उन्नावः बीते दिनों जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से बच्चा चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं. लेकिन इसमें जब जांच होती है तो आरोपी पूरी तरह से निर्दोष साबित पाए जाते हैं. वह सिर्फ अफवाह और गलतफहमी का शिकार होते हैं. इसमें प्रमुख रूप से वही लोग ही घेरे में आ रहे हैं जो क्षेत्रीय लोगों से अपरिचित होते हैं. ऐसे में रोजाना आमजन के साथ पुलिस अधिकारी भी परेशान हो रहे हैं. इसे लेकर पुलिस अधिकारियों ने लोगों से ऐसी किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले इसकी पुष्टि करने की अपील की है. साथ ही कानून हाथ में न लेने को कहा है.
बीते दिनों में घटी हैं कई घटनाएं-
22 अगस्त को उन्नाव लालगंज मार्ग पर बिहार थाना क्षेत्र के ग्राम अकरम पुर के पास ग्रामीणों ने वैन सवार चार साधुवेश धारियों को बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया था. इसके बाद लोगों ने सूचना पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस उन्हें पकड़ कर थाने लाई और पूछताछ की. पुलिस के अनुसार पकड़े गए साधु ने अयोध्या स्थित राम मंदिर के दर्शन कर वापस लौटने की बात बताई.
25 अगस्त को उन्नाव के उमाशंकर दीक्षित संयुक्त चिकित्सालय में एक युवक के एक बच्चे को पकड़ने पर लोगों ने युवक को पकड़कर जमकर पीट दिया. पीटने के बाद अस्पताल में स्थित चौकी इंचार्ज को उस युवक को सौंप दिया. पुलिस के पूछताछ करने पर पता चला कि वह युवक मानसिक विक्षिप्त है.
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बेगुनाह बनते हैं शिकार-
26 अगस्त को गंगा घाट कोतवाली अंतर्गत जाजमऊ चौकी क्षेत्र के कर्मी बिजलामऊ में लोगों ने एक अधेड़ को बच्चा चोर समझकर पीटा. पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया. पकड़े गए अधेड़ की मनोदशा ठीक नहीं थी. और पूछताछ में वह कुछ बता नहीं पा रहा था. 27 अगस्त को असोहा थाना परिसर के बगल में ब्लॉक मुख्यालय गेट के पास से दो बच्चियों से बात करने पर ग्रामीणों ने एक युवक को पकड़कर पीट दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे छुड़ाया और थाने लाई. पूछताछ में उसके एक पूर्व प्रधान की पत्नी से मिलने जाने की बात सामने आई.