उन्नाव: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में दुष्कर्म पीड़िता बच्ची की हत्या की घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया है. उन्होंने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून की कड़ी से कड़ी सुसंगत धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत करके घटना की विवेचना की जाए.
बता दें, महिला अपराधों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले उन्नाव ने एक बार फिर पूरे देश को शर्मसार किया है. इस बार भी यहां एक मासूम बच्ची के साथ हैवानियत का खेल खेला गया है. दरअसल, होली के दिन जहां पूरा देश रंगों के जश्न में डूबा हुआ था, उसी समय बिहार थाना क्षेत्र में युवक ने 9 साल की मासूम बच्ची को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया और उसे अधमरी छोड़कर फरार हो गया. स्थानीय लोगों ने जब बच्ची को देखा तो फौरन पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब बच्ची को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा. उसकी हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने उसे कानपुर रेफर कर दिया, जहां देर रात मासूम बच्ची जिंदगी की जंग हार गई.
1 साल में दुष्कर्म की हुईं घटनाएं
उन्नाव में महिलाओं के साथ लगातार हो रही हैवानियत की घटनाओं ने जहां महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए है, वहीं राजनीतिक पार्टियां इसे रेप कैपिटल का नाम भी दे दिया है. ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि महिला अपराधों का रिकॉर्ड चौंकाने वाला है. बता दें कि फरवरी 2019 से फरवरी 2020 तक पुलिस रिकॉर्ड की माने तो उन्नाव में महिला अपराधों से जुड़ी 850 से अधिक घटनाएं घटित हुई हैं, जिसमें शीलभंग और रेप की 270 घटनाएं हुई हैं.
यानी उन्नाव में रोजाना औसतन महीने में 23 रेप की घटनाएं होती हैं. ऐसे में कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. सवाल ये है कि क्या बेटियां उन्नाव में महफूज नहीं हैं. आखिरकार इन हैवानों को हैवानियत की हिम्मत कैसे होती है और खाकी का इकबाल क्या इन हैवानों के आगे इतना बौना हो चुका है कि ये खुलेआम बेटियों की अस्मत लूटते रहते हैं और पुलिस लकीर पिटती रहती है.