उन्नाव: जिला अस्पताल में मरीजों को समय पर इलाज तो दूर स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हो रहे हैं. इसकी पोल शनिवार को अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य के औचक निरीक्षण में खुलकर सामने आ गई है. महिला मरीज को स्ट्रेचर न मिलने पर आयोग के सदस्य ने सीएमएस से गहरी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने मामले को शासन तक पहुंचाने की चेतावनी भी दी. वहीं, अस्पताल में सफाई कर्मियों की संख्या कम होने पर खुले तौर पर भ्रष्टाचार होने का दावा किया. मामले की जांच कराने की बात भी कही है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य छविलाल सुदर्शन शनिवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. यहां अस्पताल में भर्ती मरीजों से सीधे बातचीत कर इलाज और डॉक्टर के व्यवहार के बारे में विस्तार से जानकारी ली. इस दौरान मरीजों ने लापरवाही की जानकारी दी, तो आयोग के सदस्य का पारा चढ़ गया. आयोग सदस्य ने सफाई कर्मियों की संख्या के बारे में पता किया, तो 20 बताई गई. जबकि ड्यूटी पर 11 की संख्या निकली. इस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. इसी दौरान एक महिला मरीज जिला अस्पताल पहुंची. जहां अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने पर महिला मरीज को साथ में रही महिलाएं उसे कंधे का सहरा देकर वार्ड में भर्ती कराईं. आयोग के सदस्य ने इसकी फोटो ली और जिला अस्पताल के इस लापरवाही को शासन तक पहुंचाने की बात कही. निरीक्षण के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल है.
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'शासन को भेजेंगे रिपोर्ट'
निरीक्षण के बाद आयोग के सदस्य छविलाल सुदर्शन ने कहा कि शासन की योजनाओं की हकीकत को परखने के लिए शनिवार को उन्नाव में अधिकारियो के साथ बैठक की है. योजनाओं को ईमानदारी से जनता तक पहुंचाने का लक्ष्य है. नीचे के तापके को योजना का लाभ मिलना सरकार की प्राथमिकता है. जिला अस्पताल में पाई गई अनियमितता को लेकर उन्होंने कहा, कि जांच के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. आयोग के सदस्य छविलाल सुदर्शन ने कहा कि जिला अस्पताल में महिला मरीज को स्ट्रेचर तक नहीं मिला, जिस पर सीएमएस से पूछा गया तो जवाब मिला कि कुछ व्यस्तता थी. मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.