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जल प्रदूषण बढ़ा रही अवैध फैक्ट्री सील, जानें कहां हुई कार्रवाई

उन्नाव में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरी पर प्रसाशन नकेल कसी गई है. सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में जिला प्रदूषण विभाग ने जल प्रदूषण फैला रही फैक्ट्री को सील कर दिया है.

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जल प्रदूषण बढ़ा रही अवैध फैक्ट्री सील
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Published : Apr 1, 2022, 5:45 PM IST

उन्नाव: जनपद में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरी पर प्रसाशन ने नकेल कसनी शुरू कर दी है. सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में जिला प्रदूषण विभाग ने जल प्रदूषण फैला रही फैक्ट्री को सील कर दिया है.

मगरवारा औद्योगिक क्षेत्र स्थित प्लास्टिक स्क्रैब की सफाई करने वाली शादाब फैक्ट्री की शिकायत जिला प्रशासन से हुई थी. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि फैक्ट्री जल प्रदूषण फैला रही है. इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए तो सिटी मजिस्ट्रेट विजेता के नेतृत्व में जिला प्रदूषण विभाग कार्यालय के अधिकारी जांच करने के लिए पहुंचे. मौके पर अधिकारियों ने जब प्रदूषण विभाग से पंजीकरण के कागज मांगे तो फैक्ट्री प्रबंधन कागज उपलब्ध नहीं करा पाया.

जल प्रदूषण बढ़ा रही अवैध फैक्ट्री सील

यह भी पढ़ें:उन्नाव में दो युवकों की सड़क हादसे में मौत, जानें कैसे हुआ हादसा

इसके अलावा कई अन्य विभागों से पंजीकरण के कागज भी अधिकारियों ने मांगे. वह भी फैक्ट्री प्रबंधन उपलब्ध नहीं करा पाया. जांच के दौरान पाया गया कि यहां प्लास्टिक स्क्रैब के वाशिंग में प्रयोग किया जाने वाला पानी बिना शोधित किए ही बहाया जा रहा है. इस बारे में क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि फैक्ट्री का संचालन अवैध रूप से हो रहा था. फैक्ट्री में प्लास्टिक वाशिंग के रूप में प्रयोग किए जाने वाला जल बिना शोधित किए ही बहाया जा रहा था. इससे प्रदूषण फैलने की आशंका है. इसलिए फैक्ट्री को सील कर दिया गया है.

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उन्नाव: जनपद में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरी पर प्रसाशन ने नकेल कसनी शुरू कर दी है. सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में जिला प्रदूषण विभाग ने जल प्रदूषण फैला रही फैक्ट्री को सील कर दिया है.

मगरवारा औद्योगिक क्षेत्र स्थित प्लास्टिक स्क्रैब की सफाई करने वाली शादाब फैक्ट्री की शिकायत जिला प्रशासन से हुई थी. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि फैक्ट्री जल प्रदूषण फैला रही है. इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए तो सिटी मजिस्ट्रेट विजेता के नेतृत्व में जिला प्रदूषण विभाग कार्यालय के अधिकारी जांच करने के लिए पहुंचे. मौके पर अधिकारियों ने जब प्रदूषण विभाग से पंजीकरण के कागज मांगे तो फैक्ट्री प्रबंधन कागज उपलब्ध नहीं करा पाया.

जल प्रदूषण बढ़ा रही अवैध फैक्ट्री सील

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इसके अलावा कई अन्य विभागों से पंजीकरण के कागज भी अधिकारियों ने मांगे. वह भी फैक्ट्री प्रबंधन उपलब्ध नहीं करा पाया. जांच के दौरान पाया गया कि यहां प्लास्टिक स्क्रैब के वाशिंग में प्रयोग किया जाने वाला पानी बिना शोधित किए ही बहाया जा रहा है. इस बारे में क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि फैक्ट्री का संचालन अवैध रूप से हो रहा था. फैक्ट्री में प्लास्टिक वाशिंग के रूप में प्रयोग किए जाने वाला जल बिना शोधित किए ही बहाया जा रहा था. इससे प्रदूषण फैलने की आशंका है. इसलिए फैक्ट्री को सील कर दिया गया है.

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