा की सीट के नाम से प्रसिद्ध है सीट

इसी पर मुस्लिम, निषाद और यादव मतदाता अधिक होने के कारण इस सीट को समाजवादी पार्टी की सीट मानी जाती है. वहीं पिछले चुनाव की बात की जाए तो सबसे ज्यादा बार चुनाव समाजवादी पार्टी ने ही जीता है. हालांकि इस सीट पर बहुजन समाजवादी पार्टी का भी प्रदर्शन ठीक रहा है. वहीं देश की आजादी के बाद इस सीट पर कांग्रेस ने कई बार चुनाव जीता है.

कभी सपा का रहा दबदबा, आज बीजेपी है मजबूत
पिछले चुनाव का गणित
बांगरमऊ विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में बात की जाए तो 1993 में बांगरमऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी से अशोक कुमार सिंह बेबी, 1996 में राम शंकर पाल बहुजन समाजवादी पार्टी से, 2002 में राम शंकर पाल ने पुनः बहुजन समाजवादी पार्टी से जीत दर्ज की, वहीं 2007 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से कुलदीप सिंह सेंगर ने जीत दर्ज की, जबकि 2012 में बदलू खान ने समाजवादी पार्टी को पुनः जीत दिलाई, वहीं 2017 में हुए चुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम कर इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी को जीत दर्ज कराई, वहीं 2020 के उपचुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर के जेल जाने के बाद श्रीकांत कटियार ने इस सीट पर पुनः कमल खिलाया.

श्रीकांत कटियार, वर्तमान विधायक
श्रीकांत कटियार, वर्तमान विधायक
वोटर का गणित
इस सीट पर कुल वोटरों की बात की जाए तो 339806 हैं, इसमें पुरुष वोटर 185577 और महिला वोटर 154203 अन्य वोटर 26 हैं.
जातीय समीकरण
मुस्लिम66000
निषाद 51000
दलित41000
ब्राह्मण 40000
क्षत्रिय 27000
यादव25000
बाल्मीकि 17000
पाल 16000
कुर्मी 13000
अन्य 43806



समस्यायें

वैसे बांगरमऊ विधानसभा की समस्याओं की बात की जाए तो इस विधानसभा से लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे तो गुजरा है लेकिन इसकी अन्य सड़कें बहुत ही खराब हैं, यहां की सड़कों पर लोगों को हिचकोले खा कर चलना पड़ता है. कटरी क्षेत्र में रहने वाले लोग आज भी गंगा में बाढ़ आने के चलते पलायन का दंश झेलते हैं. उन्हें गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के साथ ही अपने घर को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर आशियाना बनाना पड़ता है, लेकिन अभी तक स्वतंत्र भारत के बाद किसी भी राजनीतिक नेता ने इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया है.



कुलदीप सिंह सेंगर, पूर्व विधायक
कुलदीप सिंह सेंगर, पूर्व विधायक
भौगोलिक परिदृश्य
162 बांगरमऊ विधानसभा सीट तीन जिलों की सीमाओं से मिलती है, जिनमें कानपुर देहात, हरदोई और लखनऊ है, बांगरमऊ कृषि यंत्रों का एक बहुत ही बड़ा बाजार है, यहां दूर-दूर से लोग कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए आते हैं. बांगरमऊ से निकली शारदा नहर बांगरमऊ विधानसभा को हरा-भरा रखने में अहम भूमिका निभाती है. बांगरमऊ विधानसभा में वन क्षेत्र अधिक होने की वजह है यह शारदा नहर ही है.

उन्नाव की सबसे चर्चित विधानसभा सीट है बांगरमऊ
उन्नाव की सबसे चर्चित विधानसभा सीट है बांगरमऊ
सबसे ज्यादा बार जीती कांग्रेस
बांगरमऊ विधानसभा सीट का गठन 1962 में हुआ था, पहली बार इसे सुरक्षित रखा गया था. जिसमें कांग्रेस के सेवाराम यहां से विधायक बने थे उसके बाद कांग्रेस ने 1969, 1980 ,1985 और 1991 में सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की इन चारों बार कांग्रेस पार्टी से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित के ससुर गोपी दीक्षित ने यहां से जीत दर्ज की थी. वहीं इस सीट पर अभी तक कोई भी महिला प्रत्याशी ने जीत दर्ज नहीं की है.
सबसे ज्यादा बार जीती कांग्रेस
सबसे ज्यादा बार जीती कांग्रेस

नहीं हुआ विकास

बांगरमऊ विधानसभा सीट से 2017 में भारतीय जनता पार्टी से कुलदीप सिंह सेंगर ने जीत दर्ज की थी, मगर बाद में कुलदीप सिंह सेंगर रेप के आरोप में जेल चले गए और न्यायालय ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. जिसके बाद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की विधायकी चली गई. उसके बाद इस विधानसभा का विकास अभी नहीं हो पाया. विकास इस विधानसभा से कोसों दूर है, शिक्षा के क्षेत्र में न ही यहां पर समुचित विद्यालय हैं और न ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर पर्याप्त चिकित्सालय व स्वास्थ्य कर्मी. ऐसे में यहां के लोगों को बेहतर इलाज के लिए कानपुर लखनऊ के चक्कर काटने पड़ते हैं.

उन्नाव: उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक मैदान सजने लगे हैं. राजनीतिक पार्टियां अपने नेताओं को इन राजनीतिक मैदानों में उतारकर जनता की टोह लेना शुरू कर चुकी हैं. उन्नाव की 162 बांगरमऊ विधानसभा सीट अपने आप में एक खास चुनावी गणित रखती है. इस सीट पर कभी कांग्रेस का कब्जा रहा तो कभी हाथी की सवारी करने वाले प्रत्याशी की जीत हुई, साइकिल पर सवार होने वाला प्रत्याशी भी जीता है. पिछले कुछ चुनावों की बात की जाए तो अब तक बीजेपी ने पिछले 2020 के उपचुनाव में और 2017 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी से कुलदीप सिंह सेंगर ने बांगरमऊ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी का खाता खोला था जिसके बाद उपचुनाव में बांगरमऊ विधानसभा सीट से श्रीकांत कटियार ने कुलदीप सिंह सेंगर के जेल जाने के बाद फिर से कमल खिलाया.




