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झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से हुई मासूम की मौत

यूपी के उन्नाव में इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए जाम लगा दिया.

इलाज से हुई मासूम बच्चे की मौत.
इलाज से हुई मासूम बच्चे की मौत.
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Published : May 28, 2021, 9:05 PM IST

उन्नाव: बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र बुड्ढा गांव में एक मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई. आक्रोशित परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए जाम लगा दिया. इसके बाद चिकित्सक द्वारा आपसी समझौते के बाद बच्चे के शव को घर ले जाकर परिजनों ने अंतिम संस्कार किया.

जानें पूरा मामला

बांगरमऊ क्षेत्र के गांव बुड्ढा निवासी महेश पुत्र फकीरे अपने 7 वर्षीय पुत्र कन्हैया को मामूली स्वास्थ्य खराब होने के बाद गांव मदान नगर स्थित एक निजी चिकित्सक के पास इलाज के लिए ले गया था. बताया जा रहा है कि जहां उपस्थित चिकित्सक के कर्मियों द्वारा बच्चे को कोई इंजेक्शन लगाया गया. इसके बाद बच्चे के शरीर में अचानक ऐंठन होने से उसकी हालत गंभीर हो गई. डॉक्टर द्वारा तुरंत बच्चे को कानपुर ले जाने की सलाह दी गई. परिजन उसे लेकर वहां से चंद कदम चले ही थे कि बच्चे की मौत हो गई. यह देख परिजनों ने अपना आपा खो दिया और शव को बांगरमऊ-बिल्हौर मार्ग पर रखकर बैठ गए, जिससे दोनों तरफ वाहनों की कतारें लगने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई.

परिजनों द्वारा जाम लगाए जाने से चिकित्सक के हाथ-पैर फूल गए. इसके बाद किसी तरह मृतक के पिता व डॉक्टर के बीच बातचीत हुई. वहीं, पता चला कि पिता और डॉक्टर के बीच हुई बातचीत के बाद जाम खोलने को लेकर लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि मृतक के पिता को डॉक्टर द्वारा कुछ अच्छी रकम दी गई, जिसके बाद में परिजनों ने किसी कानूनी कार्रवाई से इनकार करते हुए डॉक्टर पर आरोप लगाने से मना कर दिया. वहीं, बांगरमऊ सीएचसी प्रभारी मुकेश कुमार सिंह को जब इस घटना की जानकारी हुई तो मौके पर जाकर छानबीन की. उन्होंने कहा कि परिवारजनों की तरफ से अगर कोई प्रार्थना पत्र मिलेगा तो हम उस झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करेंगे.

पढ़ें- उन्नाव सड़क हादसे में 5 की मौत, सीएम योगी ने लिया संज्ञान

उन्नाव: बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र बुड्ढा गांव में एक मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई. आक्रोशित परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए जाम लगा दिया. इसके बाद चिकित्सक द्वारा आपसी समझौते के बाद बच्चे के शव को घर ले जाकर परिजनों ने अंतिम संस्कार किया.

जानें पूरा मामला

बांगरमऊ क्षेत्र के गांव बुड्ढा निवासी महेश पुत्र फकीरे अपने 7 वर्षीय पुत्र कन्हैया को मामूली स्वास्थ्य खराब होने के बाद गांव मदान नगर स्थित एक निजी चिकित्सक के पास इलाज के लिए ले गया था. बताया जा रहा है कि जहां उपस्थित चिकित्सक के कर्मियों द्वारा बच्चे को कोई इंजेक्शन लगाया गया. इसके बाद बच्चे के शरीर में अचानक ऐंठन होने से उसकी हालत गंभीर हो गई. डॉक्टर द्वारा तुरंत बच्चे को कानपुर ले जाने की सलाह दी गई. परिजन उसे लेकर वहां से चंद कदम चले ही थे कि बच्चे की मौत हो गई. यह देख परिजनों ने अपना आपा खो दिया और शव को बांगरमऊ-बिल्हौर मार्ग पर रखकर बैठ गए, जिससे दोनों तरफ वाहनों की कतारें लगने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई.

परिजनों द्वारा जाम लगाए जाने से चिकित्सक के हाथ-पैर फूल गए. इसके बाद किसी तरह मृतक के पिता व डॉक्टर के बीच बातचीत हुई. वहीं, पता चला कि पिता और डॉक्टर के बीच हुई बातचीत के बाद जाम खोलने को लेकर लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि मृतक के पिता को डॉक्टर द्वारा कुछ अच्छी रकम दी गई, जिसके बाद में परिजनों ने किसी कानूनी कार्रवाई से इनकार करते हुए डॉक्टर पर आरोप लगाने से मना कर दिया. वहीं, बांगरमऊ सीएचसी प्रभारी मुकेश कुमार सिंह को जब इस घटना की जानकारी हुई तो मौके पर जाकर छानबीन की. उन्होंने कहा कि परिवारजनों की तरफ से अगर कोई प्रार्थना पत्र मिलेगा तो हम उस झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करेंगे.

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