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'जनता दर्शन' दरकिनार कर CDO साहब का फरमान - 'बिना अनुमति अंदर आना मना है' - सीडीओ उन्नाव ने पत्रकार को पीटा

बता दें कि उन्नाव सीडीओ दिव्यांशु पटेल इसके पहले भी इसी तरह की हरकतों की वजह से चर्चा में रहे हैं. चाहे उन्नाव में प्रमुख चुनाव के दौरान पत्रकार को पीटने का मामला हो या बाराबंकी में तहसील के अंदर मस्जिद गिरवाने का मामला.

ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान पत्रकार को पीटते सीडीओ उन्नाव
ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान पत्रकार को पीटते सीडीओ उन्नाव
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Published : Aug 4, 2021, 5:51 PM IST

उन्नाव : हर दिन अपने नए-नए कारनामों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की किरकिरी कराने वाले उन्नाव के सीडीओ उन्नाव दिव्यांशु पटेल एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार वे उनके दफ्तर के बार टांगे गए एक बोर्ड को लेकर चर्चा में हैं. इस बोर्ड में साफ लिखा है कि "बिना पूर्व अनुमति के प्रवेश वर्जित है."

ऐसे में सूबे की सरकार के उन मंसूबों पर पानी फिरता दिख रहा है जिनमें कहा गया है कि सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठकर जनता की अधिक से अधिक फरियाद सुनेंगे. इसके विपरीत CDO साहब बोर्ड लगाकर खुद को जनता से दूर किए हुए हैं. बताया जाता है कि जनपद के किसी दूसरे अधिकारी के कमरे के बाहर इस तरह का कोई बोर्ड नहीं लगा है.

'जनता दर्शन' दरकिनार कर CDO साहब का नया फरमान
पत्रकार की पिटाई करने पर नेशनल मीडिया में हुई थी दिव्यांशु पटेल की चर्चा

उन्नाव के विवादित सीडीओ दिव्यांशु पटेल अपने कारनामे को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. पिछली बार एक पत्रकार के साथ उनका मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था. इसे लेकर उनकी काफी आलोचना सामने आयी थी.

अब एक बार फिर उनका नया कारनामा सुर्खियां बटोर रहा है. दरअसल, इस बार मामला सीडीओ कार्यालय में आने वाले लोगों से मिलने को लेकर है. सीडीओ उन्नाव ने अपने कार्यालय के बाहर "बिना पूर्व अनुमति के प्रवेश वर्जित है" का बोर्ड टांग रखा है.

ऐसे में सवाल उठता है कि जो फरियादी जनपद के दूरदराज के इलाकों से अपनी समस्या लेकर सीडीओ के पास आते हैं वो कैसे और किससे पूर्व अनुमति लेंगे. सीडीओ उन्नाव के इस 'तालिबानी' आदेश से उन्नाव के तमाम फरियादियों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है.

यह भी पढ़ें : यूपी में डिफेंस कॉरिडोर में निवेश के लिए 65 कंपनियों ने बढ़ाया हाथ

सीडीओ उन्नाव अपने इस आदेश के बाद चर्चा में हैं. गौरतलब है कि एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी अधिकारियों को जनतादर्शन लगाकर लोगों की फरियाद सुनने और उनकी समस्याओं के निस्तारण करने का आदेश दे रहे हैं तो वहीं CDO साहब जनता से मिलने में आना कानी कर रहे हैं.

विकास संबंधित कई विभाग की शिकायत या काम लेकर आते हैं फरियादी

बता दें कि उन्नाव जनपद के विकास भवन के अंतरगत लगभग 65 विभाग आते हैं. इनके जिम्मे ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का काम रहता है. वहीं किसी भी विकास से संबंधित शिकायत या खुद का काम कराने के लिए फरियादी इसी विभाग के पहले फ्लोर पर स्थित मुख्य विकास अधिकारी के ऑफिस में फरियाद लेकर आते हैं. ऐसे में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गेट के बाहर लगवाया गया यह बोर्ड विकास से संबंधित शिकायत लेकर आने वाले फरियादियों के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है.

पत्रकार को पीटने के बाद चर्चा में आये थे सीडीओ

बता दें कि उन्नाव सीडीओ दिव्यांशु पटेल इसके पहले भी इसी तरह की हरकतों की वजह से चर्चा में रहे हैं. चाहे उन्नाव में प्रमुख चुनाव के दौरान पत्रकार को पीटने का मामला हो या बाराबंकी में तहसील के अंदर मस्जिद गिरवाने का मामला.

