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मेरठ में सालों बाद दिखाई दिया रिंग के आकार का सूर्य ग्रहण

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में सूर्य ग्रहण 10:21 से शुरू होकर 1:50 पर समाप्त हुआ. जिले में विज्ञान प्रगति संस्था की ओर से सूर्य ग्रहण को दिखाने की व्यवस्था की गई. इसके लिए दो दिन से टीमें जुटी हुई थीं.

रिंग के आकार का सूर्य ग्रहण
रिंग के आकार का सूर्य ग्रहण
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Published : Jun 21, 2020, 5:35 PM IST

मेरठ: वर्षों बाद आज का सूर्य ग्रहण खास आकार का था. ऐसा सूर्यग्रहण वर्षों बाद ही देखने को मिलता है. दावा किया गया कि आज जो स्थिति सूर्यग्रहण की रही वो सैकड़ों वर्षो बाद ऐसी देखने को मिली है. मेरठ में विज्ञान प्रगति संस्था की ओर से सूर्य ग्रहण को दिखाने की व्यवस्था की गई. इसके लिए दो दिनों टीम द्वारा तैयारियां की जा रही थीं.

विज्ञान क्लब के जिला समन्वयक दीपक शर्मा ने बताया कि आज जो सूर्य ग्रहण दिखा, वह वर्षों बाद देखने को मिला है. यह सूर्यग्रहण कुंडल के आकार का था. चंद्रमा आज सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं सका, जिस कारण सूर्य के चारों ओर एक रिंग बनता दिखाई दिया. साधारण भाषा में इसे कंगन के आकार का भी कहा जा सकता है.

दीपक शर्मा ने बताया कि यह एक साधारण खगोलीय घटना है. साल में दो बार सूर्य ग्रहण होता है और दो बार ही चंद्रग्रहण होता है. इन दोनों के बीच में करीब 15 दिन का अंतर होता है. इसलिए सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण को किसी अंधविश्वास से जोड़ना सही नहीं है. उन्होंने बताया कि ग्रहण के समय सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी और पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी ने मिलकर ही ऐसे कंगन की आकृति वाला सूर्य ग्रहण बनाया. अधिकतम कंगन की शक्ल 30 सेकेंड तक रही. अब 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण दिखाई देगा.

मेरठ में सूर्य ग्रहण 10:21 से शुरू होकर 1:50 पर समाप्त हुआ. दीपक शर्मा ने बताया कि सूर्यग्रहण के दौरान तापमान में बदलाव दिखाई देता है. कुछ समय के लिए ऐसा लगता है कि मानो शाम हो गई, पक्षी भी वापस अपने घोंसलों की ओर लौटने लगते हैं. यह केवल एक साधारण घटना है. इसे किसी अंधविश्वास से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.

मेरठ: वर्षों बाद आज का सूर्य ग्रहण खास आकार का था. ऐसा सूर्यग्रहण वर्षों बाद ही देखने को मिलता है. दावा किया गया कि आज जो स्थिति सूर्यग्रहण की रही वो सैकड़ों वर्षो बाद ऐसी देखने को मिली है. मेरठ में विज्ञान प्रगति संस्था की ओर से सूर्य ग्रहण को दिखाने की व्यवस्था की गई. इसके लिए दो दिनों टीम द्वारा तैयारियां की जा रही थीं.

विज्ञान क्लब के जिला समन्वयक दीपक शर्मा ने बताया कि आज जो सूर्य ग्रहण दिखा, वह वर्षों बाद देखने को मिला है. यह सूर्यग्रहण कुंडल के आकार का था. चंद्रमा आज सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं सका, जिस कारण सूर्य के चारों ओर एक रिंग बनता दिखाई दिया. साधारण भाषा में इसे कंगन के आकार का भी कहा जा सकता है.

दीपक शर्मा ने बताया कि यह एक साधारण खगोलीय घटना है. साल में दो बार सूर्य ग्रहण होता है और दो बार ही चंद्रग्रहण होता है. इन दोनों के बीच में करीब 15 दिन का अंतर होता है. इसलिए सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण को किसी अंधविश्वास से जोड़ना सही नहीं है. उन्होंने बताया कि ग्रहण के समय सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी और पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी ने मिलकर ही ऐसे कंगन की आकृति वाला सूर्य ग्रहण बनाया. अधिकतम कंगन की शक्ल 30 सेकेंड तक रही. अब 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण दिखाई देगा.

मेरठ में सूर्य ग्रहण 10:21 से शुरू होकर 1:50 पर समाप्त हुआ. दीपक शर्मा ने बताया कि सूर्यग्रहण के दौरान तापमान में बदलाव दिखाई देता है. कुछ समय के लिए ऐसा लगता है कि मानो शाम हो गई, पक्षी भी वापस अपने घोंसलों की ओर लौटने लगते हैं. यह केवल एक साधारण घटना है. इसे किसी अंधविश्वास से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.

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