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उन्नाव: सीएमओ पर फर्नीचर खरीद मामले में लगा संगीन आरोप - gem portals

जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक करोड़ दस लाख रुपए के फर्नीचर व उपकरण खरीद में मानकों की अनदेखी की गई है. 30 लाख से अधिक रकम खर्च करने की स्थिति में ही टेंडर प्रक्रिया अपनाने के निर्देश के बाद भी सीएमओ ने जेम पोर्टल के जरिए दो फर्म से करोड़ों रुपए का सामान खरीद डाला.

सीएमओ के ऊपर लगे गंभीर आरोप.
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Published : Jun 7, 2019, 1:20 PM IST

उन्नाव: जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. लालता प्रसाद के द्वारा बिना ई-टेंडर के एक करोड़ 10 लाख रुपए खर्च कर देने का मामला सामने आया है. इस पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब कुछ कर्मचारियों ने डीएम को लिखित शिकायत देकर उनके भुगतान न किए जाने की बात कही थी. उसके बाद डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच करने का आदेश दिया था. जांच में टीम ने पाया कि स्वास्थ्य विभाग में फर्नीचर खरीद में बड़ी गड़बड़ी हुई है और इसकी खरीद के लिए जेम पोर्टल से फर्म को फर्नीचर आपूर्ति का ऑर्डर दे दिया गया था.

सीएमओ के ऊपर लगे गंभीर आरोप.

क्या है पूरा मामला

  • जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक करोड़ दस लाख रुपए के फर्नीचर व उपकरण खरीद में मानकों की अनदेखी की गई है.
  • 30 लाख से अधिक रकम खर्च करने की स्थिति में ही टेंडर प्रक्रिया अपनाने के निर्देश के बाद भी सीएमओ ने जेम पोर्टल के जरिए दो फर्म से करोड़ों रुपए का सामान खरीद डाला.
  • कर्मचारियों ने डीएम से लिखित शिकायत की थी कि विभाग द्वारा उनके भुगतान नहीं किए जा रहे हैं, जिसके बाद डीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम द्वारा की गई जांच में इस पूरे खेल का खुलासा हुआ.
  • टीम को अस्पताल में प्रयोग होने वाले उपकरण साज-सज्जा के उत्पादों की खरीद में भी गड़बड़ी मिली है.
  • टीम ने जांच पूरी कर रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है.

...इस तरह घोटाले को दिया गया अंजाम

  • छह माह पूर्व सीएमओ कार्यालय में 39 लाख 89 हजार रुपये खर्च कर फर्नीचर खरीदा गया था.
  • सीएमओ ने फर्नीचर खरीद के लिए ई टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनाई.
  • जेम पोर्टल के जरिए सीएमओ ने डीएम इंटरप्राइजेज अमीनाबाद व मैसर्स महाबली इंटरप्राइजेज इंदिरानगर के जरिए फर्नीचर खरीदा. इसके अलावा 10 लाख रुपए के उपकरण और 57 लाख रुपए से अधिक का साज सज्जा का सामान भी जेम पोर्टल के जरिए ही खरीद डाला.
  • फर्नीचर खरीद में गुणवत्ता की अनदेखी भी की गई.
  • इसकी शिकायत डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय को मिली तो उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए.
  • सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा वित्त एवं लेखा अधिकारी व जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जांच की, तो पता चला कि 15 दिन के अंदर जेम पोर्टल के जरिए एक करोड़ रुपए का सामान दो फर्मों से खरीदा गया है.
  • खरीद में किसी भी यूनिट से मांग पत्र भी नहीं भेजा गया था.
  • जांच टीम को फर्नीचर की गुणवत्ता के संबंध में कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला.
  • प्रक्रिया को वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में रखते हुए जांच टीम ने रिपोर्ट डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय को भेज दी है.

