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उन्नाव: DM कार्यालय पहुंची महिलाएं, ज्ञापन सौंपकर की रोजगार की मांग

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में आज मंगलवार को सूरज महिला संगठन की महिलाएं इकट्ठा होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची. यहां सभी ने ज्ञापन सोंपकर डीएम को अपनी परेशानियों से अवगत कराया.

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Published : Aug 28, 2019, 12:06 PM IST

डीएम कार्यालय पहुंची महिलाएं.

उन्नाव: राजेपुर गांव की रहने वाली और सूरज महिला संगठन की महिलाएं आज मंगलवार को इकट्ठा होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची. यहां सभी ने ज्ञापन सौंपकर डीएम को अपनी परेशानियों से अवगत कराया. साथ ही उनसे आग्रह किया कि वो सभी को रोजगार दिलाएं, जिससे उनकी आजीविका चल सके.

डीएम कार्यालय पहुंची महिलाएं.

तंगहाली में जीवन जीने को मजबूर हैं महिलाएं

  • करीब 100 महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पास न घर है न खेती.
  • जो महिलाएं विधवा और वृद्धा हैं, उन्हें पेंशन नहीं मिलती है.
  • परिवार का राशन कार्ड भी नहीं बनाया गया है.
  • महिलाओं के पतियों के पास कोई रोजगार नहीं है.
  • प्रधान द्वारा कोई मदद नहीं की जाती है.

यह भी पढ़ें:- शाहजहांपुर: पूर्व भाजपा सांसद स्वामी चिन्मयानंद पर एफआईआर दर्ज

संगठन में करीब 120 महिलाओं के पास घर नहीं है. खाने के लिए राशन भी नहीं है, जिसके कारण महिलाएं परेशानियों से भरा जीवन जाने को मजबूर हैं.
-महदेई, अध्यक्ष, सूरज महिला संगठन

संगठन की कई महिलाओं के पास घर, खेती और कोई रोजगार नहीं है. पति भी कोई काम नहीं करते है, जिससे वो अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ हो रही हैं. वहीं विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और राशन कार्ड जैसी सुविधाएं भी नहीं मिल रही है. ग्राम प्रधान के पास समस्या लेकर जाने पर निराकरण के नाम पर टाल दिया जाता है.
-रीना शर्मा, महिला संगठन कार्यकर्ता

उन्नाव: राजेपुर गांव की रहने वाली और सूरज महिला संगठन की महिलाएं आज मंगलवार को इकट्ठा होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची. यहां सभी ने ज्ञापन सौंपकर डीएम को अपनी परेशानियों से अवगत कराया. साथ ही उनसे आग्रह किया कि वो सभी को रोजगार दिलाएं, जिससे उनकी आजीविका चल सके.

डीएम कार्यालय पहुंची महिलाएं.

तंगहाली में जीवन जीने को मजबूर हैं महिलाएं

  • करीब 100 महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पास न घर है न खेती.
  • जो महिलाएं विधवा और वृद्धा हैं, उन्हें पेंशन नहीं मिलती है.
  • परिवार का राशन कार्ड भी नहीं बनाया गया है.
  • महिलाओं के पतियों के पास कोई रोजगार नहीं है.
  • प्रधान द्वारा कोई मदद नहीं की जाती है.

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संगठन में करीब 120 महिलाओं के पास घर नहीं है. खाने के लिए राशन भी नहीं है, जिसके कारण महिलाएं परेशानियों से भरा जीवन जाने को मजबूर हैं.
-महदेई, अध्यक्ष, सूरज महिला संगठन

संगठन की कई महिलाओं के पास घर, खेती और कोई रोजगार नहीं है. पति भी कोई काम नहीं करते है, जिससे वो अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ हो रही हैं. वहीं विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और राशन कार्ड जैसी सुविधाएं भी नहीं मिल रही है. ग्राम प्रधान के पास समस्या लेकर जाने पर निराकरण के नाम पर टाल दिया जाता है.
-रीना शर्मा, महिला संगठन कार्यकर्ता

Intro:आज उन्नाव के राजेपुर गांव की रहने वाली तकरीबन आधा सैकड़ा से अधिक महिलाओं ने जिलाधिकारी को अपनी बदहाल जिंदगी के बारे में ज्ञापन सौंपा और जिलाधिकारी से मांग की कि उनके गांव में रहने वाले लोगों को उसमे चाहे पुरुष हों या महिलाएं सभी को रोजगार दिलाया जाए और सरकार की तरफ से चलने वाली योजनाओं का लाभ दिलाया जाए जिससे जो तंगहाली में जीवन जी रहे हैं उनको कुछ राहत मिल सके।


Body:यूं तो हम सभी रोजगार के लिए पुरुषों को इधर-उधर भटकते देखा है लेकिन आज उन्नाव में करीब आधा सैकड़ा से अधिक महिलाओं ने अपने व अपने पति तथा गांव में जो महिलाएं व पुरुष बदहाल स्थिति में जी रहे हैं उनके लिए रोजगार मांगने व सरकारी सेवाओं का लाभ दिलाने के लिए उन्नाव के जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडे को संबंधित ज्ञापन सौंपा और महिलाओं ने जिलाधिकारी से आग्रह किया कि उनके गांव में बहुत सारी महिलाएं ऐसी हैं जिनके परिवार में बिल्कुल भी खेती नहीं है और ना ही उनके पास घर है ऐसे में बदहाल स्थिति में जीवन जीने को यह महिलाएं मजबूर हैं।


Conclusion:वहीं जिलाधिकारी को ज्ञापन देने के बाद ईटीवी से बात करते हुए महिलाओं ने बताया कि उनके गांव के प्रधान गांव में रहने वाली महिलाओं की समस्याओं को नहीं सुनते हैं हमारे गांव में 10 समूह है जिनमें 120 महिलाओं ने मिलकर सूरज महिला संगठन बनाया है जिसमें 120 महिलाओं में से लगभग 100 महिलाएं ऐसी हैं जिनके ना ही घर हैं और ना ही उनके पास खेती जिससे वह अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ हो रही है और कई महिलाएं ऐसी हैं जिनको विधवा पेंशन,वृद्धावस्था पेंशन तथा राशन कार्ड जैसी सेवाएं मिलनी चाहिए लेकिन ग्राम प्रधान की संवेदनहीनता के चलते उनको कोई भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है वहीं महिलाओं ने बताया कि जब हम लोग ग्राम प्रधान से अपनी समस्याओं को लेकर कहते हैं तो वह कहते हैं कि उनकी समस्या का निराकरण करा देंगे लेकिन निराकरण कर आते नहीं ऐसे में हम लोग अपना जीवन यापन कैसे करें? जिलाधिकारी से ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए महिलाओं ने कहा कि हमारे गांव में जो महिलाएं सरकारी योजनाओं की पात्र हैं उनको उस योजना का लाभ दिलाया जाए और जिन महिलाओं के प्रति काम नहीं करते हैं उनको काम दिलाया जाए जिससे हम लोगों की बदहाल जिंदगी ठीक हो सके।

बाइट:--महदेई पीड़ित महिला संगठन की अध्यक्ष।

बाइट:--रीना शर्मा महिला संगठन की बुक कीपर
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