ETV Bharat / state

उन्नाव में तापमान बढ़ने से डायरिया ने पसारे पांव

उन्नाव का जिला अस्पताल इन दिनों डायरिया के मरीजों से पूरी तरह से भरा हुआ है. हालत यह है कि एक बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है. डायरिया का शिकार सबसे ज्यादा छोटे-छोटे बच्चे हो रहे हैं.

उन्नाव में फैला डायरिया का प्रकोप.
author img

By

Published : Apr 16, 2019, 5:42 PM IST

उन्नाव: भीषण गर्मी और सूरज की तपिश से जहां लोग बेहाल हैं, वहीं तापमान बढ़ने से डायरिया ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. उन्नाव का जिला अस्पताल इन दिनों डायरिया के मरीजों से भरा हुआ है. हालत यह है कि जिला अस्पताल में बेड कम पड़ गए हैं. इसकी वजह से डॉक्टरों को मजबूरन एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है.

उन्नाव में बढ़ रहा डायरिया का प्रकोप.
  • उन्नाव में तापमान बढ़ने से डायरिया का बढ़ रहा प्रकोप.
  • डायरिया के प्रकोप से लोग बुरी तरह बेहाल हैं.
  • जिला अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 1 महीने में 905 मरीज डायरिया की चपेट में आ चुके हैं.
  • वहीं मौजूदा समय में अस्पताल में एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है.
  • जिस तरह डायरिया का प्रकोप बढ़ रहा है, उससे कहीं न कहीं हालात बेकाबू हो सकते हैं.
  • जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने लोगों को डायरिया से सावधानी बरतने की सलाह दी है.
  • डायरिया का शिकार सबसे ज्यादा छोटे-छोटे बच्चे हो रहे हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है.
  • परिजनों की माने तो अस्पताल में मरीज ज्यादा होने की वजह से एक ही बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

डायरिया से ऐसे करें बचाव

डायरिया से बचने के लिए काफी समय का रखा हुआ भोजन न करें और धूप से बचने की कोशिश करें. डायरिया होने पर ओआरएस का घोल पीना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

-एम लाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, उन्नाव

उन्नाव: भीषण गर्मी और सूरज की तपिश से जहां लोग बेहाल हैं, वहीं तापमान बढ़ने से डायरिया ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. उन्नाव का जिला अस्पताल इन दिनों डायरिया के मरीजों से भरा हुआ है. हालत यह है कि जिला अस्पताल में बेड कम पड़ गए हैं. इसकी वजह से डॉक्टरों को मजबूरन एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है.

उन्नाव में बढ़ रहा डायरिया का प्रकोप.
  • उन्नाव में तापमान बढ़ने से डायरिया का बढ़ रहा प्रकोप.
  • डायरिया के प्रकोप से लोग बुरी तरह बेहाल हैं.
  • जिला अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 1 महीने में 905 मरीज डायरिया की चपेट में आ चुके हैं.
  • वहीं मौजूदा समय में अस्पताल में एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है.
  • जिस तरह डायरिया का प्रकोप बढ़ रहा है, उससे कहीं न कहीं हालात बेकाबू हो सकते हैं.
  • जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने लोगों को डायरिया से सावधानी बरतने की सलाह दी है.
  • डायरिया का शिकार सबसे ज्यादा छोटे-छोटे बच्चे हो रहे हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है.
  • परिजनों की माने तो अस्पताल में मरीज ज्यादा होने की वजह से एक ही बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

डायरिया से ऐसे करें बचाव

डायरिया से बचने के लिए काफी समय का रखा हुआ भोजन न करें और धूप से बचने की कोशिश करें. डायरिया होने पर ओआरएस का घोल पीना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

-एम लाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, उन्नाव

Intro:उन्नाव:-- भीषण गर्मी और सूरज की तपिश से जहां लोग बेहाल है वहीं तापमान बढ़ने से डायरिया ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं उन्नाव का जिला अस्पताल इन दिनों डायरिया के मरीजों से फूल है हालात यह है कि जिला अस्पताल में बैठ तक कम पड़ गए हैं जिसकी वजह से दांतों को मजबूरन एक बेड पर दो दो मरीजों को भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा वहीं डाक्टरों ने लोगों को डायरिया से बचने के लिए जहां सावधानियां बरतने को कहा है वही बचाव के उपाय बताएं।


Body:उन्नाव का जिला अस्पताल इन दिनों मरीजों से पूरी तरह फुल है हालात यह है कि एक बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा था दरअसल तापमान बढ़ने से डायरिया ने पांव पसार रही है और डायरिया के प्रकोप से लोग बुरी तरह बेहाल है जिला अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले 1 महीने में 905 मरीज डायरिया की चपेट में आ चुके हैं जिन का इलाज जिला अस्पताल में किया गया है वहीं मौजूदा समय में अस्पताल में एक बेड पर दो दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है क्योंकि जिस तरह डायरिया का प्रकोप बढ़ रहा है उसे कहीं ना कहीं हालात बेकाबू हो सकते हैं इसी को देखते हुए जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने लोगों को डायरिया से सावधानी बरतने की सलाह दी है यही नहीं डायरिया से बचने के लिए काफी समय का रखा हुआ भोजन करने और धूप से बचने की सलाह दी है डॉक्टरों की मानें तो डायरिया होने पर ओ आर एस का घोल पीना चाहिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बाईट--एम लाल (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक उन्नाव)


Conclusion:वहीं ताजिया का शिकार सबसे ज्यादा छोटे-छोटे मासूम बच्चे हो रहे हैं जिनका इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है परिजनों की माने तो अस्पताल में मरीज ज्यादा होने की वजह से एक ही बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

बाईट-मीनू (तीमारदार)

वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.