इटावा: जिले में रविवार को टिड्डी दल का हमला हुआ था. जानकारों का कहना है कि जनपद में टिड्डी दल के हमले में किसानों को खास नुकसान नहीं हुआ है. ईटीवी भारत की टीम ने जिले के कृषि उपनिदेशक अखिलेश कुमार सिंह से खास बातचीत की और जाना कि जनपद में टिड्डी दल के आने के बाद कितना नुकसान हुआ है.
दो दिशाओं से हुआ था हमला
कृषि उपनिदेशक अखिलेश कुमार ने बताया कि जनपद में रविवार को टिड्डी दल दो तरफ से आया था, जिसमें एक दल मैनपुरी से आया था. छोटा दल होने की वजह से यह हवा के रुख के साथ वापस चला गया. वहीं दूसरा दल बाह से होते हुए उदी के रास्ते से भर्थना से औरैया बॉर्डर की ओर तक गया. उन्होंने बताया कि इस दूसरे दल के लिए औरैया, इटावा समेत केंद्र सरकार की टीम ने पूरी तैयारी कर रखी थी.
5 हजार लीटर दवा थी तैयार
कृषि उपनिदेशक ने बताया कि हमनें 5 हजार लीटर दवा तैयार करवाई थी, जब इस दल शाम 7 से 8 बजे के बीच रुकना चाहा तो हमनें उसे जनपद के बॉर्डर तक भगा दिया. वहीं यह दल औरैया बॉर्डर के 8 किलोमीटर के दायरे में रात को रुका. हमने रात को 3 से 4 बजे के बीच दवा का छिड़काव कर इसे कंट्रोल कर लिया.
जनपद में नहीं हुआ ज्यादा नुकसान
कृषि उपनिदेशक ने कहा कि दल आने से पहले ही अधिकांश ग्रामीण जागरूक थे, जिस वजह से जब दल पहुंचा तो लोगों ने थाली, ताली, हॉर्न, धुंआ जैसे कई प्रयोग करने शुरू कर दिए, जिस वजह से दल ज्यादा नुकसान नहीं कर सका. वहीं उन्होंने बताया कि अभी हमारी और वित्त विभाग की टीम लगी है. यदि कोई नुकसान की बात पता चलती है तो मौके पर उसका मुआयना करके शासन स्तर से जो मदद होगी की जाएगी.
दोबारा दल आने की संभावना कम
कृषि उपनिदेशक ने बताया कि टिड्डी दल कानपुर देहात के पास है और हवा पश्चिमी होने की वजह से दल औरैया या कन्नौज जा सकता है. इसलिए इस दल आने की संभावना कम ही है. वहीं उन्होंने बताया कि यह दल हवा के साथ चलता है, यदि हवा का रूख इधर हो गया तो दल इधर भी आ सकता है. फिलहाल जनपद में अभी कोई दल नहीं है.