लखनऊ: कानपुर नगर के जिलाधिकारी द्वारा एक चिकित्सक पर मुकदमा दर्ज कराए जाने पर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने कड़ी आपत्ति जताई है. केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में चिकित्सकों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर उत्पीड़न और धमकाने का आरोप लगाया है.
'चिकित्कों का मनोबल तोड़ा जा रहा है'
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तर प्रदेश की केन्द्रीय कार्यकारिणी ने बैठक कर कहा कि इन परिस्थितियों में कार्य करना लगभग असंभव हो गया है. संघ के अध्यक्ष डॉ. सचिन वैश्य का कहना है कि इस तरह के प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे हैं एवं कोरोना महामारी की आड़ में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चिकित्सकों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. इससे चिकित्सकों का मनोबल टूट रहा है.
उच्च न्यायालय से संज्ञान लेने की अपील
संघ के महासचिव डॉ. अमित सिंह ने कहा कि इस समय केवल टीम भावना से ही कार्य किया जाना चाहिए, ना कि डरा और धमका कर. प्रदेश के सारे चिकित्सक इस घटना से बहुत ज्यादा आक्रोशित हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय को भी इस घटना का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए.
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग
चिकित्सा सेवा संघ ने प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से इस प्रकरण में उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की. डॉ. अमित सिंह ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लगातार किये जा रहे अमर्यादित व्यवहार चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों में हताशा बढ़ा रहा है.
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काम न करने की चेतावनी
डॉ. अमित सिंह ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब सभी चिकित्सक और पैरा मेडिकल कर्मचारी विवशता में अपने हाथ खड़े करने पर मजबूर हो जाएंगे. डॉ. सचिन वैश्य ने कहा कि नौकरशाही का चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों के प्रति यह रवैया बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.