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

  • स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न सीएचसी के लिए 10 लाख रुपए खर्च कर 26 उपकरण भी खरीदे हैं.
  • जांच टीम ने उपकरणों के संबंध में जब मांग पत्र मांगे तो वह नहीं मिले.
  • इसके अलावा उपकरणों की गुणवत्ता प्रमाण पत्र व सामग्री का मानक भी नहीं मिला है.
  • जांच टीम ने रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि 10 लाख रुपए का खर्च मात्र बजट को खपाने के उद्देश्य किया गया है.
  • इस बड़े खेल में सीएमओ ने एक ही दिन में 50 लाख का ऑर्डर भेज दिया.
  • सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा की गई जांच में साज सज्जा के नाम पर खर्च किए गए 50 लाख में भी गड़बड़ी के संकेत मिले हैं.

कर्मचारियों को नहीं मिल रहा समय से वेतन

  • कर्मचारियों ने जो भुगतान को लेकर शिकायत की थी, उसमें भी बड़ा खेल सामने आया है.
  • स्वास्थ्य कर्मियों को माह की पांच तारीख तक वेतन भी नहीं मिल रहा है.
  • अधिकतर सीएचसी में 15 तारीख के बाद वेतन दिया जा रहा है.
  • इसके अलावा सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान भी छह माह तक नहीं किया गया, जबकि विभाग को 26 अप्रैल 2018 को पहली किस्त 16 अक्टूबर को दूसरी किस्त मिल गई थी.
  • जांच टीम ने किसी अन्य से वेतन समय से निकालने वालों की रिपोर्ट डीएम को दी है।

कुछ कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि उनका बजट आ गया है, लेकिन सीएमओ भुगतान नहीं कर रहे हैं. जब यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसकी जांच के लिए एक तीन सदस्यीय टीम का गठन किया, जिसमें मैं भी शामिल था. इस मामले में पूरी जांच की गई है और उनकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जा चुकी है, इसमें कुछ सत्यता पाई गई थी.
-राकेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट, उन्नाव

उन्नाव: जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. लालता प्रसाद के द्वारा बिना ई-टेंडर के एक करोड़ 10 लाख रुपए खर्च कर देने का मामला सामने आया है. इस पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब कुछ कर्मचारियों ने डीएम को लिखित शिकायत देकर उनके भुगतान न किए जाने की बात कही थी. उसके बाद डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच करने का आदेश दिया था. जांच में टीम ने पाया कि स्वास्थ्य विभाग में फर्नीचर खरीद में बड़ी गड़बड़ी हुई है और इसकी खरीद के लिए जेम पोर्टल से फर्म को फर्नीचर आपूर्ति का ऑर्डर दे दिया गया था.

सीएमओ के ऊपर लगे गंभीर आरोप.

क्या है पूरा मामला

  • जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक करोड़ दस लाख रुपए के फर्नीचर व उपकरण खरीद में मानकों की अनदेखी की गई है.
  • 30 लाख से अधिक रकम खर्च करने की स्थिति में ही टेंडर प्रक्रिया अपनाने के निर्देश के बाद भी सीएमओ ने जेम पोर्टल के जरिए दो फर्म से करोड़ों रुपए का सामान खरीद डाला.
  • कर्मचारियों ने डीएम से लिखित शिकायत की थी कि विभाग द्वारा उनके भुगतान नहीं किए जा रहे हैं, जिसके बाद डीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम द्वारा की गई जांच में इस पूरे खेल का खुलासा हुआ.
  • टीम को अस्पताल में प्रयोग होने वाले उपकरण साज-सज्जा के उत्पादों की खरीद में भी गड़बड़ी मिली है.
  • टीम ने जांच पूरी कर रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है.

