उन्नाव: जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में 9 अक्टूबर 2011 को दिग्विजय सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी. इस मामले में जनपद न्यायाधीश हरवीर सिंह ने अपना फैसला सुनाते हुए एक पक्ष से 2 लोगों को हत्या में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, दूसरे पक्ष के 3 लोगों को दोषी करार देते हुए 5-5 वर्ष कारावास और पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
सदर कोतवाली इलाके में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जनपद न्यायाधीश हरवीर सिंह ने हत्या और मारपीट मामले में फैसला सुनाया. उन्होंने एक पक्ष से 2 लोगों को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं, मारपीट के दूसरे पक्ष में दोषी लोगों को 5-5 साल का कारावास और तीन पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
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उन्नाव जिला न्यायाधीश ने 11 साल पहले दिग्विजय सिंह की गोली मारकर हत्या करने के मामले में फैसला सुनाया है. घटना में सरोसी गांव निवासी प्रभाव शंकर और बनकटा गांव निवासी वीरेंद्र तिवारी को दिग्विजय सिंह के परिजनों ने हत्या के आरोप में नामजद किया था. वहीं, घटना में वीरेंद्र तिवारी के सिर पर गंभीर चोटें आई थीं. उन्होंने भी इस मामले में नंदा खेड़ा निवासी राजू, अभय सिंह और अरविंद को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था.
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद प्रभान शंकर और वीरेंद्र तिवारी को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा और दोनों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. वहीं, गिरेंद्र पर हुए प्राणघातक हमले के मामले में न्यायाधीश ने राजू, अजय और अरविंद को दोषी करार देते हुए पांच 5 साल की सजा और पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड वसूलने की सजा सुनाई है.
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