उन्नाव : बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर मंगलवार को देर रात चालक को अचानक झपकी आ जाने से कार बेकाबू होकर एल्युमिनियम सेफ्टी गार्ड से जा टकराई. गनीमत यह रही कि भीषण टक्कर के बाद भी ड्राइवर बाल-बाल बच गया, जबकि चालक के पिता और मां तथा बहन तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए. सूचना पर पहुंची यूपीडा टीम तीनों घायलों को आनन-फानन एंबुलेंस के जरिए यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाई. हालत नाजुक होने के चलते डॉक्टरों ने तीनों घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया है.
बिहार के थाना रूपकपुर अंतर्गत मोहल्ला जीएसके कॉलोनी बैकुंठपुर निवासी डॉ प्रमोद चंद्र तिवारी (62 वर्ष) सेवानिवृत्त सरकारी चिकित्सक हैं. डॉ प्रमोद चंद तिवारी अपनी पत्नी रजनी तिवारी (59 वर्ष) और दिव्यांग बेटी जूही श्री तिवारी (32 वर्ष) तथा बेटे जितेंद्र कुमार तिवारी के साथ कार से आवश्यक कार्य के लिए दिल्ली गए थे. मंगलवार देर रात डॉ. प्रमोद चंद्र और उनका परिवार कार से वापस अपने घर लौट रहा था. कार जितेंद्र कुमार तिवारी चला रहा था. मंगलवार को देर रात रास्ते में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर किलोमीटर नंबर 238 टोल प्लाजा के पास जितेंद्र को अचानक झपकी आ गई, जिससे कार बेकाबू होकर सड़क के बाईं तरफ स्थित एल्युमिनियम सेफ्टी गार्ड से जा टकराई. हादसे में कार चालक जितेंद्र कुमार तिवारी तो बाल-बाल बच गया, लेकिन डॉ प्रमोद चंद्र तिवारी, रजनी तिवारी तथा जूही श्री तिवारी तीनों परिजन गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना की सूचना मिलते ही यूपीडा टीम घटनास्थल पर जा पहुंची और कार की खिड़की तोड़कर घायलों को बाहर निकाला. बाद में यूपीडा टीम आनन-फानन सभी घायलों को एंबुलेंस के जरिए यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाई. जहां चिकित्सकों ने तीनों घायलों की हालत नाजुक देखकर उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया.
पढ़ें : पहले हसरत मोहानी के गांव जाने के लिए सड़क होती थी, अब तो गड्ढे ही बचे हैं