ETV Bharat / state

उन्नाव: फर्नीचर की खरीद में भ्रष्टाचार, सीएमओ पर आरोप तय - उन्नाव समाचार

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में सीएमओ को फर्नीचर खरीद के मामले में दोषी पाया गया है. बता दें कि साल 2018-19 में फर्नीचर की खरीद को लेकर 1.10 करोड़ की खरीद की गई थी. इसी मामले में सीएमओ पर खरीदारी में गड़बड़ी करने का मामले सामने आया. इसके बाद जांच किए जाने पर सीएमओ को दोषी पाया गया है.

उन्नाव सीएमओ पर आरोप तय.
author img

By

Published : Aug 19, 2019, 12:12 PM IST

उन्नाव: सीएमओ कार्यालय की ओर से स्वास्थ्य विभाग में नियमों को ताक पर रख गड़बड़ घोटाला करने के मामले में सीएमओ प्रशासन पर शिकंजा कस गया है. नियमों के खिलाफ खरीदारी कर गड़बड़ी करने की शिकायत पर जिलास्तर पर की गई जांच में सीएमओ को दोषी करार दिया गया था. डीएम की ओर से शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट को शासन ने गंभीरता से लिया है. शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ को आरोप पत्र देकर जवाब तलब किया है.

सात जुलाई को ईटीवी भारत ने सीएमओ ऑफिस में खरीद फरोख्त मामले में हुए घोटाले की खबर को प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद उन्नाव के जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराने का आदेश दिया. जांच के बाद कमेटी ने जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंप दिया. इसके बाद जिलाधिकारी ने उस रिपोर्ट को शासन को भेज दिया, जिसमें सीएमओ को दोषी पाया गया था.

क्या है पूरा मामला
बता दें कि यह मामला वित्तीय वर्ष 2018-19 में फरवरी और मार्च 2019 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा साज-सज्जा फर्नीचर आदि सामग्री करने के दौरान हुई थी. अलग-अलग बजट से मिले धन में लगभग 1.10 करोड़ की खरीद की गई थी. मई में कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने डीएम से खरीद में गड़बड़ घोटाला होने की शिकायत की, जिस पर डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट और वित्त एवं लेखाधिकारी और समाज कल्याण अधिकारी की 3 सदस्यीय कमेटी की जांच करने का आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ें- उन्नाव: सीएमओ पर फर्नीचर खरीद मामले में लगा संगीन आरोप

जांच समिति ने खरीदारी में नियमों का पालन न करने की पोस्ट की थी. जांच रिपोर्ट दो माह से दबी रही, जिसके बाद मामले को ईटीवी भारत ने उठाया और सीडीओ की अध्यक्षता में दोबारा जांच समिति गठित कर जांच कराई गई. इस जांच में सीडीओ ने सीएमओ को दोषी ठहराते हुए जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी. इसके बाद जिलाधिकारी ने तुरंत रिपोर्ट शासन को भेज दी, जिसके बाद शासन से राज्यपाल के निर्देश पर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 9 अगस्त को सीएमओ को आरोप पत्र भेज निर्देश दिया है कि वह 15 दिन अपने आरोपों के संबंध में अपना पक्ष रखें. वहीं सीएमओ से इन आरोपों का जवाब मांगा गया है.

उन्नाव: सीएमओ कार्यालय की ओर से स्वास्थ्य विभाग में नियमों को ताक पर रख गड़बड़ घोटाला करने के मामले में सीएमओ प्रशासन पर शिकंजा कस गया है. नियमों के खिलाफ खरीदारी कर गड़बड़ी करने की शिकायत पर जिलास्तर पर की गई जांच में सीएमओ को दोषी करार दिया गया था. डीएम की ओर से शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट को शासन ने गंभीरता से लिया है. शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ को आरोप पत्र देकर जवाब तलब किया है.

सात जुलाई को ईटीवी भारत ने सीएमओ ऑफिस में खरीद फरोख्त मामले में हुए घोटाले की खबर को प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद उन्नाव के जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराने का आदेश दिया. जांच के बाद कमेटी ने जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंप दिया. इसके बाद जिलाधिकारी ने उस रिपोर्ट को शासन को भेज दिया, जिसमें सीएमओ को दोषी पाया गया था.

