उन्नाव: शासन ने विद्यालयों को कम्पोजिट तो बना दिया, लेकिन मूलभूत समस्याओं पर जिम्मेदार ध्यान केंद्रित करना मुनासिब नहीं समझते हैं. इसका एक सजीव उदाहरण पुरवा ब्लॉक क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय मुरैता प्राचीन का है. यहां पढ़ने वाले 140 बच्चे दूषित और बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं. प्यास बुझाने के लिए बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर रोड पार करके स्कूल के बाहर बस्ती में लगे हैण्ड पम्प से बोतल में पानी भरकर लाते हैं. जिम्मेदारों की घोर लापरवाही के कारण विद्यार्थियों के सेहत खिलवाड़ हो रहा है.
बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि विद्यालय में दूषित पानी का मामला संज्ञान में आया है. कम्पोजिट विद्यालय मुरैता के बच्चों को स्वच्छ पानी का अधिकार है. मैंने खुद वहां के खंड शिक्षा अधिकारी से बात की है. वहां कई बार स्वच्छ पानी के लिए कई बार रीबोर भी कराया गया है. लगभग 4 बार प्रयास किया गया है लेकिन हर बार वहां दूषित पानी निकल रहा है. अब एक बार फिर समरसेबल के माध्यम से और थोड़ा अच्छा डीप बोर कर शुद्ध पानी की व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं, विद्यालय के बगल में ही 100 मीटर के पास पानी का एक अच्छा स्रोत है. ग्राम प्रधान से ये भी बात चल रही है कि पाइप के माध्यम से अगर पानी सप्लाई हो सके तो किया जाए. हमारा यही उद्देश्य है कि हर बच्चे को स्वच्छ पानी मिले.
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