सपा की सीट के नाम से प्रसिद्ध है सीट

इसी पर मुस्लिम, निषाद और यादव मतदाता अधिक होने के कारण इस सीट को समाजवादी पार्टी की सीट मानी जाती है. वहीं पिछले चुनाव की बात की जाए तो सबसे ज्यादा बार चुनाव समाजवादी पार्टी ने ही जीता है. हालांकि इस सीट पर बहुजन समाजवादी पार्टी का भी प्रदर्शन ठीक रहा है. वहीं देश की आजादी के बाद इस सीट पर कांग्रेस ने कई बार चुनाव जीता है.

कभी सपा का रहा दबदबा, आज बीजेपी है मजबूत
पिछले चुनाव का गणित
बांगरमऊ विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में बात की जाए तो 1993 में बांगरमऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी से अशोक कुमार सिंह बेबी, 1996 में राम शंकर पाल बहुजन समाजवादी पार्टी से, 2002 में राम शंकर पाल ने पुनः बहुजन समाजवादी पार्टी से जीत दर्ज की, वहीं 2007 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से कुलदीप सिंह सेंगर ने जीत दर्ज की, जबकि 2012 में बदलू खान ने समाजवादी पार्टी को पुनः जीत दिलाई, वहीं 2017 में हुए चुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम कर इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी को जीत दर्ज कराई, वहीं 2020 के उपचुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर के जेल जाने के बाद श्रीकांत कटियार ने इस सीट पर पुनः कमल खिलाया.

श्रीकांत कटियार, वर्तमान विधायक
श्रीकांत कटियार, वर्तमान विधायक
वोटर का गणित
इस सीट पर कुल वोटरों की बात की जाए तो 339806 हैं, इसमें पुरुष वोटर 185577 और महिला वोटर 154203 अन्य वोटर 26 हैं.
जातीय समीकरण
मुस्लिम66000
निषाद 51000
दलित41000
ब्राह्मण 40000
क्षत्रिय 27000
यादव25000
बाल्मीकि 17000
पाल 16000
कुर्मी 13000
अन्य 43806



समस्यायें

वैसे बांगरमऊ विधानसभा की समस्याओं की बात की जाए तो इस विधानसभा से लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे तो गुजरा है लेकिन इसकी अन्य सड़कें बहुत ही खराब हैं, यहां की सड़कों पर लोगों को हिचकोले खा कर चलना पड़ता है. कटरी क्षेत्र में रहने वाले लोग आज भी गंगा में बाढ़ आने के चलते पलायन का दंश झेलते हैं. उन्हें गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के साथ ही अपने घर को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर आशियाना बनाना पड़ता है, लेकिन अभी तक स्वतंत्र भारत के बाद किसी भी राजनीतिक नेता ने इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया है.



कुलदीप सिंह सेंगर, पूर्व विधायक
कुलदीप सिंह सेंगर, पूर्व विधायक
भौगोलिक परिदृश्य
162 बांगरमऊ विधानसभा सीट तीन जिलों की सीमाओं से मिलती है, जिनमें कानपुर देहात, हरदोई और लखनऊ है, बांगरमऊ कृषि यंत्रों का एक बहुत ही बड़ा बाजार है, यहां दूर-दूर से लोग कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए आते हैं. बांगरमऊ से निकली शारदा नहर बांगरमऊ विधानसभा को हरा-भरा रखने में अहम भूमिका निभाती है. बांगरमऊ विधानसभा में वन क्षेत्र अधिक होने की वजह है यह शारदा नहर ही है.

उन्नाव की सबसे चर्चित विधानसभा सीट है बांगरमऊ
उन्नाव की सबसे चर्चित विधानसभा सीट है बांगरमऊ
सबसे ज्यादा बार जीती कांग्रेस
बांगरमऊ विधानसभा सीट का गठन 1962 में हुआ था, पहली बार इसे सुरक्षित रखा गया था. जिसमें कांग्रेस के सेवाराम यहां से विधायक बने थे उसके बाद कांग्रेस ने 1969, 1980 ,1985 और 1991 में सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की इन चारों बार कांग्रेस पार्टी से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित के ससुर गोपी दीक्षित ने यहां से जीत दर्ज की थी. वहीं इस सीट पर अभी तक कोई भी महिला प्रत्याशी ने जीत दर्ज नहीं की है.
सबसे ज्यादा बार जीती कांग्रेस
सबसे ज्यादा बार जीती कांग्रेस

नहीं हुआ विकास

बांगरमऊ विधानसभा सीट से 2017 में भारतीय जनता पार्टी से कुलदीप सिंह सेंगर ने जीत दर्ज की थी, मगर बाद में कुलदीप सिंह सेंगर रेप के आरोप में जेल चले गए और न्यायालय ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. जिसके बाद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की विधायकी चली गई. उसके बाद इस विधानसभा का विकास अभी नहीं हो पाया. विकास इस विधानसभा से कोसों दूर है, शिक्षा के क्षेत्र में न ही यहां पर समुचित विद्यालय हैं और न ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर पर्याप्त चिकित्सालय व स्वास्थ्य कर्मी. ऐसे में यहां के लोगों को बेहतर इलाज के लिए कानपुर लखनऊ के चक्कर काटने पड़ते हैं.
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