उन्नाव : प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद खनन माफियाओं पर शिकंजा कसा गया था. यहां तक कि सरकार ने कुछ दिन के लिए खनन पर रोक लगा दी थी. खनन कार्य रोके जाने के बाद व्यवसाय से जुड़े व्यापारी मजदूर और ट्रासपोर्टरों की रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था. लिहाजा सरकार ने कुछ दिनों बाद ही ट्रकों में कम ओवरलोडिंग करने का कानून तैयार कर खनन को पुन: पटरी पर ले आया गया. देखते ही देखते तस्वीर बदली और फिर से खनन माफिया मौरंग, गिट्टी के डम्फर और ट्रकों में ओवरलोडिंग का खेल कर सरकार के दावों की फजीहत उड़ाने लगे.
अवैध ओवरलोडिंग का धंधा कायम
- लखनऊ कानपुर राजमार्ग पर उन्नाव सीमा से सटे कई जगहों पर अवैध मौरंग और गिट्टी की मंडियां सजी हुई हैं.
- मंडियों में ओवरलोड गिट्टी और मौरंग के ट्रक बिना रॉयल्टी और जीएसटी जमा किये पहुंच रहे हैं.
- सुबह से हाईवे किनारे ट्रकों का जमावड़ा हो जाता है और खनन व्यापारी मनमाफिक दामों पर गिट्टी और मौरंग की सप्लाई करते हैं.
- व्यापारी सत्ता के संरक्षण और एआरटीओं के साथ ही खनिज अधिकारियों के बीच पैठ रखने वाले लोग धड़ल्ले से व्यापार कर रहे हैं.
- अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को खोखला कर हर महीने लाखों रुपये की काली कमाई की जा रही है.
ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाकर बीते महीने में 65 लाख रुपये की वसूली की गई है. जीएसटी और रॉयल्टी के मामले को लेकर जांच एडीएम राकेश कुमार सिंह को सौंपी है.
-देवेंद्र कुमार पांडेय, जिलाधिकारी