इस सभी में मुख्य बिंदु सीडीओ दिव्यांशु पटेल ही रहे हैं. उन्नाव में किसी अन्य अधिकारी के कार्यालय में इस तरह का कोई बोर्ड नहीं लगा. मामले में डीएम उन्नाव ने बताया कि किसी भी अधिकारी को अपने सरकारी कार्यालय के बाहर इस तरह का बोर्ड लगाने का कोई अधिकार नहीं है. ये पूरी तरह से सरकार की मंशा के खिलाफ है. मामले को दिखवाया जाएगा.

उन्नाव : हर दिन अपने नए-नए कारनामों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की किरकिरी कराने वाले उन्नाव के सीडीओ उन्नाव दिव्यांशु पटेल एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार वे उनके दफ्तर के बार टांगे गए एक बोर्ड को लेकर चर्चा में हैं. इस बोर्ड में साफ लिखा है कि "बिना पूर्व अनुमति के प्रवेश वर्जित है."

ऐसे में सूबे की सरकार के उन मंसूबों पर पानी फिरता दिख रहा है जिनमें कहा गया है कि सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठकर जनता की अधिक से अधिक फरियाद सुनेंगे. इसके विपरीत CDO साहब बोर्ड लगाकर खुद को जनता से दूर किए हुए हैं. बताया जाता है कि जनपद के किसी दूसरे अधिकारी के कमरे के बाहर इस तरह का कोई बोर्ड नहीं लगा है.

'जनता दर्शन' दरकिनार कर CDO साहब का नया फरमान
पत्रकार की पिटाई करने पर नेशनल मीडिया में हुई थी दिव्यांशु पटेल की चर्चा

उन्नाव के विवादित सीडीओ दिव्यांशु पटेल अपने कारनामे को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. पिछली बार एक पत्रकार के साथ उनका मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था. इसे लेकर उनकी काफी आलोचना सामने आयी थी.

अब एक बार फिर उनका नया कारनामा सुर्खियां बटोर रहा है. दरअसल, इस बार मामला सीडीओ कार्यालय में आने वाले लोगों से मिलने को लेकर है. सीडीओ उन्नाव ने अपने कार्यालय के बाहर "बिना पूर्व अनुमति के प्रवेश वर्जित है" का बोर्ड टांग रखा है.

ऐसे में सवाल उठता है कि जो फरियादी जनपद के दूरदराज के इलाकों से अपनी समस्या लेकर सीडीओ के पास आते हैं वो कैसे और किससे पूर्व अनुमति लेंगे. सीडीओ उन्नाव के इस 'तालिबानी' आदेश से उन्नाव के तमाम फरियादियों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है.

यह भी पढ़ें : यूपी में डिफेंस कॉरिडोर में निवेश के लिए 65 कंपनियों ने बढ़ाया हाथ

सीडीओ उन्नाव अपने इस आदेश के बाद चर्चा में हैं. गौरतलब है कि एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी अधिकारियों को जनतादर्शन लगाकर लोगों की फरियाद सुनने और उनकी समस्याओं के निस्तारण करने का आदेश दे रहे हैं तो वहीं CDO साहब जनता से मिलने में आना कानी कर रहे हैं.

विकास संबंधित कई विभाग की शिकायत या काम लेकर आते हैं फरियादी

बता दें कि उन्नाव जनपद के विकास भवन के अंतरगत लगभग 65 विभाग आते हैं. इनके जिम्मे ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का काम रहता है. वहीं किसी भी विकास से संबंधित शिकायत या खुद का काम कराने के लिए फरियादी इसी विभाग के पहले फ्लोर पर स्थित मुख्य विकास अधिकारी के ऑफिस में फरियाद लेकर आते हैं. ऐसे में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गेट के बाहर लगवाया गया यह बोर्ड विकास से संबंधित शिकायत लेकर आने वाले फरियादियों के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है.

पत्रकार को पीटने के बाद चर्चा में आये थे सीडीओ

बता दें कि उन्नाव सीडीओ दिव्यांशु पटेल इसके पहले भी इसी तरह की हरकतों की वजह से चर्चा में रहे हैं. चाहे उन्नाव में प्रमुख चुनाव के दौरान पत्रकार को पीटने का मामला हो या बाराबंकी में तहसील के अंदर मस्जिद गिरवाने का मामला.

इस सभी में मुख्य बिंदु सीडीओ दिव्यांशु पटेल ही रहे हैं. उन्नाव में किसी अन्य अधिकारी के कार्यालय में इस तरह का कोई बोर्ड नहीं लगा. मामले में डीएम उन्नाव ने बताया कि किसी भी अधिकारी को अपने सरकारी कार्यालय के बाहर इस तरह का बोर्ड लगाने का कोई अधिकार नहीं है. ये पूरी तरह से सरकार की मंशा के खिलाफ है. मामले को दिखवाया जाएगा.

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