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अलीगढ़: पीएम स्वनिधि योजना लागू, स्ट्रीट वेन्डरों को बिना गारन्टी 10 हजार रुपये मिलेगा ऋण

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पथ विक्रेताओं एवं रेहड़ी वालों की आजीविका एवं रोजगार दोबारा शुरू कराने के लिये भारत सरकार द्वारा किफायती दर पर कार्यशील पूंजी के रूप में ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी. अलीगढ़ जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने ये जानकारी दी.

पीएम स्वनिधि योजना लागू
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Published : Jun 27, 2020, 12:05 AM IST

अलीगढ़: कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते लागू लॉकडाउन से पथ विक्रेताओं एवं रेहड़ी वालों की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ा है, क्योंकि ये सामान्यतः थोड़ी पूंजी के साथ काम करते हैं. इसलिए इन पथ विक्रेताओं एवं रेहड़ी वालों की आजीविका एवं रोजगार दोबारा शुरू कराने के लिये भारत सरकार द्वारा किफायती दर पर कार्यशील पूंजी के रूप में ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी.

अलीगढ़ जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि पथ विक्रेताओं एवं रेहड़ी वालों के कल्याणार्थ भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि या पीएम स्वनिधि योजना लागू की गयी है.

योजना के अन्तर्गत 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 10 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी सरकारी बैंकों, गैर वित्तीय संस्थानों आदि के माध्यम से नगर निकाय क्षेत्रों में कार्यरत स्ट्रीट वेन्डर्स को ऋण दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने योजना की पात्रता एवं अन्य बिन्दुओं की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने पटरी कारोबारियों के लिए स्वनिधि योजना शुरू की है. इसके तहत रेहड़ी पटरी पर काम करने वालों को 10 हजार रुपये तक आसानी से कर्ज मिल सकेगा. इस साल 24 मार्च तक जो लोग रेहड़ी पटरी का काम कर रहे थे. उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि योजना से शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आये पथ विक्रेता आच्छादित किये जाएंगे. ऋण वापसी एक वर्ष में 12 मासिक किश्तों में करनी होगी. ऋण पर किसी भी प्रकार की बन्धक गारण्टी देय नहीं है.

समय पर या समय से पूर्व ऋण वापसी करने पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाएगी. डिजीटल लेनदेन पर 50-100 रुपये मासिक तक प्रोत्साहन स्वरूप कैश बैक प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सब्जी विक्रेता, फल विक्रेता जैसे दैनिक मजदूरी कमाने वाले अपनी आजीविका कमाते हैं. दस हजार रुपये की ये अल्पकालिक सहायता छोटे सड़क विक्रेताओं को अपने काम को फिर से शुरू करने में सक्षम करेगी, जो कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण बुरी तरह से प्रभावित है.

जिलाधिकारी सीबी सिंह ने योजना के सफल क्रियान्वन के लिये नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त, नगर निकायों में सम्बन्धित अधिशासी अधिकारी एवं जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक को नोडल नामित किया है. उन्होंने निर्देशित किया है कि वह अपने निकायों में इच्छुक पंजीकृत स्ट्रीट वेन्डर को शासन के निर्देशानुसार ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. ताकि अपना रोजगार एवं आजीविका पुनः शुरू कर सकें. उन्होंने जनपद स्तर पर जिला नगरीय विकास अभिकरण, डूडा को नोडल नामित करते हुए प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराने के निर्देश दिये हैं.

अलीगढ़: कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते लागू लॉकडाउन से पथ विक्रेताओं एवं रेहड़ी वालों की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ा है, क्योंकि ये सामान्यतः थोड़ी पूंजी के साथ काम करते हैं. इसलिए इन पथ विक्रेताओं एवं रेहड़ी वालों की आजीविका एवं रोजगार दोबारा शुरू कराने के लिये भारत सरकार द्वारा किफायती दर पर कार्यशील पूंजी के रूप में ऋण सुविधा प्रदान की जाएगी.

अलीगढ़ जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि पथ विक्रेताओं एवं रेहड़ी वालों के कल्याणार्थ भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि या पीएम स्वनिधि योजना लागू की गयी है.

योजना के अन्तर्गत 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 10 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी सरकारी बैंकों, गैर वित्तीय संस्थानों आदि के माध्यम से नगर निकाय क्षेत्रों में कार्यरत स्ट्रीट वेन्डर्स को ऋण दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने योजना की पात्रता एवं अन्य बिन्दुओं की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने पटरी कारोबारियों के लिए स्वनिधि योजना शुरू की है. इसके तहत रेहड़ी पटरी पर काम करने वालों को 10 हजार रुपये तक आसानी से कर्ज मिल सकेगा. इस साल 24 मार्च तक जो लोग रेहड़ी पटरी का काम कर रहे थे. उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि योजना से शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आये पथ विक्रेता आच्छादित किये जाएंगे. ऋण वापसी एक वर्ष में 12 मासिक किश्तों में करनी होगी. ऋण पर किसी भी प्रकार की बन्धक गारण्टी देय नहीं है.

समय पर या समय से पूर्व ऋण वापसी करने पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाएगी. डिजीटल लेनदेन पर 50-100 रुपये मासिक तक प्रोत्साहन स्वरूप कैश बैक प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सब्जी विक्रेता, फल विक्रेता जैसे दैनिक मजदूरी कमाने वाले अपनी आजीविका कमाते हैं. दस हजार रुपये की ये अल्पकालिक सहायता छोटे सड़क विक्रेताओं को अपने काम को फिर से शुरू करने में सक्षम करेगी, जो कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण बुरी तरह से प्रभावित है.

जिलाधिकारी सीबी सिंह ने योजना के सफल क्रियान्वन के लिये नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त, नगर निकायों में सम्बन्धित अधिशासी अधिकारी एवं जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक को नोडल नामित किया है. उन्होंने निर्देशित किया है कि वह अपने निकायों में इच्छुक पंजीकृत स्ट्रीट वेन्डर को शासन के निर्देशानुसार ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. ताकि अपना रोजगार एवं आजीविका पुनः शुरू कर सकें. उन्होंने जनपद स्तर पर जिला नगरीय विकास अभिकरण, डूडा को नोडल नामित करते हुए प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराने के निर्देश दिये हैं.

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