उन्नाव: माह-ए-रमजान में देश की तरक्की और अमन शांति को इन दिनों उन्नाव शहर की जामा मस्जिद में करीब 25 लोग एतिकाफ पर बैठे हैं. जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं. ये सभी लोग अपनों से दूर देश व अपने परिवार की सलामती को अल्लाह की इबादत में लीन हैं. साथ ही चारों पहर मस्जिद में ही रहते हैं. एक ओर जहां देश में हिंदू-मुस्लिम एकता व भाईचारे को बनाए रखने को इस पाक माह में रोजेदार खुदा की इबादत कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अशांति के मार्ग को अख्तियार किए हुए हैं. लेकिन देश की अमन शांति के लिए चुनौती बने लोगों के लिए उन्नाव की जामा मस्जिद में एतिकाफ पर बैठे रोजेदार एक बेमिसाल नजीर बने हैं. वहीं, एतिकाफ पर बैठे रोजेदारों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
इधर, बातचीत के दौरान एतिकाफ पर बैठे रोजेदारों ने बताया कि वो यहां अल्लाह की इबादत करने के साथ ही मुल्क और अपने परिवार की सलामती की दुआ करते हैं. खैर, मुस्लिम युवकों के इस आस्था और मुल्क के प्रति समर्पण की चर्चा अब जिलेभर में चर्चा का विषय बन गया और लोग इनकी तारीफों की कसीदे पढ़ रहे हैं. वहीं, जब जामा मस्जिद के मौलवी मोहम्मद वासिक ज़मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अल्लाह को राजी करने की नियत से जो शख्स रमजान में मस्जिद में रुकता है, अल्लाह उसकी इबादत कुबूल करते हैं और उसकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं.
उन्होंने बताया एतिकाफ में शख्स कुरान पाक की तिलावत करता है. नफील नमाज़ अदा करता है और इस समयावधि में किसी से मिलता जुलता नहीं है. इन्हीं सभी शर्तों को मानते हुए लोग एतिकाफ पर बैठते हैं. उन्होंने बताया कि यहां पर करीब 25 लोग एतिकाफ पर बैठे हैं और अल्लाह से गुजारिश कर रहे हैं कि अल्लाह उन्हें सही सलामत रखें व मुल्क में अमन शांति बनाए रखें.
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