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ETV भारत का असर: उन्नाव जिला अस्पताल में नवजात को संक्रमण से बचाएगी मेडिकेटेड तौलिया - शिशु मृत्यु दर को कम करने के उपाय

ईटीवी भारत ने जिला महिला अस्पताल में होने वाली शिशु मृत्यु दर को लेकर एक स्टोरी की थी, जिसमें बच्चों की मृत्यु का एक कारण संक्रमण भी सामने आया था. संक्रमण को संज्ञान में लेते हुए जिला अस्पताल प्रशासन मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अब सरकारी अस्पतालों में प्रसव होने पर नवजात को साफ करने के लिए परिवार द्वारा लाया गया कपड़ा और तौलिया इस्तेमाल नहीं करेगा.

नवजात के लिए प्रयोग की जाएंगी मेडिकेटेड तौलिया.
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Published : May 30, 2019, 12:40 PM IST

उन्नाव: ईटीवी भारत की पहल को 'ऑपरेशन जिला अस्पताल' में एक सफलता हासिल हुई है. उन्नाव जिला अस्पताल में नवजात को संक्रमण से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम ने बच्चे को साफ करने के लिए नया कपड़ा और परिजनों को सौंपने के लिए मेडिकेटेड तौलिया देने का निर्णय लिया है. ये तौलियां भी रंगीन होंगी. यह व्यवस्था महिला जिला अस्पताल से शुरू की गई है.

नवजात को संक्रमण से बचाने के लिए प्रयोग की जाएंगी मेडिकेटेड तौलियां.

दरअसल, ईटीवी भारत ने जिला महिला अस्पताल में होने वाली शिशु मृत्यु दर को लेकर एक स्टोरी की थी, जिसमें बच्चों की मृत्यु का एक कारण संक्रमण भी सामने आया था. संक्रमण को संज्ञान में लेते हुए जिला अस्पताल प्रशासन ने मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अब सरकारी अस्पतालों में प्रसव होने पर नवजात को साफ करने के लिए परिवार द्वारा लाया गया कपड़ा और तौलिया इस्तेमाल नहीं करेगा.

etv bharat
ईटीवी भारत ने 25 मई को की थी पड़ताल.

क्यों लिया गया यह फैसला

  • अभी तक प्रसव के बाद नवजात को साफ करने और सफाई के बाद गोद में देने के लिए स्टाफ नर्स परिवार के लोगों द्वारा लाए गए कपड़ों का उपयोग करती रही हैं.
  • अधिकतर लोग सफाई आदि के लिए भी घर के पुराने कपड़े ही लाते हैं.
  • इससे नवजात में संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है.
  • एनएचएम द्वारा कराए गए सर्वे में यह तथ्य खुलकर सामने आया था कि बीमार होने वाले नवजात में 30 फ़ीसदी की बीमारी का कारण प्रसव के बाद पुराने कपड़ों से साफ करने और उसी में लपेट कर परिजनों के सुपुर्द करना है.
  • एनएचएम ने इसे गंभीरता से लिया और नवजात को संक्रमण से बचाने का सरकारी तौर पर प्रबंध कर दिया है.
  • नवजात की सफाई के लिए नया कपड़ा और तौलिया अस्पताल से ही मिलेगा.

क्या थी खबर - उन्नाव के जिला महिला अस्पताल पर क्यों उठे सवाल?

क्या कहना है अस्पताल की प्रबंधक का

मीडिया से बात करते हुए अस्पताल की प्रबंधक ने बताया कि एनएचएम ने सभी सरकारी अस्पतालों में प्रसव के बाद नवजात को साफ करने के लिए उपयोग में लाने के लिए नई मारकीन और सफाई के बाद प्रसव कक्ष में नवजात को परिजनों को देने के लिए नई तौलिया उपलब्ध करा दी है.

फिलहाल इसकी शुरुआत उन्नाव के महिला जिला अस्पताल से कर दी गई है. इससे अब परिजनों को प्रसव के समय घर से कपड़ा और तौलिया लेकर नहीं आना पड़ेगा. नवजात की सफाई के लिए तो मारकीन दी गई है, लेकिन प्रसव कक्ष से बच्चे को लपेटकर परिजनों को देने के लिए जो तोलिया दी गई है, वह सफेद न होकर गुलाबी, पीली, आसमानी और हल्के हरे रंग की है. इस तौलिया से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा.

उन्नाव: ईटीवी भारत की पहल को 'ऑपरेशन जिला अस्पताल' में एक सफलता हासिल हुई है. उन्नाव जिला अस्पताल में नवजात को संक्रमण से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम ने बच्चे को साफ करने के लिए नया कपड़ा और परिजनों को सौंपने के लिए मेडिकेटेड तौलिया देने का निर्णय लिया है. ये तौलियां भी रंगीन होंगी. यह व्यवस्था महिला जिला अस्पताल से शुरू की गई है.

नवजात को संक्रमण से बचाने के लिए प्रयोग की जाएंगी मेडिकेटेड तौलियां.

दरअसल, ईटीवी भारत ने जिला महिला अस्पताल में होने वाली शिशु मृत्यु दर को लेकर एक स्टोरी की थी, जिसमें बच्चों की मृत्यु का एक कारण संक्रमण भी सामने आया था. संक्रमण को संज्ञान में लेते हुए जिला अस्पताल प्रशासन ने मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अब सरकारी अस्पतालों में प्रसव होने पर नवजात को साफ करने के लिए परिवार द्वारा लाया गया कपड़ा और तौलिया इस्तेमाल नहीं करेगा.

