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उन्नाव: हत्यारे पति को कोर्ट ने जुर्माने समेत सुनाई आजीवन कारावास की सजा

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में चार साल पहले एक शख्स ने अपनी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा समेत 30 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है.

प्रेमचंद सहायक, शासकीय अधिवक्ता
प्रेमचंद सहायक, शासकीय अधिवक्ता
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Published : Feb 1, 2020, 12:14 PM IST

उन्नाव: जिले के भवानीदीन खेड़ा गांव में चार साल पहले पति ने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दरअसल महिला की संतान न होने की वजह से वह अपनी संपत्ति भाई के बेटे के नाम करना चाहती थी. महिला के इस निर्णय से पति खफा हो गया और उसने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपी पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा समेत 30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.

आरोपी को सुनाई उम्रकैद की सजा.

जानिए हत्याकांड का पूरा मामला
मृतक महिला के भाई रामशंकर ने 29 अगस्त 2015 को आसीवन थाने में बहन माया की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. रामशंकर ने आरोप लगाया था कि बहन माया देवी की शादी आसीवन निवासी रामसेवक के साथ 35 वर्ष पहले की थी. बहन की कोई संतान न होने के कारण वह सम्पत्ति भाई के बेटे के नाम करना चाहती थी.

बहन के इस निर्णय से रामसेवक अपनी पत्नी से नाराज रहता था. 28 अगस्त 2015 को मायादेवी ने पति रामसेवक से भाई के बेटे प्रिंस के नाम अपने हिस्से की जमीन लिखाने की बात कही थी. इसी बात पर रामसेवक ने पत्नी माया की गोली मारकर हत्या कर दी.

आरोपी पति को उम्र कैद
अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रेमचंद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोपी पति के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर 6 के न्यायाधीश एहसान उल्लाह खान ने मुकदमे की सुनवाई की.

पक्ष-विपक्ष के वकीलों की दलील और गवाहों के बयान सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी पति रामसेवक को दोषी पाया.

इसे भी पढ़ें:-कांग्रेस ने देश का बंटवारा धर्म के आधार पर किया: साक्षी महाराज

उन्नाव: जिले के भवानीदीन खेड़ा गांव में चार साल पहले पति ने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दरअसल महिला की संतान न होने की वजह से वह अपनी संपत्ति भाई के बेटे के नाम करना चाहती थी. महिला के इस निर्णय से पति खफा हो गया और उसने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपी पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा समेत 30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.

आरोपी को सुनाई उम्रकैद की सजा.

जानिए हत्याकांड का पूरा मामला
मृतक महिला के भाई रामशंकर ने 29 अगस्त 2015 को आसीवन थाने में बहन माया की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. रामशंकर ने आरोप लगाया था कि बहन माया देवी की शादी आसीवन निवासी रामसेवक के साथ 35 वर्ष पहले की थी. बहन की कोई संतान न होने के कारण वह सम्पत्ति भाई के बेटे के नाम करना चाहती थी.

बहन के इस निर्णय से रामसेवक अपनी पत्नी से नाराज रहता था. 28 अगस्त 2015 को मायादेवी ने पति रामसेवक से भाई के बेटे प्रिंस के नाम अपने हिस्से की जमीन लिखाने की बात कही थी. इसी बात पर रामसेवक ने पत्नी माया की गोली मारकर हत्या कर दी.

आरोपी पति को उम्र कैद
अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रेमचंद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोपी पति के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर 6 के न्यायाधीश एहसान उल्लाह खान ने मुकदमे की सुनवाई की.

पक्ष-विपक्ष के वकीलों की दलील और गवाहों के बयान सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी पति रामसेवक को दोषी पाया.

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Intro:लगभग सवा 4 वर्ष पूर्व आसीवन थाना क्षेत्र के भवानी दीन खेड़ा गांव में संतान नहीं होने और पत्नी द्वारा अपनी संपत्ति भाई के बेटे के नाम वसीयत करने का निर्णय लेने से खफा पति ने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी उक्त मुकदमे में न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा और ₹30000 का अर्थदंड की सजा सुनाई है।


Body:अजगैन थाना क्षेत्र के कुल गांव निवासी राम शंकर पुत्र बबलू ने 29 अगस्त 2015 को आसीवन थाने में बहन माया की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें बहन के पति को नामजद किया था रिपोर्ट में रामशंकर ने आरोप लगाया था कि बहन माया देवी की शादी रामसेवक पुत्र गया प्रसाद निवासी भावनीदीनबखेड़ा थाना आसीवन के साथ घटना से करीब 35 वर्ष पहले की थी बहन के कोई संतान नहीं थी वह भाई के बेटे के नाम अपनी संपत्ति करना चाहती थी इससे बहनोई रामसेवक पत्नी से नाराज रहता था 28 अगस्त 2015 को मायादेवी ने पति से भाई के लड़के प्रिंस के नाम अपने हिस्से की जमीन लिखाने को कहा इसी बात पर रामसेवक ने पत्नी माया को गोली मारकर हत्या कर दी।


Conclusion:

वहीं अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रेमचंद ने मीडिया से बात करते हुए यह बताया है कि आसीवन पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोपी पति के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर 6 के न्यायाधीश एहसान उल्लाह खान ने मुकदमे की सुनवाई की। पक्ष विपक्ष के वकीलों की दलील और गवाहों के बयान सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी पति रामसेवक को दोषी पाया न्यायाधीश ने अभियुक्त को आजीवन कारावास और 30800 दिन की सजा सुनाई है।

बाइट:--प्रेमचंद सहायक शासकीय अधिवक्ता
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