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उन्नाव के इस सरकारी स्कूल में दूषित पानी पीने को मजबूर विद्यार्थी - Composite School Morena prachin

उन्नाव के कम्पोजिट विद्यालय मुरैता प्राचीन के 140 बच्चे दूषित पानी पी रहे हैं. प्रधानाचार्य ने लिखित में विभाग में शिकायत भी की है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है.

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दूषित पानी पीने
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Published : Aug 5, 2022, 4:45 PM IST

उन्नाव: शासन ने विद्यालयों को कम्पोजिट तो बना दिया, लेकिन मूलभूत समस्याओं पर जिम्मेदार ध्यान केंद्रित करना मुनासिब नहीं समझते हैं. इसका एक सजीव उदाहरण पुरवा ब्लॉक क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय मुरैता प्राचीन का है. यहां पढ़ने वाले 140 बच्चे दूषित और बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं. प्यास बुझाने के लिए बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर रोड पार करके स्कूल के बाहर बस्ती में लगे हैण्ड पम्प से बोतल में पानी भरकर लाते हैं. जिम्मेदारों की घोर लापरवाही के कारण विद्यार्थियों के सेहत खिलवाड़ हो रहा है.

दूषित पानी पीने के लिए मजबूर सरकारी स्कूल के बच्चे
कम्पोजिट विद्यालय मुरैता प्राचीन में कई बार नॉर्मल इंडिया मार्का हैण्ड पम्प लगवाए गये लेकिन हर बार खारा, बदबूदार एवं दूषित पानी ही निकलता है. जिसकी वजह से इस विद्यालय के अपनी प्यास जुझाने के लिए अपने घरों से बोतल में पानी लाते हैं. जब पानी खत्म हो जाता है, तब स्कूल के बाहर बस्ती में लगे हैण्ड पम्प से पानी भरने जाते हैं. जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. प्रधानाचार्य मोती लाल ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया था. लिखित में भी शिकायत दी थी, लेकिन कोई हल नहीं हुआ. यह भी पढ़ें:खुलासाः कन्नौज में दूषित पानी पीने से हुई थी दो सगी बहनों समेत तीन की मौत

बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि विद्यालय में दूषित पानी का मामला संज्ञान में आया है. कम्पोजिट विद्यालय मुरैता के बच्चों को स्वच्छ पानी का अधिकार है. मैंने खुद वहां के खंड शिक्षा अधिकारी से बात की है. वहां कई बार स्वच्छ पानी के लिए कई बार रीबोर भी कराया गया है. लगभग 4 बार प्रयास किया गया है लेकिन हर बार वहां दूषित पानी निकल रहा है. अब एक बार फिर समरसेबल के माध्यम से और थोड़ा अच्छा डीप बोर कर शुद्ध पानी की व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं, विद्यालय के बगल में ही 100 मीटर के पास पानी का एक अच्छा स्रोत है. ग्राम प्रधान से ये भी बात चल रही है कि पाइप के माध्यम से अगर पानी सप्लाई हो सके तो किया जाए. हमारा यही उद्देश्य है कि हर बच्चे को स्वच्छ पानी मिले.

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उन्नाव: शासन ने विद्यालयों को कम्पोजिट तो बना दिया, लेकिन मूलभूत समस्याओं पर जिम्मेदार ध्यान केंद्रित करना मुनासिब नहीं समझते हैं. इसका एक सजीव उदाहरण पुरवा ब्लॉक क्षेत्र के कम्पोजिट विद्यालय मुरैता प्राचीन का है. यहां पढ़ने वाले 140 बच्चे दूषित और बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं. प्यास बुझाने के लिए बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर रोड पार करके स्कूल के बाहर बस्ती में लगे हैण्ड पम्प से बोतल में पानी भरकर लाते हैं. जिम्मेदारों की घोर लापरवाही के कारण विद्यार्थियों के सेहत खिलवाड़ हो रहा है.

दूषित पानी पीने के लिए मजबूर सरकारी स्कूल के बच्चे
कम्पोजिट विद्यालय मुरैता प्राचीन में कई बार नॉर्मल इंडिया मार्का हैण्ड पम्प लगवाए गये लेकिन हर बार खारा, बदबूदार एवं दूषित पानी ही निकलता है. जिसकी वजह से इस विद्यालय के अपनी प्यास जुझाने के लिए अपने घरों से बोतल में पानी लाते हैं. जब पानी खत्म हो जाता है, तब स्कूल के बाहर बस्ती में लगे हैण्ड पम्प से पानी भरने जाते हैं. जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. प्रधानाचार्य मोती लाल ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया था. लिखित में भी शिकायत दी थी, लेकिन कोई हल नहीं हुआ. यह भी पढ़ें:खुलासाः कन्नौज में दूषित पानी पीने से हुई थी दो सगी बहनों समेत तीन की मौत

बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि विद्यालय में दूषित पानी का मामला संज्ञान में आया है. कम्पोजिट विद्यालय मुरैता के बच्चों को स्वच्छ पानी का अधिकार है. मैंने खुद वहां के खंड शिक्षा अधिकारी से बात की है. वहां कई बार स्वच्छ पानी के लिए कई बार रीबोर भी कराया गया है. लगभग 4 बार प्रयास किया गया है लेकिन हर बार वहां दूषित पानी निकल रहा है. अब एक बार फिर समरसेबल के माध्यम से और थोड़ा अच्छा डीप बोर कर शुद्ध पानी की व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं, विद्यालय के बगल में ही 100 मीटर के पास पानी का एक अच्छा स्रोत है. ग्राम प्रधान से ये भी बात चल रही है कि पाइप के माध्यम से अगर पानी सप्लाई हो सके तो किया जाए. हमारा यही उद्देश्य है कि हर बच्चे को स्वच्छ पानी मिले.

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