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Hariyali Teej 2021 : सौभाग्य के प्रतीक हरियाली तीज पर्व पर महिलाओं ने रखा व्रत, जानें क्या है मान्यता - Hariyali Teej 2021

इस दिन सुहागिन महिलाएं शृंगार कर दिनभर व्रत रखते हुए भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-आराधना और जाप करतीं हैं. मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं तीज पर उपवास के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करतीं हैं, उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत
सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत
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Published : Aug 11, 2021, 5:16 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 6:52 PM IST

प्रयागराज : सावन माह भगवान शिव का सबसे प्रिय माह माना गया है. इसी महीने में सावन की तीज भी पड़ती है जिसका अत्यधिक महत्व है. मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. इसी दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था.

इसीलिए सुहागिनी महिलाओं के लिए आज के दिन का खास महत्व है. वहीं, संगम नगरी प्रयागराज में भी सुहागिनी महिलाएं सोलह शृंगार, हरे कपड़े, हरी चूड़ियां पहनकर तीज का त्यौहार मना रही है. परंपरा के अनुसार आज के दिन महिलाएं मेहंदी लगवाती हैं, झूला झूलती हैं और सावन के गीत गातीं हैं.

सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत
सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत

कुछ महिलाएं इस दिन व्रत भी रखतीं हैं. यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है. पति की लंबी आयु की कामना और परिवार की सुखभेजने की परंपरा है. इस दिन महिलाएं समृद्धि के लिए निर्जला व्रत भी रखती हैं. इस दिन मां पार्वती और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा की जाती है. तीज पर पूजन में सुहाग की सभी सामग्री को सजाकर माता पार्वती को चढ़ाया जाता है.

सुहागिन महिलाएं शृंगार कर दिनभर व्रत रखते हुए भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-आराधना और जाप करतीं हैं. मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं तीज पर उपवास के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करतीं हैं, उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

जूही जायसवाल ने बताया कि आज का दिन एक उत्सव की तरह मनाया जाता है. मान्यता है की 108 वर्षों की कड़ी तपस्या के बाद भगवान शिव ने माता पार्वती पर प्रसन्न होकर उनको पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसीलिए हम सभी महिलाएं इस दिन को सौभाग्य के प्रतीक के रूप में मानातीं हैं.

यह भी पढ़ें : मिड डे मील योजना की राशि वितरण में घपला, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी जानकारी

परंपरा के तहत सोलह शृंगार कर भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है. यह कामना की जाती है कि हमारे पति दीर्घायु हों और परिवार में सुख-समृद्धि का वास हो. इसी कामना के साथ महिलाएं सामूहिक रूप से भगवान शिव का भजन-कीर्तन समूह गान करते हुए पेड़ों पर झूला डाल कर उत्सव मनाती हैं.

बताया कि घर की बेटियां इस दिन मायके आती हैं, उनके लिए झूले डाले जाते हैं. मायके आने पर जोरदार स्वागत किया जाता है. पूरे भारतवर्ष में सभी सुहागिन महिलाएं इस पर्व को उत्सव की तरह मनातीं हैं.

सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत
सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत

हरियाली तीज पर ध्यान दी जाने वाली प्रमुख बातें

1- इस लिए हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां पहनना चाहिए. इसे हरे रंग की चूड़ियों को पति की लंबी उम्र, सेहत और खुशी व उल्लास का प्रतीक माना जाता है.

सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत

2- हरियाली तीज पर मायके से आई चीजों का उपयोग करने की परंपरा है. इस लिए हरियाली तीज व्रत के पूर्व माता-पिता अपनी विवाहित बेटी को साड़ी, 16 शृंगार का सामान, मिठाई, फल आदि भेजते हैं. महिलाओं को चाहिए कि हरियाली तीज व्रत के दिन पूजा के समय मायके से आये सामान का उपयोग करें.

3- पूजा के दौरान व्रत कथा अवश्य सुनना चाहिए. तभी व्रत पूरा माना जाता है.

4- हरियाली तीज के दिन माता पार्वती के गीत कथआ आदि का गान व श्रवण करना चाहिए. इससे माता जल्द प्रसन्न होतीं हैं.

हरियाली तीज पर यह न करें

- व्रती इस दिन लड़ाई-झगड़े से बचें. मन में किसी तरह का नकारात्मक विचार न आने दे.

- हरियाली तीज के दिन अपने जीवन साथी से कोई बात छुपायें नहीं और न ही झूठ बोले. कहा जाता है कि ऐसा करने पर पति के पर दुख के बादल मंडराने लगते हैं.

-हरियाली तीज व्रत में काले और सफेद कपड़े बिलकुल भी न पहनें. इससे जीवन में अशुभ होने की आशंका रहती है.

ये है पूजन सामग्री.

भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मूर्तियां बनाने के लिए प्राकृतिक काली मिट्टी.पूजा की चौकी को ढकने के लिए सफेद या पीला या लाल रंग का कपड़ा नया.सभी सामान रखने के लिए तीन/चार बड़ी ट्रे या टोकरियां.

शिव पूजा के लिए, आपको निम्नलिखित की आवश्यकता होगी

विल्वा पत्तियां (बेल पत्र), केले के पत्ते, सफेद मुकुट-सिर का फूल और पत्ते, धतूरे के पत्ते, फूल और फल, जनेऊ, भगवान शिव के लिए नया सफेद कपड़ा, चंदन.

