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उन्नाव: भू-माफियाओं ने नहर विभाग की जमीन पर किया कब्जा - unnao latest news

उन्नाव जिले के कानपुर लखनऊ हाइवे के बिल्कुल किनारे नहर विभाग की जमीन पर भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा है. वहीं इस अवैध कब्जे को लेकर स्थानीय लोगों ने अधिकारियों को चिट्ठी भी लिखी, लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हो सकी है.

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नलकूप खंड के अधिकारी.
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Published : Aug 26, 2020, 5:45 PM IST

उन्नाव: सूबे में सरकार ने सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई के लिए एंटी भूमाफिया सेल का गठन किया है, ताकि भूमाफियाओं पर कार्रवाई कर सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त करवाया जा सके, लेकिन जिले में तस्वीरें इसके बिल्कुल उलट हैं. यहां लोगों ने नहर विभाग की माइनर नहर को कब्जा कर पाट दिया. माइनर को पाटने के बाद उसपर कई मंजिला निर्माण भी करवा दिया.

नहर विभाग की जमीन पर किया कब्जा.
लखनऊ सीमा से सटे जिले के सोहरामऊ इलाके में कानपुर लखनऊ हाइवे के बिल्कुल किनारे दबंगों ने कब्जा कर रखा है. हाइवे से तमाम बड़े अधिकारी से लेकर उपमुख्यमंत्री तक गुजरते हैं. नहर विभाग के अधिकारियों का भी इसी रोड से आना जाना होता है, लेकिन कभी किसी अधिकारी ने इन कब्जों का विरोध कर कार्रवाई का प्रयास नहीं किया. करीब 40 किलोमीटर लंबी इस माइनर नहर पर कब्जा होकर पट जाने से सैकड़ों किसानों के खेतों में अब पानी नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में किसानों के सामने फसल की सिंचाई की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.इस अवैध कब्जे को लेकर क्षेत्र के कुछ लोगों ने जिम्मेदारों को चिट्ठी लिखकर अवगत भी करवाया, जिसके बाद एसडीएम हसनगंज ने 10 लेखपालों और 2 राजस्व निरीक्षकों के नेतृत्व में माइनर नहर की पैमाइश करवाई, तो मौके पर स्थिति चौंकाने वाली मिली. रिपोर्ट में बताया गया कि मौके पर लोगों ने नहर माइनर पाट कर पक्के निर्माण कर लिए हैं. रिपोर्ट दिए जाने के बाद भी अभी तक नतीजा कुछ नहीं रहा है. वहीं इस पूरे मामले में नहर विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर देखना भी उचित नहीं समझा. हालांकि माइनर नहर में पानी न आने पर कार्य क्षेत्र न होने के बाद भी नलकूप खंड के अधिकारी ने सभी भूमाफियाओं को नोटिस तो थमा दिया है, लेकिन नोटिस देने के करीब 6 माह बीतने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. तहसील हसनगंज की टीम ने अवैध कब्जा किये जाने की रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेज दी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.वहीं इस अवैध कब्जे को लेकर स्थानीय ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह ने बताया कि लगातर अधिकारियों को सूचित किया गया. पत्र लिखे गए, लेकिन स्थलीय कार्रवाई के नाम पर नतीजे सिर्फ जीरो है. मुख्यमंत्री से लेकर सचिव और डीएम तक को इस समस्या से अवगत करवाया जा चुका है.

उन्नाव: सूबे में सरकार ने सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई के लिए एंटी भूमाफिया सेल का गठन किया है, ताकि भूमाफियाओं पर कार्रवाई कर सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त करवाया जा सके, लेकिन जिले में तस्वीरें इसके बिल्कुल उलट हैं. यहां लोगों ने नहर विभाग की माइनर नहर को कब्जा कर पाट दिया. माइनर को पाटने के बाद उसपर कई मंजिला निर्माण भी करवा दिया.

नहर विभाग की जमीन पर किया कब्जा.
लखनऊ सीमा से सटे जिले के सोहरामऊ इलाके में कानपुर लखनऊ हाइवे के बिल्कुल किनारे दबंगों ने कब्जा कर रखा है. हाइवे से तमाम बड़े अधिकारी से लेकर उपमुख्यमंत्री तक गुजरते हैं. नहर विभाग के अधिकारियों का भी इसी रोड से आना जाना होता है, लेकिन कभी किसी अधिकारी ने इन कब्जों का विरोध कर कार्रवाई का प्रयास नहीं किया. करीब 40 किलोमीटर लंबी इस माइनर नहर पर कब्जा होकर पट जाने से सैकड़ों किसानों के खेतों में अब पानी नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में किसानों के सामने फसल की सिंचाई की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.इस अवैध कब्जे को लेकर क्षेत्र के कुछ लोगों ने जिम्मेदारों को चिट्ठी लिखकर अवगत भी करवाया, जिसके बाद एसडीएम हसनगंज ने 10 लेखपालों और 2 राजस्व निरीक्षकों के नेतृत्व में माइनर नहर की पैमाइश करवाई, तो मौके पर स्थिति चौंकाने वाली मिली. रिपोर्ट में बताया गया कि मौके पर लोगों ने नहर माइनर पाट कर पक्के निर्माण कर लिए हैं. रिपोर्ट दिए जाने के बाद भी अभी तक नतीजा कुछ नहीं रहा है. वहीं इस पूरे मामले में नहर विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर देखना भी उचित नहीं समझा. हालांकि माइनर नहर में पानी न आने पर कार्य क्षेत्र न होने के बाद भी नलकूप खंड के अधिकारी ने सभी भूमाफियाओं को नोटिस तो थमा दिया है, लेकिन नोटिस देने के करीब 6 माह बीतने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. तहसील हसनगंज की टीम ने अवैध कब्जा किये जाने की रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेज दी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.वहीं इस अवैध कब्जे को लेकर स्थानीय ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह ने बताया कि लगातर अधिकारियों को सूचित किया गया. पत्र लिखे गए, लेकिन स्थलीय कार्रवाई के नाम पर नतीजे सिर्फ जीरो है. मुख्यमंत्री से लेकर सचिव और डीएम तक को इस समस्या से अवगत करवाया जा चुका है.
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