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ईटीवी भारत ने 25 मई को की थी पड़ताल.

क्यों लिया गया यह फैसला

  • अभी तक प्रसव के बाद नवजात को साफ करने और सफाई के बाद गोद में देने के लिए स्टाफ नर्स परिवार के लोगों द्वारा लाए गए कपड़ों का उपयोग करती रही हैं.
  • अधिकतर लोग सफाई आदि के लिए भी घर के पुराने कपड़े ही लाते हैं.
  • इससे नवजात में संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है.
  • एनएचएम द्वारा कराए गए सर्वे में यह तथ्य खुलकर सामने आया था कि बीमार होने वाले नवजात में 30 फ़ीसदी की बीमारी का कारण प्रसव के बाद पुराने कपड़ों से साफ करने और उसी में लपेट कर परिजनों के सुपुर्द करना है.
  • एनएचएम ने इसे गंभीरता से लिया और नवजात को संक्रमण से बचाने का सरकारी तौर पर प्रबंध कर दिया है.
  • नवजात की सफाई के लिए नया कपड़ा और तौलिया अस्पताल से ही मिलेगा.

क्या थी खबर - उन्नाव के जिला महिला अस्पताल पर क्यों उठे सवाल?

क्या कहना है अस्पताल की प्रबंधक का

मीडिया से बात करते हुए अस्पताल की प्रबंधक ने बताया कि एनएचएम ने सभी सरकारी अस्पतालों में प्रसव के बाद नवजात को साफ करने के लिए उपयोग में लाने के लिए नई मारकीन और सफाई के बाद प्रसव कक्ष में नवजात को परिजनों को देने के लिए नई तौलिया उपलब्ध करा दी है.

फिलहाल इसकी शुरुआत उन्नाव के महिला जिला अस्पताल से कर दी गई है. इससे अब परिजनों को प्रसव के समय घर से कपड़ा और तौलिया लेकर नहीं आना पड़ेगा. नवजात की सफाई के लिए तो मारकीन दी गई है, लेकिन प्रसव कक्ष से बच्चे को लपेटकर परिजनों को देने के लिए जो तोलिया दी गई है, वह सफेद न होकर गुलाबी, पीली, आसमानी और हल्के हरे रंग की है. इस तौलिया से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा.

Intro:स्पेशल स्टोरी खबर का असर

sir screenshot and khabar ka link email pr hai

ईटीवी भारत की पहल ऑपरेशन जिला अस्पताल में एक सफलता हासिल हुई है जिसमें ईटीवी भारत जिला महिला अस्पताल में होने वाली शिशु मृत्यु दर को लेकर एक स्टोरी की थी जिसमें बच्चों की मृत्यु का एक कारण संक्रमण भी सामने आया था। संक्रमण को संज्ञान में लेते हुए जिला अस्पताल प्रशासन ने मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अब सरकारी अस्पतालों में प्रसव होने पर नवजात को साफ करने के लिए परिवार द्वारा लाया गया कपड़ा और तोलिया अब सरकारी अस्पताल में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा नवजात को संक्रमण से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम ने बच्चे को साफ करने के लिए नया कपड़ा और परिजनों को सौंपने के लिए मेडिकेटेड तोलिया देने का निर्णय लिया है यह तोलिया भी रंगीन दी गई हैं यह व्यवस्था महिला जिला अस्पताल से शुरू की गई है।


Body:अभी तक प्रसव के बाद नवजात को साफ करने और सफाई के बाद गोद में देने के लिए स्टाफ नर्स परिवार के लोगों द्वारा लाए गए कपड़ों का उपयोग करती रही हैं अधिकतर लोग सफाई आदि के लिए घर के पुराने कपड़े ही लाते हैं इससे नवजात में संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है एनएचएम द्वारा कराए गए सर्वे में यह तथ्य खुलकर सामने आया था कि बीमार होने वाले नवजात में 30 फ़ीसदी की बीमारी का कारण प्रसव के बाद पुराने कपड़ों से साफ करने और उसी में लपेट कर परिजनों के सुपुर्द करना है। एनएचएम ने इसे गंभीरता से लिया और नवजात को संक्रमण से बचाने का सरकारी तौर पर प्रबंध कर दिया है नवजात की सफाई के लिए नया कपड़ा और तो लिया अस्पताल से ही मिलेगा ।


Conclusion:वहीं मीडिया से बात करते हुए अस्पताल की प्रबंधक ने बताया कि एनएचएम ने सभी सरकारी अस्पतालों में प्रसव के बाद नवजात को साफ करने के लिए उपयोग में लाने के लिए नई मारकीन और सफाई के बाद प्रसव कक्ष में नवजात को परिजनों को देने के लिए नई तोलिया उपलब्ध करा दी है फिलहाल इसकी शुरुआत उन्नाव के महिला जिला अस्पताल से कर दी गई है इससे अब परिजनों को प्रसव के समय घर से कपड़ा और तौलिया लेकर नहीं आना पड़ेगा नवजात की सफाई के लिए तो मारकीन दी गई है लेकिन प्रसव कक्ष से बच्चे को लपेटकर परिजनों को देने के लिए जो तोलिया दी गई है वह सफेद ना होकर गुलाबी पीली आसमानी हल्के हरे रंग की है। इस तौलिया से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा।

बाइट:--ममता मैनेजर जिला महिला चिकित्सालय उन्नाव
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