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उन्नाव: डीडी पंचायती राज ने कोविड किट खरीद में घोटाले से किया इनकार

यूपी के उन्नाव जिले में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर में हेर-फेर का मामला सामने आया है. इस मामले में सीडीओ ने जांच के आदेश दिए थे. इसे लेकर शुक्रवार को जांच के लिए डीडी पंचायती राज एके सिंह पहुंचे. यहां उन्होंने दस्तावेजों की जांच के बाद कोविड किट की खरीद में किसी भी तरह का घोटाला होने से इनकार कर दिया.

कोविड किट खरीद में घोटाले से इंकार.
कोविड किट खरीद में घोटाले से इंकार.
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Published : Sep 12, 2020, 4:03 PM IST

उन्नाव: प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ही उन्नाव में भी कोविड किट खरीद में बड़ा खेल सामने आ रहा है. यहां अधिकतम 2800 रुपये में खरीदी जाने वाली किट को 4 हजार रुपये से लेकर 9 हजार रुपये तक में खरीदे जाने का आरोप लगाया गया है. मीडिया में मामला आने के बाद आला अधिकारियों ने खबर का संज्ञान लिया है. इतना ही नहीं सीडीओ की अध्यक्षता में मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं शासन ने भी मामले की जांच के लिए शुक्रवार को डीडी पंचायती राज एके सिंह को जनपद में भेजा था. वहीं इस दौरान डीडी पंचायतीराज एके सिंह ने बिना स्थलीय निरीक्षण के दो घंटे ऑफिस में बैठ कर ही मामले से संबंधित दस्तावेज जांचे और सभी को क्लीन चिट दे दी. उनका कहना है कि जिले में कोविड किट की खरीद में किसी भी तरह का घोटाला नहीं हुआ है.

पत्रकारों से बात करते डीडी पंचायती राज एके सिंह.
कोविड किट खरीद का बिल.
कोविड किट खरीद का बिल.
कोविड किट खरीद का बिल.
कोविड किट खरीद का बिल.

कोविड किट खरीद में हुए घोटाले की जांच के लिए जनपद में डीडी पंचायती राज पहुंचे. डीपीआरओ कार्यालय पहुंचे डीडी पंचायती राज ने कार्यालय में दस्तावेजों की जांच की. जांच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीडी ने बताया कि जनपद में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ है. डीडी ने बताया कि जनपद में अब तक 20 से 25 प्रतिशत ही भुगतान किया गया है और जो भी भुगतान किया गया है वह मानक के अनुरूप है. किसी प्रधान या कर्मचारी द्वारा कोई अनियमितता नहीं की गई है.

इस दौरान उन्होंने कहा कि घोटाला तो दूर की बात है यहां के असोहा ब्लॉक में प्रधानों और सचिवों ने पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर खरीद कर पंचायतों को दान दे दिए हैं. उन्होंने बताया कि पूरे मंडल में कहीं भी अधिक भुगतान नहीं किया गया है. निर्धारित 2800 रुपये के मूल्य से अधिक के बिल के बाबत बात करने पर डीडी ने कहा कि उन्हें ब्लॉक से एडीओ, बीडीओ से सत्यापित होकर जो बिल मिला है उसके मुताबिक 2710 से लेकर 2800 रुपये तक ही खरीद की गई है, जो शासन द्वारा तय मूल्य से अधिक नहीं है. हालांकि उन्होंने ब्लॉक से सत्यापित बिल नहीं दिखाए.

जिले में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर में हेर-फेर का मामला सामने आया है. अफसरों ने ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर शासन से तय रेट 2800 रुपये से लगभग तीन गुना की कीमत में खरीदा है. सीडीओ ने इस मामले की जांच के निर्देश दे दिए थे. वहीं जांच के बाद डीडी पंचायती राज एके सिंह ने किसी भी घोटाले से इनकार किया है, जबकि मीडिया में तय मानक से अधिक की खरीद के बिल वायरल हुए हैं.

उन्नाव: प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ही उन्नाव में भी कोविड किट खरीद में बड़ा खेल सामने आ रहा है. यहां अधिकतम 2800 रुपये में खरीदी जाने वाली किट को 4 हजार रुपये से लेकर 9 हजार रुपये तक में खरीदे जाने का आरोप लगाया गया है. मीडिया में मामला आने के बाद आला अधिकारियों ने खबर का संज्ञान लिया है. इतना ही नहीं सीडीओ की अध्यक्षता में मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं शासन ने भी मामले की जांच के लिए शुक्रवार को डीडी पंचायती राज एके सिंह को जनपद में भेजा था. वहीं इस दौरान डीडी पंचायतीराज एके सिंह ने बिना स्थलीय निरीक्षण के दो घंटे ऑफिस में बैठ कर ही मामले से संबंधित दस्तावेज जांचे और सभी को क्लीन चिट दे दी. उनका कहना है कि जिले में कोविड किट की खरीद में किसी भी तरह का घोटाला नहीं हुआ है.

पत्रकारों से बात करते डीडी पंचायती राज एके सिंह.
कोविड किट खरीद का बिल.
कोविड किट खरीद का बिल.
कोविड किट खरीद का बिल.
कोविड किट खरीद का बिल.

कोविड किट खरीद में हुए घोटाले की जांच के लिए जनपद में डीडी पंचायती राज पहुंचे. डीपीआरओ कार्यालय पहुंचे डीडी पंचायती राज ने कार्यालय में दस्तावेजों की जांच की. जांच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीडी ने बताया कि जनपद में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ है. डीडी ने बताया कि जनपद में अब तक 20 से 25 प्रतिशत ही भुगतान किया गया है और जो भी भुगतान किया गया है वह मानक के अनुरूप है. किसी प्रधान या कर्मचारी द्वारा कोई अनियमितता नहीं की गई है.

इस दौरान उन्होंने कहा कि घोटाला तो दूर की बात है यहां के असोहा ब्लॉक में प्रधानों और सचिवों ने पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर खरीद कर पंचायतों को दान दे दिए हैं. उन्होंने बताया कि पूरे मंडल में कहीं भी अधिक भुगतान नहीं किया गया है. निर्धारित 2800 रुपये के मूल्य से अधिक के बिल के बाबत बात करने पर डीडी ने कहा कि उन्हें ब्लॉक से एडीओ, बीडीओ से सत्यापित होकर जो बिल मिला है उसके मुताबिक 2710 से लेकर 2800 रुपये तक ही खरीद की गई है, जो शासन द्वारा तय मूल्य से अधिक नहीं है. हालांकि उन्होंने ब्लॉक से सत्यापित बिल नहीं दिखाए.

जिले में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर में हेर-फेर का मामला सामने आया है. अफसरों ने ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर शासन से तय रेट 2800 रुपये से लगभग तीन गुना की कीमत में खरीदा है. सीडीओ ने इस मामले की जांच के निर्देश दे दिए थे. वहीं जांच के बाद डीडी पंचायती राज एके सिंह ने किसी भी घोटाले से इनकार किया है, जबकि मीडिया में तय मानक से अधिक की खरीद के बिल वायरल हुए हैं.

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