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उन्नाव रेपकांड: कुलदीप सिंह सेंगर ने उम्रकैद की सजा को HC में दी चुनौती - कुलदीप सिंह सेंगर पहुंचे हाईकोर्ट

उन्नाव रेप कांड में दोषी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अब कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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कुलदीप सिंह सेंगर पहुंचे हाईकोर्ट.
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Published : Jan 15, 2020, 5:46 PM IST

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में दोषी करार दिए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 20 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते हुए तीस हजारी कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले में वो सारी मजबूरियां और लाचारियां हैं जो दूरदराज में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने अक्सर आती हैं. जिनसे जूझ कर लड़कियां और महिलाएं डर और शर्म से अपना जीवन काटती हैं.

पुरुषवादी सोच हावी रही
कोर्ट ने कहा था कि हमारे विचार से इस जांच में पुरुषवादी सोच हावी रही है और इसी वजह से लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा और शोषण में जांच के दौरान संवेदनशीलता और मानवीय नजरिए का अभाव दिखता है. यही वजह है कि जांच के दौरान इस मामले में कई जगह ऐसा लगा कि पीड़ित और उसके परिवार वालों के साथ निष्पक्ष जांच नहीं हुई.

लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था. पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था.

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में दोषी करार दिए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 20 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते हुए तीस हजारी कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले में वो सारी मजबूरियां और लाचारियां हैं जो दूरदराज में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने अक्सर आती हैं. जिनसे जूझ कर लड़कियां और महिलाएं डर और शर्म से अपना जीवन काटती हैं.

पुरुषवादी सोच हावी रही
कोर्ट ने कहा था कि हमारे विचार से इस जांच में पुरुषवादी सोच हावी रही है और इसी वजह से लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा और शोषण में जांच के दौरान संवेदनशीलता और मानवीय नजरिए का अभाव दिखता है. यही वजह है कि जांच के दौरान इस मामले में कई जगह ऐसा लगा कि पीड़ित और उसके परिवार वालों के साथ निष्पक्ष जांच नहीं हुई.

लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था. पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था.

Intro:नई दिल्ली । उन्नाव रेप मामले में दोषी करार दिए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। 20 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 



Body:क्या कहा था तीस हजारी कोर्ट ने
कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते हुए तीस हजारी कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले में वो सारी मजबूरियां और लाचारियां हैं जो दूरदराज में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने अक्सर आती हैं। जिनसे जूझ कर लडकियां और महिलाएं डर और शर्म से अपना नारकीय जीवन काटती हैं।
पुरुषवादी सोच हावी रही
कोर्ट ने कहा था कि हमारे विचार से इस जांच मैं पुरुषवादी सोच हावी रही है और इसी वजह से लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा और शोषण में जांच के दौरान संवेदनशीलता और मानवीय नजरिये का अभाव दिखता है। यही वजह है कि जांच के दौरान इस मामले में कई जगह ऐसा लगा कि पीड़ित उसके परिवार वालों के साथ निष्पक्ष जांच नही हुई।



Conclusion:लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था।
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