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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हुईं उन्नाव की स्नेहिल पांडेय

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के 47 शिक्षकों को सम्मानित किया. इन शिक्षकों में उन्नाव की स्नेहिल पाण्डेय भी शामिल रहीं. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने सभी को बधाई देने के साथ ही भविष्य में अच्छा काम करने की शुभकामनाएं दीं.

राष्ट्रपति ने किया सम्मानित.
राष्ट्रपति ने किया सम्मानित.
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Published : Sep 5, 2020, 4:52 PM IST

उन्नाव: जिले की एक सरकारी स्कूल महिला टीचर ने बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही कंप्यूटर की आधुनिक पढ़ाई व खेल कूद सिखाकर अन्य स्कूलों से अलग पहचान बनाई है. हमेशा कुछ अलग करने का हौंसला रखने वाली डॉ. स्नेहिल पांडेय को शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के सम्मान से नवाजा गया. शिक्षिका स्नेहिल की इस बड़ी उपलब्धि से बेसिक शिक्षा विभाग भी गदागद है.

महत्वपूर्ण बातें-

  • जिले की स्नेहिल पांडेय को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से किया गया सम्मानित.
  • इससे पहले स्नेहिल की माता को भी राष्ट्रपति से मिल चुका है पुरस्कार.

बता दें कि शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के तीन शिक्षकों को राष्ट्रपति भवन से अवॉर्ड से सम्मानित किया. इन तीन शिक्षकों में जिले की शिक्षिका स्नेहिल पांडेय भी शामिल थीं. यह नवाबगंज ब्लॉक में संचालित इंग्लिश मीडियम मॉडल प्राथमिक स्कूल की प्रधान शिक्षक हैं. डॉ. स्नेहिल पांडेय उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 से सम्मानित होने वाली एकमात्र महिला शिक्षिका हैं.

पूरे प्रदेश से 90 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 3 लोग चयनित हुए हैं. इसमें मैनपुरी जिले से पूर्व शिक्षक मोम्मद इशरत अली, दूसरी स्नेहिल पांडेय और मुजफ्फरनगर के शिक्षक विकास कुमार शामिल हैं. इन सभी को जॉय फुल लर्निंग व आईसीटी के प्रयोग के लिए पुरस्कार दिया गया है. साथ ही बालिका शिक्षा नामांकन, ठहराव और नए-नए नवाचारों के माध्यम से अंग्रेजी पढ़ाने के तरीके को शिक्षा मंत्रालय की ओर से सराहा गया है. बता दें कि शिक्षिका की माता सुधा शुक्ला को भी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिल चुका है.

शिक्षक दिवस पर वेबीनार के जरिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन पुरस्कार दिया गया. साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली की ओर से 1 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म जारी की गई है. बता दें कि शिक्षा के क्षेत्र में अलग प्रयास करने वाले शिक्षकों को ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार सम्मान दिया जाता है.

जिले की स्नेहिल पांडेय ने बच्चों को किताबी ज्ञान के साथी कंप्यूटर की आधुनिक शिक्षा व संस्कार भी दिए हैं. इंग्लिश मॉडल प्राथमिक स्कूल के बच्चे किसी बड़े कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों की तरह इंग्लिश टू इंग्लिश बात करते हैं, जिससे उनका मनोबल बढ़ता है.

गौरतलब है कि सरकारी स्कूल के बच्चों के सामने कभी कभी कॉन्वेंट स्कूल के बच्चे भी इंग्लिश बोलने में फीके पड़ जाते हैं, लेकिन शिक्षिका की सफलता से उन्नाव का संपूर्ण बेसिक शिक्षा विभाग गौरवान्वित हो रहा है. उन्होंने यहां शिक्षण को रुचिकर बनाने, छात्रों को स्वास्थ्य व सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने और अंग्रेजी में पढ़ने व बोलने में निपुण बनाया. अब यहां के छात्र अंग्रेजी से भागते नहीं है.