प्रयागराज : सावन माह भगवान शिव का सबसे प्रिय माह माना गया है. इसी महीने में सावन की तीज भी पड़ती है जिसका अत्यधिक महत्व है. मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. इसी दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था.

इसीलिए सुहागिनी महिलाओं के लिए आज के दिन का खास महत्व है. वहीं, संगम नगरी प्रयागराज में भी सुहागिनी महिलाएं सोलह शृंगार, हरे कपड़े, हरी चूड़ियां पहनकर तीज का त्यौहार मना रही है. परंपरा के अनुसार आज के दिन महिलाएं मेहंदी लगवाती हैं, झूला झूलती हैं और सावन के गीत गातीं हैं.

सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत
सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत

कुछ महिलाएं इस दिन व्रत भी रखतीं हैं. यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है. पति की लंबी आयु की कामना और परिवार की सुखभेजने की परंपरा है. इस दिन महिलाएं समृद्धि के लिए निर्जला व्रत भी रखती हैं. इस दिन मां पार्वती और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा की जाती है. तीज पर पूजन में सुहाग की सभी सामग्री को सजाकर माता पार्वती को चढ़ाया जाता है.

सुहागिन महिलाएं शृंगार कर दिनभर व्रत रखते हुए भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-आराधना और जाप करतीं हैं. मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं तीज पर उपवास के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करतीं हैं, उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

जूही जायसवाल ने बताया कि आज का दिन एक उत्सव की तरह मनाया जाता है. मान्यता है की 108 वर्षों की कड़ी तपस्या के बाद भगवान शिव ने माता पार्वती पर प्रसन्न होकर उनको पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसीलिए हम सभी महिलाएं इस दिन को सौभाग्य के प्रतीक के रूप में मानातीं हैं.

यह भी पढ़ें : मिड डे मील योजना की राशि वितरण में घपला, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी जानकारी

परंपरा के तहत सोलह शृंगार कर भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है. यह कामना की जाती है कि हमारे पति दीर्घायु हों और परिवार में सुख-समृद्धि का वास हो. इसी कामना के साथ महिलाएं सामूहिक रूप से भगवान शिव का भजन-कीर्तन समूह गान करते हुए पेड़ों पर झूला डाल कर उत्सव मनाती हैं.

बताया कि घर की बेटियां इस दिन मायके आती हैं, उनके लिए झूले डाले जाते हैं. मायके आने पर जोरदार स्वागत किया जाता है. पूरे भारतवर्ष में सभी सुहागिन महिलाएं इस पर्व को उत्सव की तरह मनातीं हैं.

सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत
सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत

हरियाली तीज पर ध्यान दी जाने वाली प्रमुख बातें

1- इस लिए हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां पहनना चाहिए. इसे हरे रंग की चूड़ियों को पति की लंबी उम्र, सेहत और खुशी व उल्लास का प्रतीक माना जाता है.

सौभाग्य का प्रतीक पर्व हरियाली तीज पर महिलाओं ने रखा व्रत

2- हरियाली तीज पर मायके से आई चीजों का उपयोग करने की परंपरा है. इस लिए हरियाली तीज व्रत के पूर्व माता-पिता अपनी विवाहित बेटी को साड़ी, 16 शृंगार का सामान, मिठाई, फल आदि भेजते हैं. महिलाओं को चाहिए कि हरियाली तीज व्रत के दिन पूजा के समय मायके से आये सामान का उपयोग करें.

3- पूजा के दौरान व्रत कथा अवश्य सुनना चाहिए. तभी व्रत पूरा माना जाता है.

4- हरियाली तीज के दिन माता पार्वती के गीत कथआ आदि का गान व श्रवण करना चाहिए. इससे माता जल्द प्रसन्न होतीं हैं.

हरियाली तीज पर यह न करें

- व्रती इस दिन लड़ाई-झगड़े से बचें. मन में किसी तरह का नकारात्मक विचार न आने दे.

- हरियाली तीज के दिन अपने जीवन साथी से कोई बात छुपायें नहीं और न ही झूठ बोले. कहा जाता है कि ऐसा करने पर पति के पर दुख के बादल मंडराने लगते हैं.

-हरियाली तीज व्रत में काले और सफेद कपड़े बिलकुल भी न पहनें. इससे जीवन में अशुभ होने की आशंका रहती है.

ये है पूजन सामग्री.

भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मूर्तियां बनाने के लिए प्राकृतिक काली मिट्टी.पूजा की चौकी को ढकने के लिए सफेद या पीला या लाल रंग का कपड़ा नया.सभी सामान रखने के लिए तीन/चार बड़ी ट्रे या टोकरियां.

शिव पूजा के लिए, आपको निम्नलिखित की आवश्यकता होगी

विल्वा पत्तियां (बेल पत्र), केले के पत्ते, सफेद मुकुट-सिर का फूल और पत्ते, धतूरे के पत्ते, फूल और फल, जनेऊ, भगवान शिव के लिए नया सफेद कपड़ा, चंदन.

Last Updated : Aug 11, 2021, 6:52 PM IST
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