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उन्नाव : कान की हड्डी के सफल ऑपरेशन से मरीज को मिली नई जिंदगी

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. मेवालाल कांत ने कान की हड्डी का ऑपरेशन करके एक व्यक्ति को नई जिंदगी दी है. दरअसल मरीज के कान की हड्डी गलने से सुनने की क्षमता खो गई थी. ऑपरेशन के बाद मरीज फिर से सुन पा रहा है.

10 साल बाद मरीज को मिला इलाज
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Published : Apr 16, 2019, 4:24 PM IST

उन्नाव : कान की हड्डी गलने से सुनने की क्षमता खो चुके व्यक्ति का जिला अस्पताल में सफल ऑपरेशन किया गया. कई सालों से भटक रहे युवक ने सीएमएस को अपनी पीड़ा सुनाई तो ईएनटी सर्जन सीएमएस डॉ. मेवालाल ने उसके कान का सीमित संसाधनों में ऑपरेशन किया. ऑपरेशन सफल होने के बाद अब युवक सुनने में सक्षम है.

10 साल बाद मरीज को मिला इलाज.

इस तरह से हो सका इलाज

  • पटियाला गांव निवासी शिवाकांत पांडे के कान की हड्डी में सड़न हो गई थी.
  • हड्डी गलने से उन्हें सुनाई देना बंद हो गया था.
  • उन्होंने मेडिकल कॉलेज से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में उपचार कराया, लेकिन उन्हें सही इलाज नहीं मिला.
  • इस बीच उन्होंने जिला अस्पताल में संपर्क किया.
  • जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. मेवालाल ने शिवाकांत की जांच की.
  • इसके बाद उन्होंने उसको कान का ऑपरेशन कराने की सलाह दी.
  • ऑपरेशन सफल होने के बाद शिवाकांत पांडे अब सुन पा रहे हैं.

हमने कई अस्पतालों में अपने कान का इलाज कराया. 10 साल से मेरा कान बह रहा था, लेकिन कहीं कोई फायदा नहीं मिला. इसके बाद हमको जानकारी हुई कि जिला अस्पताल में डॉक्टर हैं. इसके बाद हम उन्नाव जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. मेवालाल से मिले, जिन्होंने मेरा ऑपरेशन किया है. मुझे अब काफी राहत है.

- शिवाकांत, पीड़ित मरीज

ऑपरेशन बहुत ही जटिल था. कान के अंदर से मांस निकल रहा था. कान के पीछे की हड्डी को निकालकर कैनाल प्लास्टी कार्टेज की हड्डी बनाकर फिट कर दी है. सिर से डीप टेंपोरल फेशिया निकालकर उसका पर्दा बनाकर डिपॉजिट कर दिया गया है. इस पूरी प्रक्रिया को एमआरएम कहते हैं.

-डॉ. मेवालाल, सीएमएस जिला अस्पताल

उन्नाव : कान की हड्डी गलने से सुनने की क्षमता खो चुके व्यक्ति का जिला अस्पताल में सफल ऑपरेशन किया गया. कई सालों से भटक रहे युवक ने सीएमएस को अपनी पीड़ा सुनाई तो ईएनटी सर्जन सीएमएस डॉ. मेवालाल ने उसके कान का सीमित संसाधनों में ऑपरेशन किया. ऑपरेशन सफल होने के बाद अब युवक सुनने में सक्षम है.

10 साल बाद मरीज को मिला इलाज.

इस तरह से हो सका इलाज

  • पटियाला गांव निवासी शिवाकांत पांडे के कान की हड्डी में सड़न हो गई थी.
  • हड्डी गलने से उन्हें सुनाई देना बंद हो गया था.
  • उन्होंने मेडिकल कॉलेज से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में उपचार कराया, लेकिन उन्हें सही इलाज नहीं मिला.
  • इस बीच उन्होंने जिला अस्पताल में संपर्क किया.
  • जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. मेवालाल ने शिवाकांत की जांच की.
  • इसके बाद उन्होंने उसको कान का ऑपरेशन कराने की सलाह दी.
  • ऑपरेशन सफल होने के बाद शिवाकांत पांडे अब सुन पा रहे हैं.

हमने कई अस्पतालों में अपने कान का इलाज कराया. 10 साल से मेरा कान बह रहा था, लेकिन कहीं कोई फायदा नहीं मिला. इसके बाद हमको जानकारी हुई कि जिला अस्पताल में डॉक्टर हैं. इसके बाद हम उन्नाव जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. मेवालाल से मिले, जिन्होंने मेरा ऑपरेशन किया है. मुझे अब काफी राहत है.

- शिवाकांत, पीड़ित मरीज

ऑपरेशन बहुत ही जटिल था. कान के अंदर से मांस निकल रहा था. कान के पीछे की हड्डी को निकालकर कैनाल प्लास्टी कार्टेज की हड्डी बनाकर फिट कर दी है. सिर से डीप टेंपोरल फेशिया निकालकर उसका पर्दा बनाकर डिपॉजिट कर दिया गया है. इस पूरी प्रक्रिया को एमआरएम कहते हैं.

-डॉ. मेवालाल, सीएमएस जिला अस्पताल

Intro:कान की हड्डी गलने से सुनने की छमता खो चुके व्यक्ति का जिला अस्पताल में सफल ऑपरेशन किया गया कई साल से भटक रहे युवक ने सीएमएस को अपनी पीड़ा सुनाई तो ईएनटी सर्जन सीएमएस डॉ मेवालाल ने उसके कान की सीमित संसाधनों में ऑपरेशन किया सफल ऑपरेशन होने के बाद अब युवक सुन रहा है।


Body:मां की के पटियाला गांव निवासी शिवाकांत पांडे के कान की हड्डी में सड़न हो गई थी हड्डी गलने से उन्हें सुनाई देना बंद हो गया था उन्होंने मेडिकल कॉलेज से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में उपचार कराया लेकिन ने संपूर्ण लाभ नहीं मिला इस बीच उन्होंने जिला अस्पताल में संपर्क किया जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ मेवालाल ने शिवाकांत की जांच की जिसके बाद उन्होंने उसको कान का ऑपरेशन कराने की सलाह दी वहीं पीड़ित ने बताया की हमने कई अस्पतालों में अपने कान का इलाज करा या 10 साल थी मेरा कान बह रहा था लेकिन कहीं कोई फायदा नहीं मिला इसके बाद हम को जानकारी हुई कि जिला अस्पताल में डॉक्टर हैं जिसके बाद हम उन्नाव जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ मेवालाल से मिले जिन्होंने मेरा ऑपरेशन किया है और मुझे अब काफी राहत है।

बाइट :---शिवाकांत कान से पीड़ित मरीज


Conclusion:वहीं जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ मेवालाल ने बताया कि ऑपरेशन बहुत ही जटिल था कान के अंदर से मांस निकल रहा था कान के पीछे की हड्डी को निकालकर कैनाल प्लास्टी कार्टेज की हड्डी बना कर फिट कर दी है वहीं उन्होंने बताया सर से डीप टेंपोरल फेशिया निकालकर उसका पर्दा बनाकर डिपॉजिट कर दिया है इस पूरी प्रक्रिया को एमआरएम कहते हैं उन्होंने बताया कि मेरे साथ डॉक्टर धीर सिंह एक स्टाफ नर्स तथा डॉक्टर अहमद ने ऑपरेशन करने में मदद की।

बाइट:-- डॉक्टर मेवालाल सीएमएस जिला अस्पताल उन्नाव
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