उन्नाव: जिले के भवानीदीन खेड़ा गांव में चार साल पहले पति ने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दरअसल महिला की संतान न होने की वजह से वह अपनी संपत्ति भाई के बेटे के नाम करना चाहती थी. महिला के इस निर्णय से पति खफा हो गया और उसने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपी पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा समेत 30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है.
जानिए हत्याकांड का पूरा मामला
मृतक महिला के भाई रामशंकर ने 29 अगस्त 2015 को आसीवन थाने में बहन माया की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. रामशंकर ने आरोप लगाया था कि बहन माया देवी की शादी आसीवन निवासी रामसेवक के साथ 35 वर्ष पहले की थी. बहन की कोई संतान न होने के कारण वह सम्पत्ति भाई के बेटे के नाम करना चाहती थी.
बहन के इस निर्णय से रामसेवक अपनी पत्नी से नाराज रहता था. 28 अगस्त 2015 को मायादेवी ने पति रामसेवक से भाई के बेटे प्रिंस के नाम अपने हिस्से की जमीन लिखाने की बात कही थी. इसी बात पर रामसेवक ने पत्नी माया की गोली मारकर हत्या कर दी.
आरोपी पति को उम्र कैद
अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रेमचंद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोपी पति के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर 6 के न्यायाधीश एहसान उल्लाह खान ने मुकदमे की सुनवाई की.
पक्ष-विपक्ष के वकीलों की दलील और गवाहों के बयान सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी पति रामसेवक को दोषी पाया.
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