वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अस्थाई तौर पर बनने जा रहे 1,000 बेड के कोविड अस्पताल पर अब संकट घिर रहा है. विश्वविद्यालय के छात्रों ने इसका विरोध किया और कुलपति को प्रधानमंत्री के नाम का पत्रक दिया है. साथ ही छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय, मुख्यमंत्री, बीएचयू कुलपति, स्वास्थ्य मंत्रालय और जिलाधिकारी वाराणसी को भी पत्र लिखा है.
बर्खास्तगी की मांग
छात्रों ने अपनी समस्याओं के साथ बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के एमएस एवं विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर और पूर्व डिप्टी एमएस और पूर्व इमरजेंसी इंचार्ज की बर्खास्तगी की मांग की है. छात्रों ने यह भी मांग की कि एमपी थियेटर ग्राउंड में इस तरह का अस्पताल नहीं बनाया जाए. छात्रों ने कहा कि बीएचयू में बहुत से स्थान अस्पताल बनाने के लिए हैं. छात्रों ने कहा कि कोविड-19 का प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हम लोग कम संख्या में आए हैं.
6 सूत्री मांग के साथ प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
- मेडिसिन विभाग से सम्बन्धित सभी चिकित्सकों एवं रेजिडेंट डॉक्टर को आग्रह पूर्वक कोविड-19 मरीज की देखभाल में ड्यूटी लगाई जाए.
- सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में खाली पड़े सभी बेडों पर कोविड मरीजों के लिए व्यवस्था की जाए.
- सभी नर्सों, स्टाफ, तकनीकी सहयोगी एवं वार्ड सहायक को प्रचुर मात्रा में पीपीई किट, सैनिटाइजर, मास्क तत्काल प्रभाव से उपलब्ध कराया जाए.
- एमपी थिएटर ग्राउंड में वैकल्पिक अस्पताल को न खोला जाए, क्योंकि इससे आसपास के क्षेत्रों में महामारी फैलने का खतरा रहेगा.
- बीएचयू के खाली एमसीएच बिल्डिंग (एमएस ऑफिस के बगल में) और नवनिर्मित विभाग को कोविड सेंटर में तब्दील किया जाना चाहिए ताकि सरकार पर आर्थिक बोझ न पड़े और मरीज भी सुरक्षित रहें.
- प्रधानमंत्री से आग्रह है कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक और सर सुंदरलाल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट का तत्काल प्रभाव से इस्तीफा लिया जाए ताकि आम जन मानस के प्राणों की रक्षा हो सके.
छात्र अभिषेक उपाध्याय ने बताया कि हमारे यहां एमपी थिएटर ग्राउंड है, जहां पर विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन मिलकर कोविड-19 अस्पताल बनाने जा रहे हैं, जो विश्वविद्यालय के मध्य में स्थित है. आते-जाते लोग वहां से गुजरते हैं. हम लोग भी सुबह और शाम वहां पर प्रैक्टिस करते हैं. ऐसे में वहां पर 1,000 बेड के अस्थाई अस्पताल को न बनाया जाए, क्योंकि इससे संक्रमण फैल सकता है.
बीएचयू में बहुत से ऐसी जगह खाली हैं, जहां पर 1,000 बेड का अस्पताल बनाया जा सकता है. छात्र ने बताया कि नेत्रालय विभाग की एक नई बिल्डिंग खाली है. एमएस ऑफिस के बाहर भी एक बिल्डिंग पूरी तरह खाली है. इन बिल्डिंगों का इस्तेमाल करने से सरकार का खर्च भी कम होगा और यह जल्दी तैयार भी हो जाएगा. सूत्रीय मांगों का पत्रक हम लोगों ने कुलपति के माध्यम से प्रधानमंत्री तक भेजा है.