उन्नावः जनपद में दो दिन पूर्व गेटमैन के सुसाइड करने के मामले में सुसाइड नोट सामने आया है. सुसाइड नोट में गेटमैन ने संतकबीरनगर के नगर पंचायत हरिहरपुर के पूर्व चेयरमैन पप्पू शाही और वर्तमान चेयरमैन द्वारा फंसाये जाने का आरोप लगाया है. मृतक ने तत्कालीन पुलिस विभाग के अधिकारियों पर समर्थन करने का आरोप लगाया है. वहीं मृतक ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि ड्यूटी के दिन भी उस पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया. वहीं उन्नाव पुलिस के सीओ बीघापुर कृपाशंकर कन्नौजिया का कहना है की मामले की जांच की जा रही है. परिवार के द्वारा तहरीर नहीं दी गई है. तहरीर मिलते ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

रेलवे स्टेशन के पास स्थित गेट पर तैनात था गेटमैन
बता दें की तकिया रेलवे गेट पर गैटमैन के पद पर तैनात संतकबीरनगर के हरिहरपुर नगर पंचायत निवासी रघुवीर गुप्ता ने शनिवार रात अपने तैनाती स्थल पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली. रघुवीर बिहार थाना क्षेत्र के तकिया स्थित रेलवे गेट पर गेटमैन के पद पर कार्यरत थे. पीड़ित ने सुसाइड करने से पूर्व सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने गृह जनपद संतकबीरनगर के हरिहरपुर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन पप्पू शाही और वर्तमान चेयरमैन पर फंसाने का आरोप लगाया है. वहीं गेटमैन के सुसाइड और जहरीला पदार्थ खा लेने की सूचना पर पुलिस और रेलवे कर्मी मौके पर पहुंचे. गेटमैन को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां उसकी मौत हो गई.
पुलिस को मिला सुसाइड नोट
पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है. पीड़ित ने सुसाइड नोट में लिखा है कि "मैं रघुवर गुप्ता आज आत्महत्या कर रहा हूं क्योंकि संत कबीर नगर के नगर पंचायत हरिहरपुर के पूर्व चेयरमैन पप्पू शाही एवं वर्तमान चेयरमैन द्वारा मुझे बेवजह फंसाया गया है. जिसमें तत्कालीन पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने पूर्ण समर्थन किया क्योंकि हम सभी अपने जमीनों के लिए लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन कुछ दिनों बाद यह भी पता चला कि 12 नवंबर 2020 धनतेरस के दिन मैं ड्यूटी पर था. उस दिन भी मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई. इन्हीं सब चीजों की वजह से मैं अत्यंत ही मानसिक तनाव से जूझ रहा हूं. आज अपने आप को इस जिंदगी से मुक्त करता हूं." मृतक ने सुसाइड नोट में आगे लिखा कि "न तो अब मैं बेहतर जिंदगी जीने और न ही किसी से मुंह दिखाने के काबिल रहा. मैंने कई बार नाम हटवाने के लिए सिफारिश की, आत्मसमर्पण भी किया लेकिन कोई भी नतीजा नहीं आया.
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मैं इस जिंदगी से अपने आप को मुक्त करने जा रहा हूं. एक बुजुर्ग मां-बाप को औलाद का सहारा मिलना चाहिए लेकिन मैं उन्हें अकेला छोड़कर जा रहा हूं. घर में एक जवान बहन भी है, जिसकी मैं कुछ उम्मीदें पूरी नहीं कर सका, इसका मुझे अफसोस रहेगा लेकिन मैं अत्यंत रूप से पीड़ित हूं. बस अब मैं और इस जालिम दुनिया का सफर तय नहीं कर सकता. इसलिए इस दुनिया को अलविदा कहना चाहता हूं. मेरे रिश्तेदारों एवं परिवार वालों ने मेरा बखूबी साथ दिया. इसलिए मैं आप सभी से माफी चाहता हूं क्योंकि मैं आपकी उम्मीद पर खरा नहीं उतर सका."
तहरीर पर होगी आगे की कार्रवाई
सीओ बीघापुर कृपाशंकर कनौजिया ने बताया की रेलकर्मी के गेट पर न पहुंचने पर स्टॉफ ने जानकारी हासिल की थी, जिसके बाद रेलकर्मी घर पहुंचे और उसे हॉस्पिटल लेकर गए थे. इलाज के दौरान पीड़ित ने दम तोड़ दिया था. अभी तक परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है. तहरीर मिलते ही कार्रवाई की जाएगी.