...इस तरह घोटाले को दिया गया अंजाम

  • छह माह पूर्व सीएमओ कार्यालय में 39 लाख 89 हजार रुपये खर्च कर फर्नीचर खरीदा गया था.
  • सीएमओ ने फर्नीचर खरीद के लिए ई टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनाई.
  • जेम पोर्टल के जरिए सीएमओ ने डीएम इंटरप्राइजेज अमीनाबाद व मैसर्स महाबली इंटरप्राइजेज इंदिरानगर के जरिए फर्नीचर खरीदा. इसके अलावा 10 लाख रुपए के उपकरण और 57 लाख रुपए से अधिक का साज सज्जा का सामान भी जेम पोर्टल के जरिए ही खरीद डाला.
  • फर्नीचर खरीद में गुणवत्ता की अनदेखी भी की गई.
  • इसकी शिकायत डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय को मिली तो उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए.
  • सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा वित्त एवं लेखा अधिकारी व जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जांच की, तो पता चला कि 15 दिन के अंदर जेम पोर्टल के जरिए एक करोड़ रुपए का सामान दो फर्मों से खरीदा गया है.
  • खरीद में किसी भी यूनिट से मांग पत्र भी नहीं भेजा गया था.
  • जांच टीम को फर्नीचर की गुणवत्ता के संबंध में कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला.
  • प्रक्रिया को वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में रखते हुए जांच टीम ने रिपोर्ट डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय को भेज दी है.

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

  • स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न सीएचसी के लिए 10 लाख रुपए खर्च कर 26 उपकरण भी खरीदे हैं.
  • जांच टीम ने उपकरणों के संबंध में जब मांग पत्र मांगे तो वह नहीं मिले.
  • इसके अलावा उपकरणों की गुणवत्ता प्रमाण पत्र व सामग्री का मानक भी नहीं मिला है.
  • जांच टीम ने रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि 10 लाख रुपए का खर्च मात्र बजट को खपाने के उद्देश्य किया गया है.
  • इस बड़े खेल में सीएमओ ने एक ही दिन में 50 लाख का ऑर्डर भेज दिया.
  • सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा की गई जांच में साज सज्जा के नाम पर खर्च किए गए 50 लाख में भी गड़बड़ी के संकेत मिले हैं.

कर्मचारियों को नहीं मिल रहा समय से वेतन

  • कर्मचारियों ने जो भुगतान को लेकर शिकायत की थी, उसमें भी बड़ा खेल सामने आया है.
  • स्वास्थ्य कर्मियों को माह की पांच तारीख तक वेतन भी नहीं मिल रहा है.
  • अधिकतर सीएचसी में 15 तारीख के बाद वेतन दिया जा रहा है.
  • इसके अलावा सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान भी छह माह तक नहीं किया गया, जबकि विभाग को 26 अप्रैल 2018 को पहली किस्त 16 अक्टूबर को दूसरी किस्त मिल गई थी.
  • जांच टीम ने किसी अन्य से वेतन समय से निकालने वालों की रिपोर्ट डीएम को दी है।

कुछ कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि उनका बजट आ गया है, लेकिन सीएमओ भुगतान नहीं कर रहे हैं. जब यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसकी जांच के लिए एक तीन सदस्यीय टीम का गठन किया, जिसमें मैं भी शामिल था. इस मामले में पूरी जांच की गई है और उनकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जा चुकी है, इसमें कुछ सत्यता पाई गई थी.
-राकेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट, उन्नाव

Intro:उन्नाव में स्वास्थ्य विभाग सिर्फ और सिर्फ लूट खसोट में लगा हुआ है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हर मामले में सिर्फ पैसों की बंदरबांट करने में लगे हैं उन्नाव सीएमओ ने बिना ई टेंडर 11000000 रुपए खर्च कर दिए इस पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब कुछ कर्मचारियों ने डीएम को लिखित शिकायत देकर उनके भुगतान न किए जाने की बात कही थी उसके बाद डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक 3 सदस्य जांच टीम गठित कर जांच करने का आदेश दिया जांच में टीम ने पाया कि स्वास्थ्य विभाग में फर्नीचर खरीद में गड़बड़झाला हुआ है और इसकी खरीद के लिए जेम पोर्टल से फर्म को फर्नीचर आपूर्ति का ऑर्डर दे दिया गया।


