ETV Bharat / state

Reality Check: पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल, लचर व्यवस्था के बीच कैसे होगा इलाज? - Chief Medical Officer Dr Satya Prakash

उन्नाव के पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल है. लोगों को इलाज कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

etv bharat
पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
author img

By

Published : Jul 13, 2022, 7:34 PM IST

उन्नाव: एक दिन पहले ही (12 जुलाई) उन्नाव के पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बुजुर्ग को ई-रिक्शे में ग्लूकोज चढ़ाने का वीडियो वायरल हुआ था. वहीं, एक बच्चे का इलाज सीएचसी के बाहर बेड पर किया जा रहा था. ये घटना सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. हालांकि, ऐसी लचर व्यवस्था यहां के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. यहां आने वाले मरीज अनगिनत अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब अस्पताल का रियलिटी चेक किया तो कई ऐसी अव्यवस्थाएं सामने आईं, जिससे मरीज रोजाना दो-चार होते हैं.

पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र.

जी हां, इस सीएचसी में इलाज कराने आने वाले मरीजों को अपनी गर्मी दूर करने के लिए पंखा साथ में लाना पड़ रहा है, क्योंकि पंखे शोपीस बने हुए हैं. तीमारदारों का कहना है कि उन्हें गर्मी में ही रहना पड़ रहा है. कोई सही ढंग की व्यवस्था नहीं है. वहीं, अस्पताल प्रभारी का कहना है कि जनरेटर तो है लेकिन उसमें डीजल डलवाने का बजट नहीं मिला है. जिससे जनरेटर नहीं चल पाता और लाइट जाने के बाद पंखे बंद हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें- झांसी: कमरे में प्रेमी के साथ रंगे हाथ पकड़ी गई 3 बच्चों की मां, जानें फिर क्या हुआ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सत्य प्रकाश का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से जनरेटर चलाने के लिए कोई भी बजट शासन से नहीं प्राप्त हुआ है. अभी भी अस्पताल में बजट नहीं है. इसको लेकर उन्होंने शासन को पत्र लिखा है, जैसे ही बजट मिलेगा वैसे ही सीएचसी के सभी जनरेटर को चालू करा दिया जाएगा.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरू होते ही डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक लगातार जिलों में जाकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को परखने का काम कर रहे हैं. साथ ही जहां भी कोई कमी मिल रही है, उसे दुरुस्त करने के भी निर्देश भी दे रहे हैं. इसके बावजूद उन्नाव में स्वास्थ्य मंत्री का आदेश हवा हवाई देखने को मिल रहा है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

उन्नाव: एक दिन पहले ही (12 जुलाई) उन्नाव के पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बुजुर्ग को ई-रिक्शे में ग्लूकोज चढ़ाने का वीडियो वायरल हुआ था. वहीं, एक बच्चे का इलाज सीएचसी के बाहर बेड पर किया जा रहा था. ये घटना सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. हालांकि, ऐसी लचर व्यवस्था यहां के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. यहां आने वाले मरीज अनगिनत अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब अस्पताल का रियलिटी चेक किया तो कई ऐसी अव्यवस्थाएं सामने आईं, जिससे मरीज रोजाना दो-चार होते हैं.

पुरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र.

जी हां, इस सीएचसी में इलाज कराने आने वाले मरीजों को अपनी गर्मी दूर करने के लिए पंखा साथ में लाना पड़ रहा है, क्योंकि पंखे शोपीस बने हुए हैं. तीमारदारों का कहना है कि उन्हें गर्मी में ही रहना पड़ रहा है. कोई सही ढंग की व्यवस्था नहीं है. वहीं, अस्पताल प्रभारी का कहना है कि जनरेटर तो है लेकिन उसमें डीजल डलवाने का बजट नहीं मिला है. जिससे जनरेटर नहीं चल पाता और लाइट जाने के बाद पंखे बंद हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें- झांसी: कमरे में प्रेमी के साथ रंगे हाथ पकड़ी गई 3 बच्चों की मां, जानें फिर क्या हुआ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सत्य प्रकाश का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से जनरेटर चलाने के लिए कोई भी बजट शासन से नहीं प्राप्त हुआ है. अभी भी अस्पताल में बजट नहीं है. इसको लेकर उन्होंने शासन को पत्र लिखा है, जैसे ही बजट मिलेगा वैसे ही सीएचसी के सभी जनरेटर को चालू करा दिया जाएगा.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरू होते ही डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक लगातार जिलों में जाकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को परखने का काम कर रहे हैं. साथ ही जहां भी कोई कमी मिल रही है, उसे दुरुस्त करने के भी निर्देश भी दे रहे हैं. इसके बावजूद उन्नाव में स्वास्थ्य मंत्री का आदेश हवा हवाई देखने को मिल रहा है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.