उन्नाव: डिप्टी सीएम बृजेश पाठक लगातार अलग-अलग शहरों के अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दे रहे हैं. लेकिन इस सख्ती का असर उन्नाव के जिला महिला चिकित्सालय पर नहीं दिखाई दे रहा है. अस्पताल में बायोकेमिस्ट्री मशीन दो सप्ताह से खराब होने के कारण प्रसूताओं व महिलाओं के कई टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. इस वजह से पीड़ितों को प्राइवेट डायग्नोस्टिक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
आपको बता दें कि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक लगातार अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दे रहे हैं. वह लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई भी कर रहे हैं. इसके बावजूद जनपद के महिला चिकित्सालय के जिम्मेदार अधिकारी सुस्ती दिखा रहे हैं. पिछले 2 सप्ताह से अधिक समय से यहां संचालित लैब में बायोकेमिस्ट्री मशीन खराब है.
लिवर, किडनी और शुगर समेत कई टेस्ट ठप्प: मशीन खराब होने के कारण चिकित्सालय में आने वाली महिला मरीजों के लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, शुगर व लिपिड प्रोफाइल टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. मजबूरी में टेस्ट कराने के लिए महिला मरीजों को बाहर का रास्ता देखना पड़ रहा है. वहीं, जिम्मेदार अधिकारी मशीन सुधरवाने को लेकर कोई प्रयास करते नहीं दिख रहे हैं.
मशीन ठीक होने में लगेंगे डेढ़ लाख: इस सिलसिले में जब महिला जिला चिकित्सालय के कर्मियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो मशीन खराब है उसमें लगभग डेढ़ लाख रुपए लगेंगे, जिसके लिए जो आउटसोर्सिंग कंपनी को लिखा गया है. जब वह लोग मशीन सही कराएंगे तभी मशीन चल पाएगी. तब तक मरीजों की यह जांचे यहां नहीं हो पाएंगी.
पत्र लिखकर हाथ धरे बैठे जिम्मेदार: लैब प्रभारी डॉ. तौसीफ ने बताया कि इस मशीन को सही कराने में लगभग डेढ़ लाख रुपए का खर्चा आ रहा है. इसके उन्होंने सीएमएस के माध्यम से कंपनी को पत्र लिखा है, जिसका बजट आते ही मशीन सही कराई जाएगी.
सीएमएस बोलीं जल्द ठीक कराएंगे: खराब मशीन को लेकर महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. अंजू दुबे ने बताया कि अस्पताल में पैथोलॉजी संचालित है. वह आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से संचालित है. उसको पत्र लिखा गया है, जल्द से जल्द मशीन सही कराने का प्रयास किया जाएगा.
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