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उन्नाव: शहीद शशिकांत की अंतिम यात्रा, लोगों ने नम आंखों से दी विदाई

शहीद शशिकांत तिवारी की आज अंतिम यात्रा है. उनके अंतिम दर्शन को हजारों का तादाद में भीड़ उमड़ी है. लोग नम आंखों से उन्हें विदाई दे रहे हैं. उन्नाव के हजारों लोग शहीद के घर पहुंचे हैं.

शहीद उन्नाव
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Published : Mar 20, 2019, 2:54 PM IST

उन्नाव: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 18 मार्च को हुई नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए उन्नाव के जवान शशिकांत तिवारी की बुधवार को अंतिम यात्रा है. उन्नाव के हजारों लोग शहीद के घर पहुंचे हैं. वहीं अंतिम यात्रा में लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी. साथ ही कुछ लोगों ने नक्सलियों के प्रति रोष जाहिर किया है.

सीआरपीएफ के 231 बटालियन के जवान शशिकांत तिवारी का शव तिरंगे से लिपटा है. उन्हें आखरी विदाई देने के लिए दूर-दूर से लोग आए हैं. शहीद की शहादत की अंतिम यात्रा में गाजे-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली जानी सुनिश्चित हुई. शहीद की अंतिम यात्रा उन्नाव के गंगा घाट अंत्येष्टि स्थल पर ले जाई जाएगी, जहां पर हिंदू विधि विधान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

शहीद शशिकांत तिवारी की अंतिम यात्रा में उमड़ा हुजूम.

बता दें शशिकांत तिवारी 18 मार्च को सोमवार 4 बजे के आसपास नक्सलियों की तरफ से हुई गोलीबारी में शहीद हो गए थे. शशिकांत का एक बेटा और एक बेटी है. वहीं परिवार के भरण-पोषण के लिए उन्नाव जिला अधिकारी ने बताया कि शहीद के परिवार में पत्नी को 20 लाख रुपए और माता-पिता के भरण-पोषण के लिए 5 लाख रुपए दिए गए हैं.

उन्नाव: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 18 मार्च को हुई नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए उन्नाव के जवान शशिकांत तिवारी की बुधवार को अंतिम यात्रा है. उन्नाव के हजारों लोग शहीद के घर पहुंचे हैं. वहीं अंतिम यात्रा में लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी. साथ ही कुछ लोगों ने नक्सलियों के प्रति रोष जाहिर किया है.

सीआरपीएफ के 231 बटालियन के जवान शशिकांत तिवारी का शव तिरंगे से लिपटा है. उन्हें आखरी विदाई देने के लिए दूर-दूर से लोग आए हैं. शहीद की शहादत की अंतिम यात्रा में गाजे-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली जानी सुनिश्चित हुई. शहीद की अंतिम यात्रा उन्नाव के गंगा घाट अंत्येष्टि स्थल पर ले जाई जाएगी, जहां पर हिंदू विधि विधान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

शहीद शशिकांत तिवारी की अंतिम यात्रा में उमड़ा हुजूम.

बता दें शशिकांत तिवारी 18 मार्च को सोमवार 4 बजे के आसपास नक्सलियों की तरफ से हुई गोलीबारी में शहीद हो गए थे. शशिकांत का एक बेटा और एक बेटी है. वहीं परिवार के भरण-पोषण के लिए उन्नाव जिला अधिकारी ने बताया कि शहीद के परिवार में पत्नी को 20 लाख रुपए और माता-पिता के भरण-पोषण के लिए 5 लाख रुपए दिए गए हैं.

Intro:विगत 18 मार्च को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली मुठभेड़ में उन्नाव के जवान शशिकांत तिवारी की की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए उन्नाव के हजारों लोग शहीद के घर पहुंचे वहीं अंतिम यात्रा में शव रखने वाले वाहन को दुल्हन जैसा सजाया गया है वही सभी आए हुए लोगों की आंखें नाम है कहीं ना कहीं उनके मन में नक्सलियों के प्रति बहुत ही गुस्सा जाहिर हो रहा है।


Body:वैसे तो किसी के परिवार का जब कोई सदस्य की मौत हो जाती है तो परिवार में शोक का माहौल होता है वही जब किसी सैनिक भाई की शहादत होती है तो तिरंगे से लिपटा हुआ सब लोगों को अपनी और आकर्षित करता है वही आज उन्नाव में भी देखने को मिल रहा है तिरंगे से लिपटा हुआ सीआरपीएफ के 231 बटालियन के जवान शशिकांत तिवारी का शव तिरंगे से लिपटा है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए हुए हैं वहीं सबसे खास बात शहीद की शहादत की अंतिम यात्रा में गाजे-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली जानी सुनिश्चित हुई है वहीं देश भक्ति के गाने लोगों की आंखों में आंसू भरने को मजबूर हैं। अब से कुछ देर में शहीद की अंतिम यात्रा उन्नाव के गंगा घाट अंत्येष्टि स्थल पर ले जाई जाएगी जहां पर हिंदू विधि विधान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।


Conclusion:शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने आए लोग जहां एक और आंखों में आंसू लिए हुए हैं वहीं दूसरी ओर बज रहे देश भक्ति के गाने कहीं ना कहीं देश के प्रति इन लोगों के दिलों में देशभक्ति का जोश भी भर रहे हैं
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