क्या है पूरा मामला
बता दें कि यह मामला वित्तीय वर्ष 2018-19 में फरवरी और मार्च 2019 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा साज-सज्जा फर्नीचर आदि सामग्री करने के दौरान हुई थी. अलग-अलग बजट से मिले धन में लगभग 1.10 करोड़ की खरीद की गई थी. मई में कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने डीएम से खरीद में गड़बड़ घोटाला होने की शिकायत की, जिस पर डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट और वित्त एवं लेखाधिकारी और समाज कल्याण अधिकारी की 3 सदस्यीय कमेटी की जांच करने का आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ें- उन्नाव: सीएमओ पर फर्नीचर खरीद मामले में लगा संगीन आरोप

जांच समिति ने खरीदारी में नियमों का पालन न करने की पोस्ट की थी. जांच रिपोर्ट दो माह से दबी रही, जिसके बाद मामले को ईटीवी भारत ने उठाया और सीडीओ की अध्यक्षता में दोबारा जांच समिति गठित कर जांच कराई गई. इस जांच में सीडीओ ने सीएमओ को दोषी ठहराते हुए जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी. इसके बाद जिलाधिकारी ने तुरंत रिपोर्ट शासन को भेज दी, जिसके बाद शासन से राज्यपाल के निर्देश पर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 9 अगस्त को सीएमओ को आरोप पत्र भेज निर्देश दिया है कि वह 15 दिन अपने आरोपों के संबंध में अपना पक्ष रखें. वहीं सीएमओ से इन आरोपों का जवाब मांगा गया है.

Intro:सीएमओ कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य विभाग में करीब एक करोड़ से सामग्री क्रय में नियमों को ताक पर रख खरीद में गड़बड़ घोटाला करने के मामले में सीएमओ प्रशासन का शिकंजा कस गया है नियम विरुद्ध खरीदकर गड़बड़ी करने की शिकायत पर जिला स्तर पर हुई जांच में सीएमओ को खरीद में गड़बड़ी करने का दोषी करार दिया गया था डीएम द्वारा शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट को शासन ने गंभीरता से लिया है शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ को आरोप पत्र देकर जवाब तलब किया है।Body:7 जुलाई को ईटीवी भारत ने सीएमओ ऑफिस में खरीद-फरोख्त मामले में हुए घोटाले की खबर को प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और उन्नाव के जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में गठित कर जांच कराने का आदेश दिया वहीं जांच कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दिए जिलाधिकारी ने उस रिपोर्ट को शासन भेज दिया जिसमें सीएमओ को दोषी पाया गया था।

आपको बता दूं यह मामला वित्तीय वर्ष 2018 19 में फरवरी और मार्च 2019 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा साज-सज्जा फर्नीचर आदि सामग्री करें करने के दौरान हुई थी अलग अलग बजट से मिले धन में लगभग 1 दशमलव 10 करोड़ की खरीद की गई थी मई में कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने डीएम से खरीद में गड़बड़ घोटाला होने की शिकायत की जिस पर डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट और वित्त एवं लेखाधिकारी और समाज कल्याण अधिकारी की 3 सदस्य कमेटी की जांच करने का आदेश दिया था जांच समिति ने खरीददारी में नियमों का पालन ना करने की पोस्ट की थी जांच रिपोर्ट दो माह से दबी रही जिसके बाद मामले को ईटीवी भारत ने उठाया और सीडीओ की अध्यक्षता में पुनः जांच समिति गठित कर जांच कराई जिसमें सीडीओ ने सीएमओ को दोषी ठहराते हुए जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जिसके बाद जिलाधिकारी ने तुरंत रिपोर्ट शासन को भेज दी जिसके बाद शासन से राज्यपाल के निर्देश पर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग हेकाली झिमोमी ने 9 अगस्त को सीएमओ को आरोप पत्र भेज निर्देश दिया है कि वह 15 दिन अपने आरोपों के संबंध में अपना पक्ष रखें।Conclusion:वहीं सीएमओ से इन आरोपों का जवाब मांगा गया है।

वित्तीय वर्ष 2018 -19 में अनुदान संख्या 32 के अंतर्गत फर्नीचर उपकरण साज-सज्जा अन्य मद में क्रय संबंधी फर्म द्वारा प्रस्तुत बिलों पर क्रय की गई सामग्री को स्टॉक बुक के पृष्ठ पर एसएमओ के हस्ताक्षर मिले हैं स्टाक को अभिरक्षा में रखने वाले कर्मचारी के हस्ताक्षर नहीं है।

15 दिनों के अंतराल में जेम पोर्टल पर बिना बीडिंग के 30 लाख से अधिक की सामग्री क्रय की गई जबकि जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय करने में विक्रेता द्वारा जारी की गई सी आर ए सी संबंधी कोई अभिलेख नहीं मिला है इससे गुणवत्ता का परीक्षण किए बिना ही भुगतान कर नियम का पालन नहीं किया गया यह अनियमितता व लापरवाही का द्योतक है।

बजट की मांग और प्राप्त आवंटन के रूप अनुरूप धनराशि का उपयोग न कर वित्तीय वर्ष के अंत में बड़ी धनराशि खर्च नहीं की गई जिसके लिए दोषी करार दिया गया है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.