Body:उन्नाव के स्वास्थ्य विभाग में 11000000 रुपए के फर्नीचर व उपकरण खरीद में मानकों की अनदेखी की गई है 30 लाख से अधिक रकम खर्च करने की स्थिति में ही टेंडर प्रक्रिया अपनाने के निर्देश के बाद भी सीएमओ ने जेम पोर्टल के जरिए दो फर्म से करोड़ों रुपए का सामान खरीद डाला कर्मचारियों ने डीएम से लिखित शिकायत की थी कि विभाग द्वारा उनके भुगतान नहीं किए जा रहे हैं जिसके बाद डीएम के निर्देश पर 3 सदस्यी टीम द्वारा की गई जांच में इस पूरे खोल खेल का खुलासा हुआ टीम को अस्पताल में प्रयोग होने वाले उपकरण साज-सज्जा के उत्पादों की खरीद में भी गड़बड़ी मिली है टीम ने जांच पूरी कर रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है जांच टीम ने रिपोर्ट में पड़े गड़बड़ झाले की ओर इशारा किया है।


Conclusion:आपको बता दूं 6 माह पूर्व सीएमओ कार्यालय में ₹3989000 खर्च कर फर्नीचर खरीदा गया था सीएमओ ने फर्नीचर खरीद के लिए ई टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनाई जेम पोर्टल के जरिए उन्होंने डीएम इंटरप्राइजेज अमीनाबाद व मैसर्स महाबली इंटरप्राइजेज इंदिरानगर के जरिए फर्नीचर खरीदा इसके अलावा 1000000 रुपए के उपकरण और 57 लाख रुपए से अधिक का साज सज्जा का सामान भी जेम पोर्टल के जरिए ही खरीद डाला फर्नीचर खरीद में गुणवत्ता की अनदेखी भी की गई इसकी शिकायत डीएम देवेंद्र कुमार पांडे को मिली तो उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में 3 सदस्यी टीम गठित कर जांच के आदेश दिए सिटी मजिस्ट्रेट के अलावा वित्त एवं लेखा अधिकारी व जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जांच की तो जांच में पता चला कि 15 दिन के अंदर जेम पोर्टल के जरिए एक करोड़ रुपए का सामान दो फर्मो से खरीदा गया है खरीद में किसी भी यूनिट से मांग पत्र भी नहीं भेजा गया था जांच टीम को फर्नीचर की गुणवत्ता के संबंध में कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला प्रक्रिया को वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में रखते हुए जांच टीम ने रिपोर्ट डीएम देवेंद्र कुमार पांडे को भेज दी है।

सीएमओ डॉ लालता प्रसाद ने बजट उपयोग करने के लिए खर्च कर दिया दस लाख

स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न सीएचसी के लिए 1000000 रुपए खर्च कर 26 उपकरण भी खरीदे हैं जांच टीम ने उपकरणों के संबंध में जब मांग पत्र मांगे तो वह नहीं मिले इसके अलावा उपकरणों की गुणवत्ता प्रमाण पत्र व सामग्री का मानक भी नहीं मिला है जांच टीम ने रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि 1000000 रुपए का खर्च मात्र बजट को खपाने के उद्देश्य किया गया है इस बड़े खेल में सीएमओ ने एक ही दिन में 5000000 का ऑर्डर भेज दिया सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा की गई जांच में साज सज्जा के नाम पर खर्च किए गए ₹5000000 में भी गड़बड़ी के संकेत मिले हैं स्वास्थ्य विभाग ने बिना किसी मांग पत्र के चार जून को 5000000 रुपए आर्डर भेज दिया था टीम को यह खर्च वित्तीय नियम के अनुरूप नहीं मिला है टीम ने जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने बिना मांग पत्र के रोल बैंडेज बेडशीट का क्रय किया है कर्मचारियों ने जो भुगतान को लेकर शिकायत की थी उसमें भी बड़ा खेल सामने आया है स्वास्थ्य कर्मियों को माह की 5 तारीख तक वेतन भी नहीं मिल रहा है अधिकतर सीएचसी में 15 तारीख के बाद वेतन दिया जा रहा है इसके अलावा सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान भी छह माह तक नहीं किया गया जबकि विभाग को 26 अप्रैल 2018 को पहली किस्त 16 अक्टूबर को दूसरी किस्त मिल गई थी जांच टीम ने किसी अन्य से वेतन समय से निकालने वालों की रिपोर्ट डीएम को दी है।

बाइट :---राकेश कुमार सिटी मजिस्ट्रेट उन्नाव
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