उन्नाव: उन्नाव जनपद के विभिन्न ग्राम पंचायतों में साल 2015 में नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों ने 2015 और 16 में बड़ी संख्या में विद्युत स्ट्रीट लाइटों को लगवाया गया था. मगर कार्यकाल बीत जाने के बाद भी किसी भी ग्राम प्रधान ने इन स्ट्रीट लाइटों का विद्युत कनेक्शन कराने की जहमत नहीं उठाई और न ही किसी स्तर से विद्युत विभाग में कनेक्शन कराने का कोई आवेदन किया.
दरअसल, ग्राम प्रधानों ने विकासखंड के कर्मचारियों, ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों, खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से बड़ी मात्रा में सभी ग्राम पंचायतों में विद्युत स्ट्रीट लाइटों को लगवाया था.
मगर आरोप है कि पूरा कार्यकाल बीत जाने के बाद भी किसी भी ग्राम प्रधान ने इन स्ट्रीट लाइटों का विद्युत कनेक्शन कराने की जहमत नहीं उठाई. विगत 5 वर्षों से यह विद्युत स्ट्रीट लाइटें अवैध रूप से ग्राम पंचायतों को रोशन करने में लगी हैं. जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तरह-तरह के कदम उठाए जा रहे हैं और अधिकारियों को भी निर्देशित कर भ्रष्टाचार के विरुद्घ मुहिम चलाई जा रही तो वहीं विगत 5 वर्षों में ग्राम प्रधानों द्वारा इन स्ट्रीट लाइटों का लगवाना और उनका संचालन किसी भी विभागीय अधिकारी को न दिखना अधिकारियों की मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है. पिछले पांच सालों से ग्राम प्रधानों के द्वारा बड़ी मात्रा में विद्युत चोरी की जा रही है. जिस पर विद्युत विभाग की नजरें इनायत हैं.
इस मामले में हमने एसडीओ बीघापुर से जानकारी ली, तो एसडीओ बीघापुर अभिषेक कपासिया ने बताया कि मामला संज्ञान में है और बड़ी मात्रा में ग्राम प्रधानों द्वारा विद्युत स्ट्रीट लाइट लगवा कर बिजली की चोरी की जा रही है. इस प्रकरण में शीघ्र ही सभी ग्राम प्रधानों को नोटिस देकर उन्हें इन लाइटों को संयोजित किया जाएगा और बिजली का बिल नियमित रूप से लिया जाएगा.
वही संबंध में खंड विकास अधिकारी सुमेरपुर हार्दिक बीघापुर अमित मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अब मामला संज्ञान में आया है, मामले की जांच कराकर शीघ्र ही जानकारी कर विधिक कार्रवाई कराई जाएगी.
कार्रवाई के दावे तो ठीक हैं, मगर अब देखना होगा कि विद्युत विभाग और विकासखंड के अधिकारी इस प्रकरण पर सरकार की मंशा के अनुरूप क्या कदम उठाते हैं.