डॉ. स्नेहिल पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कर वे बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि अगर बच्चों को अपना बच्चा समझकर स्कूल में शिक्षित किया जाए तो निश्चित तौर पर समाज को शैक्षिक गति मिलेगी. वे कहती हैं कि सरकार द्वारा दिए गए काम को निष्ठा व ईमानदारी से करना चाहिए. वे इस सम्मान को अपने बच्चों और शिक्षकों को समर्पित करती हैं.

उन्नाव: जिले की एक सरकारी स्कूल महिला टीचर ने बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही कंप्यूटर की आधुनिक पढ़ाई व खेल कूद सिखाकर अन्य स्कूलों से अलग पहचान बनाई है. हमेशा कुछ अलग करने का हौंसला रखने वाली डॉ. स्नेहिल पांडेय को शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के सम्मान से नवाजा गया. शिक्षिका स्नेहिल की इस बड़ी उपलब्धि से बेसिक शिक्षा विभाग भी गदागद है.

महत्वपूर्ण बातें-

  • जिले की स्नेहिल पांडेय को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से किया गया सम्मानित.
  • इससे पहले स्नेहिल की माता को भी राष्ट्रपति से मिल चुका है पुरस्कार.

बता दें कि शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के तीन शिक्षकों को राष्ट्रपति भवन से अवॉर्ड से सम्मानित किया. इन तीन शिक्षकों में जिले की शिक्षिका स्नेहिल पांडेय भी शामिल थीं. यह नवाबगंज ब्लॉक में संचालित इंग्लिश मीडियम मॉडल प्राथमिक स्कूल की प्रधान शिक्षक हैं. डॉ. स्नेहिल पांडेय उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 से सम्मानित होने वाली एकमात्र महिला शिक्षिका हैं.

पूरे प्रदेश से 90 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 3 लोग चयनित हुए हैं. इसमें मैनपुरी जिले से पूर्व शिक्षक मोम्मद इशरत अली, दूसरी स्नेहिल पांडेय और मुजफ्फरनगर के शिक्षक विकास कुमार शामिल हैं. इन सभी को जॉय फुल लर्निंग व आईसीटी के प्रयोग के लिए पुरस्कार दिया गया है. साथ ही बालिका शिक्षा नामांकन, ठहराव और नए-नए नवाचारों के माध्यम से अंग्रेजी पढ़ाने के तरीके को शिक्षा मंत्रालय की ओर से सराहा गया है. बता दें कि शिक्षिका की माता सुधा शुक्ला को भी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिल चुका है.

शिक्षक दिवस पर वेबीनार के जरिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन पुरस्कार दिया गया. साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली की ओर से 1 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म जारी की गई है. बता दें कि शिक्षा के क्षेत्र में अलग प्रयास करने वाले शिक्षकों को ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार सम्मान दिया जाता है.

जिले की स्नेहिल पांडेय ने बच्चों को किताबी ज्ञान के साथी कंप्यूटर की आधुनिक शिक्षा व संस्कार भी दिए हैं. इंग्लिश मॉडल प्राथमिक स्कूल के बच्चे किसी बड़े कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों की तरह इंग्लिश टू इंग्लिश बात करते हैं, जिससे उनका मनोबल बढ़ता है.

गौरतलब है कि सरकारी स्कूल के बच्चों के सामने कभी कभी कॉन्वेंट स्कूल के बच्चे भी इंग्लिश बोलने में फीके पड़ जाते हैं, लेकिन शिक्षिका की सफलता से उन्नाव का संपूर्ण बेसिक शिक्षा विभाग गौरवान्वित हो रहा है. उन्होंने यहां शिक्षण को रुचिकर बनाने, छात्रों को स्वास्थ्य व सामाजिक गतिविधियों से जोड़ने और अंग्रेजी में पढ़ने व बोलने में निपुण बनाया. अब यहां के छात्र अंग्रेजी से भागते नहीं है.

डॉ. स्नेहिल पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कर वे बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि अगर बच्चों को अपना बच्चा समझकर स्कूल में शिक्षित किया जाए तो निश्चित तौर पर समाज को शैक्षिक गति मिलेगी. वे कहती हैं कि सरकार द्वारा दिए गए काम को निष्ठा व ईमानदारी से करना चाहिए. वे इस सम्मान को अपने बच्चों और शिक्षकों को समर्पित करती हैं.

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