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उन्नाव में मुस्लिम समुदाय ने मनाया अनोखे अंदाज में मोहर्रम

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मोहर्रम का त्योहार अनोखे अंदाज में मनाया. लोगों ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया और रक्तदान करके इंसानियत का पैगाम दिया.

मुस्लिम समुदाय ने मनाया अनोखे अंदाज में मोहर्रम.
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Published : Sep 10, 2019, 8:50 PM IST

उन्नाव: मोहर्रम मातम का त्योहार है और मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन जुलूस निकालकर मातम मनाते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग धारदार चीजों से अपने शरीर पर वार करके खुद को लहूलुहान करते हैं, लेकिन जिले में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मोहर्रम कुछ अलग ही अंदाज में मनाया. यहां मोहर्रम के दिन रक्तदान शिविर का आयोजन किया और रक्तदान करके इंसानियत का पैगाम दिया.

जानकारी देते शिविर के आयोजक.
  • उन्नाव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मोहर्रम का त्योहार अनोखे अंदाज में मनाया.
  • उन्होंने कर्बला में कुर्बान होने वाले इमाम हुसैन की याद में रक्तदान करके इंसानियत का पैगाम दिया.
  • लोगों का मानना है कि ऐसा करके वो अल्लाह के बताए हुए इंसानियत के मार्ग पर चलते हैं.
  • लोगों ने कहा कि सड़कों पर रक्त बहाने की बजाय रक्तदान करके किसी की जिंदगी बचाना इंसानियत है.
  • यह शिविर 2013 से चलाया जा रहा है.
  • मोहर्रम के इस जुलूस में शामिल होने वाले लोग इस शिविर में रक्तदान करते हैं.

उन्नाव: मोहर्रम मातम का त्योहार है और मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन जुलूस निकालकर मातम मनाते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग धारदार चीजों से अपने शरीर पर वार करके खुद को लहूलुहान करते हैं, लेकिन जिले में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मोहर्रम कुछ अलग ही अंदाज में मनाया. यहां मोहर्रम के दिन रक्तदान शिविर का आयोजन किया और रक्तदान करके इंसानियत का पैगाम दिया.

जानकारी देते शिविर के आयोजक.
  • उन्नाव में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मोहर्रम का त्योहार अनोखे अंदाज में मनाया.
  • उन्होंने कर्बला में कुर्बान होने वाले इमाम हुसैन की याद में रक्तदान करके इंसानियत का पैगाम दिया.
  • लोगों का मानना है कि ऐसा करके वो अल्लाह के बताए हुए इंसानियत के मार्ग पर चलते हैं.
  • लोगों ने कहा कि सड़कों पर रक्त बहाने की बजाय रक्तदान करके किसी की जिंदगी बचाना इंसानियत है.
  • यह शिविर 2013 से चलाया जा रहा है.
  • मोहर्रम के इस जुलूस में शामिल होने वाले लोग इस शिविर में रक्तदान करते हैं.
Intro: कहते है मोहर्रम मातम का त्योहार होता है और मुस्लिम समुदाय के लोग आज के दिन जुलूस निकालकर मातम मनाते है और कैची चाकुओ से अपने शरीर पर वार करके लहूलुहान कर लेते है लेकिन उन्नाव में मुस्लिम समुदाय के लोग मोहर्रम कुछ अलग ही अंदाज़ में मनाते है अपने शरीर को घायल कर खून बहाने की बजाय यहाँ लोग रक्त दान करके इंसानियत का पैगाम देते है मोहर्रम के दिन रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है और जुलूस में शामिल होने वाले लोग इस शिविर में रक्तदान करते है लोगो का मानना है कि ऐसा करके वो अल्लाह के बताए हुए इंसानियत के मार्ग पर चलते है और रक्त सड़को पर बहाने की बजाय किसी इंसान की जिंदगी बचाने के लिये रक्त दान करते है।


Body:हाथों में चाकुओ की चाबुक और जंजीर से खुद के शरीर को लहूलुहान करके मातम मना रहे लोग भले ही मुहर्रम में हुसैन की याद में गमजदा हो लेकिन उन्नाव में मुस्लिम समुदाय के लोगो ने मुहर्रम मनाने की एक अनोखी पहल शुरू की है । सड़को पर अपना लहू बहाने की बजाय इंसानियत के लिए कर्बला में कुर्बान होने वाले इमाम हुसैन की याद में लोग रक्तदान करके इंसानियत का पैगाम दे रहे है । जी हां मुस्लिम समुदाय के लोग मुहर्रम के दिन रक्तदान शिविर लगाते है जिसमे काफी संख्या में मुस्लिम रक्तदान करते है यही नही मुहर्रम के जुलूस में शामिल होने वाले लोग भी भारी संख्या में कैम्प पहुचकर रक्तदान करके इंसानियत का पैगाम देते है 2013 से चलाए जा रहे है इस कैम्प मे धीरे धीरे लोगो की संख्या बढ़ती जा रही है।

Conclusion:लोगो का मानना है कि आज ही के दिन इमाम हुसैन ने कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ इंसानियत को बचाने के लिए शहादत दी थी इसलिए आज का दिन पूरी दुनिया मे शहीदे इंसानियत के नाम से भी मनाया जाता है इमाम हुसैन के उसी पैगाम को आगे बढाते हुए लोग रक्तदान करके इंसानियत की मिशाल पैदा कर रहे है । रक्तदाताओं की माने तो सड़क पर खून बहाने से रक्तदान करके किसी इंसान की जिंदगी बचाना हुसैन को सच्ची शहादत है यही नही आयोजको की मॉने तो धीरे धीरे लोगो को समझ मे आ रहा है कि सड़क पर मातम करके खून बहाने की बजाय रक्तदान करके किसी इंसान की जान बचाना । इमाम हुसैन और 72 शहीदों को सच्ची शहादत है और इसी वजह से लोगो की संख्या बढ़ती जा रही है मुस्लिम ही नही अन्य समुदाय के लोग भी शिविर में रक्तदान करके इंसानियत की मिशाल पेश कर रहे है। शिविर में 24 से अधिक लोगों ने रक्तदान कर मिशाल पेश की ।

बाईट--सैय्यद कासिफ (रक्तदाता)

बाईट--अमीर जैदी (रक्तदान शिविर आयोजक)
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